केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने आज कहा कि जीएसटी के बाद सरकार वस्तुओं, खासकर जरूरी और दैनिक उपयोग वाले सामान की आपूर्ति और कीमत पर नजर रख रही है
GST लागू होने के एक दिन बाद रविवार को केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने नई कर व्यवस्था के बारे में कई गलतफहमियों को दूर किया।
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि करदाताओं को हर महीने केवल एक ही बार GST रिटर्न फाइल करने की जरूरत है, जैसा कि वे इन दिनों कर रहे हैं।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि एथेनॉल समेत औद्योगिक उपयोग में आने वाले अल्कोहल पर नई व्यवस्था में 18 प्रतिशत की दर से कर लगेगा।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने चेतावनी देते हुए कहा कि GST लागू होने से पहले अगर कीमतें बढ़ी तो बाद में संबद्ध प्राधिकरण द्वारा बही खाते की जांच हो सकती है।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया का मानना है कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) के क्रियान्वयन के बाद मुद्रास्फीति में दो प्रतिशत की गिरावट आएगी।
कर राजस्व अगले दो सालों में 30 लाख करोड़ के आंकड़े को छू सकता है। साल 2014 में जब एनडीए की सरकार बनी थी तो कुल कर राजस्व 13 लाख करोड़ रुपए था।
देश में तकरीबन 8-9 लाख रजिस्टर्ड कंपनियां अपना सालाना रिटर्न कॉरपोरेट मंत्रालय के पास जमा नहीं करती हैं। इन कंपनियों से संभावित मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा है।
सरकार ने कहा कि GST लागू होने से कोई महंगाई नहीं बढ़ेगी बल्कि देश में बने माल विदेशी सामान की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक प्रतिस्पर्धी होंगे।
गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स व्यवस्था में सर्विस सेक्टर पर 18 प्रतिशत सर्विस टैक्स रेट लगाया जा सकता है, जो कि वर्तमान में 15 प्रतिशत है।
राजस्व विभाग ने जीएसटीएन (जीएसटी) में डीलरों के नामांकन की समय सीमा को एक महीने बढाकर अप्रैल अंत तक कर दिया है। केवल 60% ने ही पंजीकरण किया है।
कालेधन पर अंकुश के कदम के तहत अब तीन लाख रुपए से अधिक का नकद स्वीकार करने वालों को भारी जुर्माना देना पड़ेगा। इसकी शुरुआत एक अप्रैल से होगी।
कॉरपोरेट टैक्स घटाकर 25 फीसदी करने की घोषणा के दो साल बाद सरकार ने कहा कि ऐसी कोई भी कटौती तभी की जा सकती है, जब व्यक्तिगत इनकम टैक्स का आधार बढ़े।
राजनीतिक दलों को एक व्यक्ति से 2000 रुपए नगद चंदा लेने की सीमा तय करने के बाद अब हर साल दिसंबर में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने को अनिवार्य करने जा रही है।
सरकार ने वस्तु एवं सेवाकर (GST) की शुरुआत ठीक ढंग से करने के लिए विभिन्न पक्षों की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) तैयारियों का अधिया ने जायजा लिया है।
सरकार ने कहा है कि भारत-मॉरीशस के बीच कर संधि मौजूदा पी-नोट्स होल्डिंग्स पर लागू नहीं होगी।
सरकार ने कहा कि पीपीएफ का पैसा निकालने पर टैक्स नहीं लगेगा। प्रस्तावों के तहत सिर्फ ईपीएफ में किए गए योगदान पर जो ब्याज मिलेगा वही टैक्स के दायरे में होगा।
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