Kanwar Yatra 2022: इसी महीने 14 जुलाई से सावन का महीने शुरू हो रहा है। इसके साथ ही कांवड़ यात्रा(Kanwar Yatra) की भी शुरुआत हो जाएगी। प्रशासन की तरफ से खास तैयारी की गई है। यात्रा के दौरान लाठी-डंडे और अन्य हथियार पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे।
हरकी पौड़ी से कई फीट की ऊंचाई से बिना किसी डर के गंगा में छलांग लगाने वाली इस बुजुर्ग महिला की उम्र 70 वर्ष से ज्यादा है। इस उम्र में कोई भी इस तरह का स्टंट करने के बारे में तो सोच भी नहीं सकता है, मगर इस बुजुर्ग महिला ने इसे गलत साबित कर दिया है।
Uttrakhand: बच्ची की गंभीर हालत देखकर उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया। जिसके बाद सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की टीम उसके उपचार में जुट गई। बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए रात में ही सर्जरी की गई।
हादसे का शिकार हुए सभी लोग जयपुर के सामोद गांव के रहने वाले थे। पिता की अस्थियों का विसर्जन कर वाहन से हरिद्वार से लौट रहे थे। परिजन 23 साल बाद पिता की अस्थियां लेकर हरिद्वार गए थे। इस हादसे की जानकारी मिलते ही गांव में कोहराम मच गया।
मुरादाबाद मंडल के कुछ स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। स्टेशन मास्टर के ऑफिस में एक पत्र मिला है जिसमें लिखा है कि बरेली मंडल और मुरादाबाद मंडल के कुछ स्टेशनों को 21 मई को बम से उड़ा दिया जाएगा। पत्र में हरिद्वार सहित कई रेलवे स्टेशनों के साथ धार्मिक स्थलों को बम से उड़ाने की बात कही गई है।
Haridwar and Rishikesh Trip: आस्था का केंद्र होने के साथ साथ लोगों के छुट्टियों के लिए भी हरिद्वार और ऋषिकेश पहली पसंद बन गया है।
एसडीएम लक्सर संगीता कनौजिया अपने चालक गोविंद राम के साथ हरिद्वार से बाईपास मार्ग होते हुए लक्सर आ रही थीं, तभी लक्सर रुड़की मार्ग पर स्थित सोलानी पुल पर सामने से आ रहे ट्रक ने उनकी गाड़ी को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि गाड़ी के परखच्चे के उड़ गए।
हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण ने अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया और 5 अवैध कॉलोनियों को सील कर दिया।
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, "बंगाल से आया हूं, जिंदा बैठा हूं, यह भगवान की कृपा है। मुझ पर हमले हुए हैं, ज्यादा हमले वहां हुए जहां विशेष वर्ग रहता है।"
अदालत की अवमानना अधिनियम की धारा 15 के तहत सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आपराधिक अवमानना का मामला शुरू करने के लिए अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल की अनुमति पूर्व शर्त है।
हरिद्वार धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में पुलिस ने धर्मगुरु यति नरसिंहानंद गिरफ्तार कर लिया है। हेट स्पीच के मामले में वसीम रिजवी के बाद पुलिस ने यह दूसरी गिरफ्तारी की है।
हरिद्वार धर्म संसद में नफरती भाषण देने वाले वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस इस मामले में अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर सकती है।
बताया जा रहा है कि इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने हर की पौड़ी पर मां गंगा जी की पूजा अर्चना भी की। जब वह हरकी पैड़ी पर पहुंचे तब हर की पौड़ी पुलिस चौकी पर तैनात पुलिस कर्मियों को पता चलने पर उन्हें सुरक्षा प्रदान की गई। उनके यहां पहुंचने का कोई कार्यक्रम जिला प्रशासन या पुलिस महकमे के पास नहीं था।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "हरिद्वार में भड़काऊ भाषण, से जुड़े मामले में आरोपियों का नाम जोड़ने का क्या मतलब है, उन्हें गिरफ्तार करें उन पर यूएपीए के तहत मुकदमा चलाएं। मोदी जी योगी जी: आप चुप क्यों हैं?"
पत्र में कहा गया है कि सम्मेलनों की आड़ में देश की धार्मिक स्वतंत्रता को कुचलने की कोशिश की जा रही है। सम्मेलनों के जरिए किए जा रहे घर वापसी और नहसंहार के आह्वान से देश के अल्पसंख्यकों के मन में खतरा पैदा हो रहा है। अधिवक्ताओं ने चीफ जस्टिस से मामले का संज्ञान लेने का आग्रह किया है।
हरिद्वार में 'धर्म संसद' में भड़काऊ भाषण देने के मामले में वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है। दरअसल हरिद्वार में वेद निकेतन आश्रम खड़खड़ी में तीन दिन तक धर्म संसद का आयोजन किया गया था।
सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत अन्य सैन्य अधिकारियों का 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर दुर्घटना में आकस्मिक निधन हो गया था। आज वीआईपी घाट पर जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियां विसर्जित की गई।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। 3, कामराज मार्ग से निकली अंतिम यात्रा में लोग कई जगहों पर नम आंखों के साथ पुष्पवर्षा करते दिखे।
पुलिस के अनुसार, पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले एक व्यक्ति को 22 अप्रैल को एक एसएमएस आया जिसमें बताया गया था कि उनकी कोविड जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। विपिन ने दावा किया कि उन्होंने कभी कोविड जांच करवाई ही नहीं था।
हरिद्वार में नारायणी शिला के पास पूर्वजों का पिंडदान किया जाता है। यहां गऊ घाट, ब्रह्म घाट, हर की पौड़ी पर भी श्राद्ध किया जाता है। माना जाता है कि यहां पर पिंडदान करने से पितरों का आशीर्वाद हमेशा पिंडदान करने वाले पर बना रहता है।
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