आरक्षण की मांग को लेकर 19 दिनों से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे हार्दिक पटेल ने अपना उपवास खत्म कर दिया।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को पाटीदार नेता हार्दिक पटेल से अनिश्चितकालीन अनशन खत्म करने का अनुरोध किया। वह पिछले 18 दिन से अनशन कर रहे हैं।
अस्पताल से छुट्टी मिलने से पहले हार्दिक ने अपने समर्थकों से फेसबुक लाइव के जरिए कहा कि वह अपने आवास पर भूख हड़ताल जारी रखेंगे।
पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने अपने समुदाय के लिए आरक्षण और किसानों का कर्ज माफ करने की मांग पर अपना अनिश्चितकालीन अनशन अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान शनिवार को भी जारी रखा।
पाटीदार अनामत आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को अनिश्चितकालीन अनशन के 14वें दिन सांस लेने में दिक्कत की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया।
गुजरात के कांग्रेस प्रभारी राजीव सातव के हार्दिक के पास जाने के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छिड़ गई। हार्दिक यहां 25 अगस्त से अनशन पर बैठे हुए हैं।
समुदाय के छह विभिन्न संस्थाओं से संबद्ध पाटीदार नेताओं के साथ बैठक के बाद गुजरात के ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि पाटीदार नेता अपना अनशन खत्म कर लें।
यशवंत सिन्हा ने कहा, केंद्र और राज्य की सरकारों को छोड़कर बाकी पूरा देश हार्दिक के अनशन से हिल उठा है।
गुजरात सरकार ने मंगलवार को दावा किया कि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का आरक्षण आंदोलन कांग्रेस के समर्थन वाली राजनीति से प्रेरित मुहिम है।
हार्दिक पटेल अपने समुदाय के लिए आरक्षण और किसानों की ऋण माफी की मांग को लेकर अनशन पर हैं।
हार्दिक पटेल के अनशन का सोमवार को 10वां दिन है। उन्होंने 24 अगस्त से पानी त्याग दिया है।
पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल से एक अदालत ने आज कहा कि वह राजद्रोह के मामले में 14 सितंबर को पेश हों। सत्र अदालत पटेल तथा उनके दो पूर्व सहयोगियों के खिलाफ मामले में 14 सितंबर से आरोप तय करना शुरू करेगी।
हार्दिक ने 25 अगस्त से आरक्षण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठने की घोषणा की थी।
इस मामले में 14 अन्य लोगों को बरी कर दिया गया है। आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की पहला घटना 23 जुलाई 2015 को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर में हुई थी। इस दौरान जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी।
हार्दिक पटेल ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर पोस्ट वीडियो संदेश में कहा कि अपने समुदाय के सदस्यों के लिए आरक्षण प्राप्त करना उनकी प्राथमिक चिंता है...
शिकायत में कहा गया है कि तीनों अपने समर्थकों के साथ महिला के घर में ऐसे समय में घुसे जब वहां कोई पुरुष सदस्य नहीं था।
अपने भाषण में पटेल ने अपना परिचय देते हुए कहा , ‘‘ मेरा नाम है कुर्मी , कुशवाहा , धानुक हार्दिक पटेल। ’’
हार्दिक पिछली बार जब दिसंबर, 2016 में पटना आए थे, तब वह पटना हवाईअड्डे से सीधे मुख्यमंत्री नीतीश के आधिकारिक आवास पर गए थे और राज्य सरकार ने उन्हें वीआईपी सत्कार दिया था।
हार्दिक पटेल ने 14 जून को संवाददाताओं को बताया था कि रूपानी ने एक दिन पहले हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस्तीफा दे दिया था और दावा किया था कि राज्य को अगला मुख्यमंत्री ‘‘10 दिन के अंदर’’ मिल जाएगा...
पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने आज गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के इस्तीफे का दावा करके विवाद पैदा कर दिया। हालांकि रूपाणी ने इसे ‘असत्य’ और ‘‘झूठी अफवाह’’ बताकर खारिज कर दिया।
संपादक की पसंद