America scared of Taliban: दुनिया के मोस्ट पॉवरफुल देश अमेरिका ने भले ही पाकिस्तान में घुसकर कभी लादेन को मारा हो तो कभी अफगानिस्तान में घुसकर अलकायदा के दूसरे सरगना अलजवाहिरी को मौत के घाट उतार दिया हो, लेकिन तालिबानी आतंकवादियों से डर गया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को घोषणा की कि केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) द्वारा काबुल में शनिवार शाम किए गए ड्रोन हमले में जवाहिरी मारा गया है। जवाहिरी काबुल स्थित एक मकान में अपने परिवार के साथ छिपा था।
अनस हक्कानी को तत्कालीन अफगानिस्तान सरकार के इशारे पर साल 2014 में कतर में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसे अफगानिस्तान में प्रत्यर्पित कर दिया गया। अब अनस ने इस पूरे घटनाक्रम को गैरकानूनी बताया है।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी संगठन अलकायदा कमजोर नहीं पड़ा है और पाकिस्तान से संचालित लश्कर-ए-तैयबा और हक्कानी नेटवर्क आदि आतंकी गुटों के साथ उसका सहयोग का सिलसिला जारी है लेकिन उसके सरगना अयमन मुहम्मद अल-जवाहिरी की सेहत और उसके बाद संगठन के काम करने के तरीके को लेकर संदेह बरकरार है।
अफगानिस्तान के सबसे खतरनाक आतंकवादी समूहों में शामिल हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक जलालुउद्दीन हक्कानी की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गयी है। यह घोषणा हक्कानी नेटवर्क के सहयोगी संगठल अफगान तालिबान ने मंगलवार को की।
ड्रोन हमले कर अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर उसने आतंकियों पर कार्रवाई नहीं की तो ऐसी कार्रवाई और होगी...
अफगानिस्तान की सीमा से लगने वाली पाक के अशांत कबायली क्षेत्र कुर्रम एजेंसी में आज अमेरिकी ड्रोन हमले में हक्कानी नेटवर्क के कमांडर तथ दो अन्य मारे गए।
अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने आगाह किया है कि पाकिस्तान का राजनीतिक नेतृत्व अगर हक्कानी नेटवर्क और उसके यहां सुरक्षित पनाह रखने वाले अन्य आतंकी गुटों के साथ अपने रिश्तों में बदलाव की प्रक्रिया शुरू नहीं करता तो वह देश पर अपनी पकड़ खो देगा।
ट्रंप ने इससे पहले पाकिस्तान की आलोचना उसके द्वारा आतंकवादियों को लगातार दिए जा रहे समर्थन की वजह से करते हुए चेतावनी दी थी कि अगर इस्लामाबाद का यही रवैया रहा तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे...
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि यदि अमेरिका इस बात के सुबूत दे कि पाक के भीतर आंतकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क के सुरक्षित पनाहगाह हैं तो वे उन्हें नष्ट करने के लिए अमेरिका के साथ संयुक्त अभियान के लिए तैयार हैं।
पाकिस्तान में शरणार्थयिों के लिए आवाज उठाने का दावा करने वाले एक समूह ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को पाकिस्तान में मौजूद आतंकवाद के पनाहगाहों को खत्म करने के लिए हर संभव तरीके का इस्तेमाल करना चाहिए।
अमेरिका ने पाकिस्तान को करारा झटका देते हुए आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मिलने वाला फंड रोक दिया है।
पेंटागन ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि तालिबान और हक्कानी नेटवर्क सहित अफगान स्थित उग्रवादी समूहों को पाकिस्तान सरकार में शामिल तत्वों के समर्थन से लाभ मिल रहा है।
संपादक की पसंद