हनुमान मंदिर एक प्राचीन मंदिर है। यह दिल्ली में पांडवों द्वारा स्थापित पांच मंदिरों में से एक माना जाता है। सन् 1724 में तत्कालीन जयपुर रियासत के महाराज जयसिंह ने इसका फिर से जीर्णोद्धार करवाया। कहा जाता है कि गोस्वामी तुलसीदास 16वीं सदी में जब दिल्ली आए तब वे इस मंदिर में भी दर्शन को आए थे।
हनुमान जी को समर्पित यह मंदिर करीब 350 साल पुराना बताया जाता है। इस मंदिर की स्थापना श्री समर्थ्य रामदास जी ने की थी। जानिए इस मंदिर के बारे में विशेष बातें।
राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक क्षेत्र में स्थित जिस हनुमान मंदिर को तोड़ा गया था उस जगह के पास रातभर में ही नया हनुमान मंदिर तैयार कर दिया गया है। स्थानीय लोगों ने रातभर में ही नया हनुमान मंदिर स्थापित कर दिया है। पहले जिस मंदिर को तोड़ा गया था वह चांदनी चौक सड़क के एक तरफ था लेकिन अब जो नया मंदिर बना है वह पुराने मंदिर वाली जगह के पास दोनों तरफ की सड़क के बीच में बनाया गया है। दोनों तरफ की सड़क के बीच बने डिवाइडर पर नए हनुमान मंदिर को रातोरात तैयार किया गया है। पुराने मंदिर को जनवरी की शुरुआत में तोड़ दिया गया था।
लखनऊ के अलीगंज इलाके में स्थित इस् मंदिर को बड़े हनुमान जी का मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर का इतिहास त्रेता युग से जुड़ा हुआ बताया जाता है। मान्यता है कि माता सीता को वन में छोड़ने जाते समय हनुमान जी और लक्ष्मण इसी स्थान पर रुके थे। तभी यहां हनुमान जी के मंदिर का निर्माण किया गया है।
दिल्ली के चांदनी चौक में तोड़े गए हनुमान मंदिर को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है ।
ये मंदिर है बिहार की राजधानी पटना में। पटना रेलवे स्टेशन के ठीक सामने बना वीर महावीर का ये मंदिर अति सिद्ध बताया जाता है। हर वर्ष लाखों यात्री इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।
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