देश में बीते करीब तीन दशक के फांसी के इतिहास पर नजर डाली जाए तो साल 1991 से अब तक 16 मुजरिमों को फांसी के फंदे पर झुलाया जा चुका है।
तिहाड़ जेल के पूर्व पीआरओ सुनील गुप्ता ने बताया कि दोषियों को दोनों हाथ पीछे बांधकर फांसी के तख्ते तक लेकर जाया जाता है, फिर तख्ते पर दोनों पैर भी बांध दिए जाते हैं और सिर पर एक थैला डाल दिया जाता है।
निर्भया रेप-हत्या कांड मामले में अभी तक दोषियों को फांसी नहीं दिए जाने से आहत एक सामाजिक कार्यकर्ता ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग की है।
बिहार की बक्सर जेल को इस सप्ताह के अंत तक फांसी के दस फंदे तैयार रखने का निर्देश दिया गया है, जिससे यह कयास लगाया जा रहा है कि ये दिल्ली के बहुचर्चित निर्भया मामले के दोषियों के लिए हो सकते हैं।
पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान जेल भेजे गए आरोपी और लड़की के बीच दो माह के अंतराल में फोन पर 122 बार बातचीत हुई थी।
भारत में धधकती आजादी की आंच पूरी दुनिया तक पहुंचे इसलिए भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने आठ अप्रैल को ही दिल्ली के सेंट्रल एसेंबली हॉल में बम फेंका था...
Noida: Cheated by lover, girl commits suicide by hanging herself | 2017-08-10 07:29:23
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