तीसरा फेज 16 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के जिलों में लागू हुआ है। सरकार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। कीमती धातु की शुद्धता के प्रमाण के तौर पर हॉलमार्किंग 16 जून, 2021 तक स्वैच्छिक रूप से लागू थी।
एक अप्रैल, 2022 से 31 जुलाई 2022 तक 3.7 करोड़ गहनों की हॉलमार्किंग की गई।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार देश के 256 जिलों में सोने के आभूषणों की अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू हो चुकी है और सभी जिलों तक इसका विस्तार करने की तैयारी है।
हॉलमार्किंग गोल्ड ज्वेलरी पर तीन निशान होंगे, जिसमें बीआईएस मार्क, शुद्धता कैरेट में और गोल्ड के लिए फाइननेस (उदाहरण 22के916, 18के750, 14के585) और छह अंकों का अल्फान्यूमेरिक एचयूआईडी कोड होगा।
स्वर्ण आभूषणों की 16 जून से चरणबद्ध तरीके से हॉलमार्किंग करना अनिवार्य किया गया है। सरकार ने पहले चरण के कार्यान्वयन के लिए 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 256 जिलों की पहचान की है।
ऐसा अनुमान है कि भारत में हर साल 10.12 करोड़ गोल्ड ज्वेलरी पीस बनाए जाते हैं। इसके अलावा 6-7 करोड़ पीस का मौजूदा स्टॉक भी हॉलमार्किंग के लिए बचा है।
स्वर्ण आभूषणों पर हॉलमार्किंग कीमती धातु की शुद्धता का प्रमाणन है। यह अब तक स्वैच्छिक था। पहले चरण के क्रियान्वयन के लिए 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 256 जिलों की पहचान की है।
उद्योग संगठन ने इस बारे में उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर कहा है कि बीआईएस ने अपनी वेबसाइट पर जो एफएक्यू जारी किया है, उसमें काफी पेंच है और अस्पष्टता है।
जीजेसी ने सभी आभूषण विक्रेताओं से खुद को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के साथ पंजीकृत कराने का आग्रह किया है।
खरा सोना खरीदना अब आपके लिए आसान होगा। सरकार ने 16 जून से सोने की ज्वैलरी पर अनिवार्य गोल्ड हॉलमार्किंग के नियम को लागू कर दिया है।
16 जून से देश के 256 जिलों में अनिवार्य हॉलमार्किंग योजना लागू हो गयी है। जिसके बाद अब हॉलमार्किंग वाली ज्वैलरी ही बिक्री के लिये उपलब्ध होगी
16 जून से केवल 14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषण बेचने की अनुमति होगी। अतिरिक्त 20, 23 और 24 कैरेट के सोने के लिए भी हॉलमार्किंग की अनुमति होगी।
कई बार डैड लाइन बढ़ने के बाद आखिरकार आज से देश भर में गोल्ड हॉलमार्किंग का नियम लागू हो गया है।
कल नया महीना शुरू होने जा रहा है। जून का यह महीना कई बड़े बदलाव लाने जा रही है।
ग्राहकों को सोने की खरीद में होने वाली धोखाधड़ी से बचाने के लिये सरकार जल्द से जल्द गोल्ड हॉलमार्किंग को अनिवार्य करना चाहती है
गडकरी ने गोयल से आग्रह करते हुए कहा कि आपसे अनुरोध है कि इस मुद्दे को देखें और भारत सरकार के नियमों एवं दिशा-निर्देशों के तहत उचित कदम उठाने का कष्ट करें।
देश में पहली जून से सोने की ज्वैलरी में बीआईएस की हॉलमार्किंग अनिवार्य होगी, और सिर्फ 22 कैरट, 18 कैरट और 14 कैरट के सोने के गहनों की ही बिक्री हो सकेगी।
जीजेसी ने कोविड-19 स्थिति के कारण हॉलमार्किग समय-सीमा को जून 2021 के बजाये जून 2022 तक बढ़ाने की मांग की है।
1 जून से, ज्वेलर्स को केवल 14,18 और 22 कैरेट की गोल्ड ज्वेलरी ही बेचने की अनुमति होगी।
गोल्ड ज्वैलरी और गोल्ड आर्टिफैक्ट की हॉलमार्किंग के लिए समयसीमा को बढ़ा कर पहली जून 2021 कर दिया है। पहले इसके लिए 15 जनवरी 2021 की समयसीमा दी गई थी। नियमों के मुताबिक तय सीमा के बाद से ज्वैलर्स सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट की हॉलमार्क ज्वैलरी ही बेच सकेंगे
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