उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुश्कर सिंह धामी हल्द्वानी पहुंचे। यहां उन्होंने हिंसाग्रस्त इलाके में स्थिति का जायजा लिया और घायलों से अस्पताल में मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह हमला सुनियोजित था और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि इस मामले में कोर्ट में सुनवाई होनी थी लेकिन उससे पहले ही प्रशासन के कुछ उतावले अधिकारियों ने यह कार्रवाई कर दी। अगर थोड़ी भी सावधानी बरती जातो तो इससे बचा जा सकता था।
हल्द्वानी हिंसा पर नैनीताल की डीएम और एसएसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कई अहम जानकारियां दी हैं। इस दौरान डीएम वंदना सिंह ने बताया कि 15 दिन से अतिक्रमण हटाने की ड्राइव चल रही थी।
हल्द्वानी हिंसा मामले को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में हाई कोर्ट में 14 फरवरी को सुनवाई होनी थी। यह स्थान मुस्लिम बहुल क्षेत्र में स्थित है और 1937 से मुस्लिम पक्ष द्वारा लीज पर लिया हुआ है।
उत्तराखंड के हल्द्वानी में गुरुवार शाम को एक माजर के ध्वस्तीकरण के बाद हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है तो वहीं 200 पुलिसकर्मियों समेत 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
उत्तराखंड के हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में गुरुवार को अतिक्रमण हटाने गई टीम को भारी हिंसा का सामना करना पड़ा गया। अराजक तत्वों ने पुलिस और प्रशासन के ऊपर पथराव कर दिया और कई वाहनों में आग लगा दी है। सीएम धामी ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए हैं।
काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर चलती ट्रेन से महिला के फिसलने का वीडियो सामने आया है। मौके पर मौजूद पुलिस जवानों ने महिला की जान बचाई। घटना लखनऊ-काठगोदाम एक्सप्रेस की है।
हल्द्वानी का ऑटो शोरूम कारोबारी अंकित चौहान 14 जुलाई को घर से निकला था और रात को नहीं लौटा। 15 जुलाई की सुबह तीनपानी रेलवे क्रॉसिंग के पास उसका शव उसकी कार की पिछली सीट पर मिला था।
जिस दौरान युवक ने सांप को खाया, वह नशे की हालत में था और थोड़ी ही देर में सांप की मौत हो गई। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद वन विभाग और पुलिस ने शख्स को गिरफ्तार कर लिया है।
उत्तराखंड के हल्द्वानी से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां की जेल में 44 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं, जिसमें एक महिला कैदी भी एचआईवी संक्रमित है।
भोटियापड़ाव पुलिस थाने के थानाध्यक्ष हरेंद्र चौधरी मौके पर पहुंचे और पाया कि सिद्दीकी का मकान अवैध निर्माण है जिसके बाद उन्होंने उसे सील कर दिया।
ओवैसी ने कहा, ‘‘ उत्तराखंड और केंद्र सरकार में सत्ता में रहने के दौरान कांग्रेस ने इस मुद्दे को क्यों नहीं सुलझाया? अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार और उत्तराखंड सरकार को हल्द्वानी में लोगों के मकानों को नियमित करना चाहिए और उन्हें राहत देनी चाहिए। ’’
Supreme Court On Haldwani Encroachment: हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक उत्तराखंड के हल्द्वानी के बनभूलपुरा में रेलवे की 78 एकड़ जमीन से 4000 परिवारों को बेदखल करने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है.
Haldwani के अतिक्रमण पर थोड़ी देर में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। बनभूलपुरा के बहाने एक नया मुस्लिम महागठबंधन बन रहा है। एक नया मुस्लिम आंदोलन पटरी पर आ गया। Uttarakhand के Haldwani को क्यों चुना गया ? #BulldozerActionInHaldwani
उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की ज़मीन से साढ़े चार हज़ार घरों को हटाने के मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई है।याचिककर्ताओं की दलील है कि बनभूलपुरा में जो लोग 100 साल से रह रहे हैं, उन्हें इस तरह हटाना ठीक नहीं हैं। #BulldozerActionInHaldwani
Haldwani में रेलवे की ज़मीन से चार हज़ार पांच सौ घरों को खाली करने की कवायद का मामला अब Supreme Court पहुंच गया है। #BulldozerActionInHaldwani #SamajwadiParty #Uttarakhand #hindinews#indiatv
एक नया मुस्लिम महागठबंधन बन रहा है. इस बार Delhi से करीब 300 किमी दूर बन रहा है. हल्द्वानी में नई बिरयानी पक रही है.पकाने वाले तो कुछ लोग वही हैं जो शाहीन बाग में पका रहे थे. एक नया मुस्लिम आंदोलन पटरी पर आ गया. छोटे छोटे बच्चों के हाथों में तख्तियां हैं.
उत्तराखंड के हल्द्वानी में अतिक्रमण के खिलाफ एक्शन में मजहब का एंगल आ गया है। यहां धर्म की स्क्रिप्ट तैयार की जा रही है, यहां भी शाहीन बाग की तरह प्रदर्शन और धरने शुरू हो गए हैं।
Uttarakhand High Court ने Haldwani के बनभूलपुरा एरिया में रेलवे की 82 एकड़ जमीन को खाली कराने का आदेश दिया है। जिसके बाद प्रशासन ने घर खाली करने के लिए मुनादी शुरू कर दी है। #Haldwani #Uttarakhand
हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ हर दिन क़रीब 2-3 हज़ार की संख्या में स्थानीय महिलाएं यहां पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही हैं। ये दोपहर में 2:30 से लेकर शाम के साढ़े चार बजे तक शांतिपूर्ण तरीक़े से विरोध प्रदर्शन नहीं कर रही हैं।
संपादक की पसंद