महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने मटन को लेकर मल्हार सर्टिफिकेशन दिए जाने का ऐलान किया है। इसके बाद से महाराष्ट्र की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। बीजेपी, शिंदे गुट की शिवसेना और कांग्रेस के नेताओं के बयान सामने आए हैं।
महाराष्ट्र में नितेश राणे ने झटका मटन बेचने वाली दुकानों के रजिस्ट्रेशन और सर्टिफिकेशन का ऐलान किया है। राणे के इस ऐलान के बाद अब सूबे में ‘हलाल’ और ‘झटका’ मटन पर सियासत शुरू हो गई है।
उत्तराखंड में UCC लागू हो जाने के बाद हलाला और इद्दत प्रथा बंद हो गई हैं। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर ये कौन सी प्रथाएं हैं।
कैबिनेट मिनिस्टर अविनाश गहलोत ने कहा कि हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट बैन होना चाहिए। उन्होंने कहा, हलाल से जुड़े प्रोडक्ट्स का पैसा कहां जा रहा है, ये पता लगना चाहिए। हमारी जानकारी में आया है कि इस तरह का पैसा लव जिहाद और देश विरोधी ताकतों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है लिहाजा इसकी जांच बेहद जरूरी है।
मौलाना महमूद मदनी से आप की अदालत कार्यक्रम में हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स को लेकर कई सवाल पूछे गए। इस पर उन्होंने कहा कि हलाल सर्टिफिकेशन सिस्टम को सरकारी विभागों के सलाह पर ही बनाया गया है।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कांवर यात्रा के रूट पर लगी दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के आदेश पर काफी हंगामा हो रहा है। हालांकि, सीएम योगी की सरकार ने अब इस आदेश को पूरे यूपी के लिए लागू कर दिया है।
उत्तर प्रदेश के जौनपुर से आई एक खबर में एक महिला को पहले तो उसके पति ने तीन तलाक दिया और बाद हलाला के नाम पर कथित तौर पर उसके देवर ने उसके साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया।
यूपी के मुजफ्फरनगर से सामने आए एक शर्मसार कर देने वाले मामले में एक शख्स ने न सिर्फ अपनी पत्नी को विदेश से फोन पर ही तीन तलाक दे दिया, बल्कि भारत आने के बाद अपने मामा के बेटे के साथ उसका हलाला भी करवाया।
हलाल सर्टिफिकेट देने को लेकर अवैध वसूली करने मामले में यूपी एसटीएफ ने हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इन सभी पर हलाल सर्टिफिकेट देने को लेकर अवैध वसूली करने का आरोप है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हमें हलाल मीट खिलाकर हिंदू धर्म को भ्रष्ट करने की साजिश की जा रही है। मैं हिंदुओं से अपील करूंगा कि वह हलाल नहीं बल्कि झटका मीट खाएं।
उत्तर प्रदेश के बाद अब महाराष्ट्र में हलाल प्रोडक्ट्स पर बैन की मांग शुरू हो गई है। इस बाबत राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एक खत लिखा गया है। इस खत में मांग की गई है कि राज्य में हलाल सर्टिफिकेट वाले प्रोडक्ट्स पर बैन लगाई जाए।
उत्तर प्रदेश STF के बुलावे के बाद इन सभी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं क्योंकि लखनऊ पुलिस पहले ही मामले की FIR दर्ज कर चुकी है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसके साथ ये दावा किया जा रहा है कि एक दादा ने अपनी बहू के साथ हलाला के लिए निकाह किया और फिर उसने महिला को छोड़ने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उसका पोता बुजुर्ग शख्स से झगड़ रहा है। लेकिन हमारे फैक्ट चेक में ये वीडियो एक नाटक का क्लिप निकला।
यूपी में हलाल के उत्पाद बैन कर दिए गए हैं। ऐसे में अब इसको लेकर बवाल मचा हुआ है। वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता कासिम रसूल इलियास ने कहा है कि यह सब सरकार के हिंदू-मुस्लिम एजेंडे का हिस्सा है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बयान में कहा कि हलाल सर्टिफिकेट दिए जाने पर पाबंदी मजहबी आजादी छीनने की कोशिश और महजबी मामलों में दखलंदाजी है।
पिछले कुछ दिनों से हलाल सर्टिफिकेट को लेकर बवाल मचा है और इसे लेकर अब सियासत भी खूब हो रही है। उत्तर प्रदेश के बाद बिहार में भी इसके सुर तेज होने लगे हैं और राज्य में हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स की बिक्री पर बैन लगाने की मांग हो रही है।
PDP सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स को लेकर बीजेपी पर विवाद पैदा करने का आरोप लगाया और कहा कि ये सिर्फ ध्यान भटकाने वाली रणनीति है।
गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कहा है कि यूपी की तरह बिहार सरकार भी सख्त कदम उठाए और हलाल प्रोडक्ट्स पर बैन लगाते हुए पूरे मामले की जांच करे।
हलाल प्रोडक्ट को लेकर चल रहे मामले पर रज़ा अकादमी के मौलाना खलील उर रहमान ने यूपी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि हमारी थाली में आकर देखोगे क्या कि हम हलाल खा रहे हैं या हराम खा रहे हैं। आपको क्या हक है, आपके बाप का राज है?
आम तौर पर हलाल सर्टिफिकेशन वेज और नॉन-वेज दोनों तरह के प्रोडक्ट के लिए होता है। यह इस बात की गारंटी माना जाता है कि संबंधित प्रोडक्ट को मुस्लिमों के हिसाब से बनाया गया है, मतलब प्रोडक्ट में ऐसी कोई चीज नहीं है, जिसे इस्लाम में हराम माना गया है।
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