बराक ओबामा कार्यकाल के जीवनसाथी को कार्य परमिट देने के इस फैसले को खत्म करने से 70,000 से अधिक एच -4 वीजाधारक प्रभावित होंगे जिनके पास कार्य परमिट है।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन H-1B वीजा प्रक्रियाओं को तर्कसंगत बनाने के प्रस्ताव पर काम कर रहा है। यह वीजा भारतीय आईटी पेशेवरों में काफी लोकप्रिय है। संघीय एजेंसी के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि बेहतरीन और सर्वश्रेष्ठ विदेशी प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप सरकार H-1B वीजाधारकों के जीवनसाथियों के लिए वर्क परमिट को समाप्त करने की योजना बना रही है। यानी कि यदि पति के पास H-1B वीजा है, तो पत्नी को भी कार्य करने की अनुमति नहीं होगी। इसी तरह पत्नी के पास वीजा होने पर पति को वर्क परमिट नहीं मिलेगा।
ट्रंप प्रशासन के एच-1बी वीजा धारकों के पति अथवा पत्नी के काम के अधिकार को समाप्त करने के बारे में फैसला टाले जाने से भारतीय कर्मचारियों और उनके परिजनों को बड़ी राहत मिली है।
अमेरिका की तकनीकी कंपनियों ने ट्रंप सरकार से अनुरोध किया है कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में कुछ एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथियों को दिया गया काम करने का परमिट वह बनाए रखें।
एक शीर्ष रिपब्लिकन सीनेटर का कहना है कि भारतीय तकनीकी पेशेवरों के बीच लोकप्रिय एच1बी कार्य वीजा अमेरिकी कर्मियों को जोखिम में डालता है।
अमेरिका हर साल 85,000 उच्च प्रशिक्षित आवेदकों को एच-1 वीजा देता है जिसमें 70 फीसदी भारतीय शामिल हैं...
अमेरिका के शीर्ष सांसदों ने आज ट्रंप प्रशासन के इस फैसले का समर्थन किया कि वह ऐसे किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रहा है जिससे एच-1बी वीजा धारकों को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया जाए।
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवरों के लिये राहत की खबर है। अमेरिकी अधिकारियों ने आज कहा कि ट्रंप प्रशासन ऐसे किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रहा है जिसमें एच-1बी वीजा धारकों को देश छोड़ने पर मजबूर किया जाये।
अमेरिका के कुछ सांसदों और लॉबिंग समूहों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एच-1बी वीजा नियमों में बदलाव किए जाने का विरोध किया है।
भारत के सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवरों द्वारा प्रमुख तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले एच1बी वीजा को अमेरिका और विस्तार नहीं देने संबंधी नियम बनाने पर विचार कर रहा है।
ट्रंप प्रशासन H-1B वीजाधारकों के जीवनसाथी (पति या पत्नी) को अमेरिका में काम करने से रोक सकता है। ट्रंप प्रशासन ओबामा के कार्यकाल में बने नियम को रद्द करने पर विचार कर रहा है।
एच1बी वीजा पर अमेरिका गए विदेशी पेशेवर एक से अधिक कंपनियों के लिए काम कर सकते हैं। भारतीय आईटी पेशेवरों में यह वीजा काफी लोकप्रिय है।
भारतीय वाणिज्यमंत्री सुरेश प्रभु ने शनिवार को कहा कि एच1बी और एल1 वीजा के मुद्दे पर अमेरिकी प्रशासन से बात की गई है।
ट्रंप प्रशासन ने एक नया दिशानिर्देश जारी करक एच-1बी और एल1 जैसे गैर-अप्रवासी वीजाओं के नवीनीकरण को और मुश्किल कर दिया है और कहा है कि वीजा अवधि बढ़ाने की मांग करते समय भी साक्ष्य दिखाने की जिम्मेदारी आवेदक की होगी।
अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन अपने पहले पाकिस्तान दौरे के बात बुधवार को पहली बार भारत पहुंचे।
एच1-बी वीजा कार्यक्रम के नियमों में कड़ाई किए जाने से अमेरिका के सूचना प्रौद्योगिकी आईटी क्षेत्र को खुले तौर पर भारत जैसे देशों से अच्छी प्रतिभाओं को आकर्षित करने में मुश्किल...
ट्रंप प्रशासन ने फैसला इस आकलन के बाद किया है कि अमेरिकी कंपनियों की जरूरत को सिर्फ अमेरिकी कर्मचारियों से पूरा नहीं किया जा सकता है इसलिए H2B वीजा जरूरी है
PM मोदी रविवार को अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान एपल, वॉलमार्ट जैसी कंपनियों के CEO के साथ बैठक में भारत में नौकरियां बढ़ाने पर विचार विमर्श करेंगे।
इन्फोसिस टेक्नोलाजीज के CEO विशाल सिक्का ने कहा- यह कहना या सोचना गलत होगा कि हम (IT कंपनियां) H1B वीजा पर निर्भर हैं
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