भारत के सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवरों द्वारा प्रमुख तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले एच1बी वीजा को अमेरिका और विस्तार नहीं देने संबंधी नियम बनाने पर विचार कर रहा है।
ट्रंप प्रशासन H-1B वीजाधारकों के जीवनसाथी (पति या पत्नी) को अमेरिका में काम करने से रोक सकता है। ट्रंप प्रशासन ओबामा के कार्यकाल में बने नियम को रद्द करने पर विचार कर रहा है।
एच1बी वीजा पर अमेरिका गए विदेशी पेशेवर एक से अधिक कंपनियों के लिए काम कर सकते हैं। भारतीय आईटी पेशेवरों में यह वीजा काफी लोकप्रिय है।
PM मोदी रविवार को अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान एपल, वॉलमार्ट जैसी कंपनियों के CEO के साथ बैठक में भारत में नौकरियां बढ़ाने पर विचार विमर्श करेंगे।
USIBC का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप, PM नरेंद्र मोदी के बीच पहली बैठक में अमेरिका के H1B वीजा कार्यक्रम को लेकर हल निकल सकता है।
सात भारत स्थित आउटसोर्सिंग कंपनियों को 2016 में अमेरिका में इससे पिछले साल 2015 की तुलना में कम H1B वीजा मिला है।
अमेरिका से पीएचडी करने वाले विदेशी नागरिकों को H1B वीजा नियमों से छूट दिए जाने की वकालत करने वाले एक विधेयक को प्रतिनिधि सभा में फिर से पेश किया गया है।
H1B Visa मामले पर सुनील भारती मित्तल ने कहा क्या भारत को भी Facebook, Google, Whatsapp को सिर्फ इसलिए ना कर देना चाहिए क्योंकि वो अमेरिकी कंपनियां हैं।
RBI गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि अगर अमेरिकी कंपनी Apple, IBM, Cisco ने टैलंट पर जोर नहीं दिया होता तो वो आज इन बड़े मुकाम को कैसे हासिल कर पाती।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रोस के समक्ष H-1B वीजा के मुद्दे को उठाया। रोस ने कहा समीक्षा शुरू पर फैसला नहीं हुआ
IACC ने वीजा नियमों को कड़ा करने से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बातचीत को लेकर PM मोदी की जल्दी अमेरिकी यात्रा का समर्थन किया है।
अमेरिकी संसद में दोनों पार्टियों (डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन) के 4 सासंदों ने H1B और L1 वीजा में सुधार को लेकर बिल पेश किया है।
IT कंपनियों के लिए H1B वीजा को लेकर बड़ी राहत की खबर आई है। अमेरिका ने भारत को भरोसा दिलाते हुए कहा कि H1B वीजा नियमों को कड़ा करना उनकी प्राथमिकता नहीं है।
दूसरे छोर से राहत की खबर आई है। दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्था जापान ने भारत जैसे देशों के IT प्रोफेशनल्स के लिए अपने दरवाजे खोलने का एलान किया है।
अमेरिका ने भारत को आश्वासन दिया कि वह Visa शुल्क में बढ़ोतरी के बारे में उसकी चिंताओं पर विचार करेगा। भारत ने भेदभावरहित खत्म करने की मांग की थी।
संसद में एक नया बिल पेश किया है, जो भारतीय कंपनियों को H-1B और एल-1 वर्क वीजा पर आईटी प्रोफेशनल्स को भर्ती करने से रोकेगा।
प्रमुख भारतीय कंपनियों को पिछले दिसंबर से प्रभावी नए नियमों के तहत सभी एच-1बी वीजा आवेदनों के लिए कम से कम अतिरिक्त 4,000 डॉलर का भुगतान करना होगा।
अमेरिका की आव्रजन से जुड़ी दो संस्थाओं ने सरकार के खिलाफ याचिका दायर की हैं, जिसमें एच-1बी कार्य वीजा की लॉटरी प्रक्रिया में ज्यादा पारदर्शिता की मांग है।
वेरिटास के प्रमुख ने कहा, पूरी सिलिकॉन वैली का मानना है कि एच-1बी वीजा नीति का बड़े पैमाने पर विस्तार होना चाहिए। कंपनियों को नहीं मिल रहे प्रोफेशनल्स।
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