ट्रंप सरकार ने कंपनियों को कड़ी चेतावनी दी है कि वे एच-1बी वीजा कार्यक्रम का दुरूपयोग कर अमेरिकी कामगारों से भेदभाव नहीं करें।
IACC ने वीजा नियमों को कड़ा करने से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बातचीत को लेकर PM मोदी की जल्दी अमेरिकी यात्रा का समर्थन किया है।
अमेरिकी संसद में दोनों पार्टियों (डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन) के 4 सासंदों ने H1B और L1 वीजा में सुधार को लेकर बिल पेश किया है।
IT कंपनियों के लिए H1B वीजा को लेकर बड़ी राहत की खबर आई है। अमेरिका ने भारत को भरोसा दिलाते हुए कहा कि H1B वीजा नियमों को कड़ा करना उनकी प्राथमिकता नहीं है।
दूसरे छोर से राहत की खबर आई है। दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्था जापान ने भारत जैसे देशों के IT प्रोफेशनल्स के लिए अपने दरवाजे खोलने का एलान किया है।
अमेरिका ने भारत को आश्वासन दिया कि वह Visa शुल्क में बढ़ोतरी के बारे में उसकी चिंताओं पर विचार करेगा। भारत ने भेदभावरहित खत्म करने की मांग की थी।
संसद में एक नया बिल पेश किया है, जो भारतीय कंपनियों को H-1B और एल-1 वर्क वीजा पर आईटी प्रोफेशनल्स को भर्ती करने से रोकेगा।
प्रमुख भारतीय कंपनियों को पिछले दिसंबर से प्रभावी नए नियमों के तहत सभी एच-1बी वीजा आवेदनों के लिए कम से कम अतिरिक्त 4,000 डॉलर का भुगतान करना होगा।
अमेरिका की आव्रजन से जुड़ी दो संस्थाओं ने सरकार के खिलाफ याचिका दायर की हैं, जिसमें एच-1बी कार्य वीजा की लॉटरी प्रक्रिया में ज्यादा पारदर्शिता की मांग है।
वेरिटास के प्रमुख ने कहा, पूरी सिलिकॉन वैली का मानना है कि एच-1बी वीजा नीति का बड़े पैमाने पर विस्तार होना चाहिए। कंपनियों को नहीं मिल रहे प्रोफेशनल्स।
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