भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को विदेशों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों का आंकड़ा जारी किया है। इन आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में करीब 13, 35, 878 भारतीय छात्र विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं।
अमेरिका में एच1-बी वीजा पॉलिसी घोटाले ने हर किसी को हैरान कर दिया है। इसमें भारतीय मूल के कंडी श्रीनिवास रेड्डी का नाम सामने आया है। कंडी ने अमेरिका में अपनी फर्म बना रखी थी, जिसके जरिये वह वीजा की लॉटरी पॉलिसी में हेरफेर को अंजाम दे रहा था।
अमेरिका की सरकार ने एच 1बी वीजा के रीन्युल की प्रक्रिया को और आसान बनाया है। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस प्रोग्राम को शुरू किया गया है। इससे 10 लाख से अधिक भारतीयों को फायदा होगा।
शाहरुख खान की एक फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म का नाम है Dunki। यह फिल्म Donkey Route के ऊपर बनी हुई है। लेकिन क्या आपको पता है कि डंकी रूट क्या है और क्यों इसपर अधिकांश लोगों की मौत हो जाती है।
अमेरिकी सरकार के एक फैसले से वहां काम कर रहे भारतीयों को काफी फायदा होने जा रहा है। यह फायदा खासकर अमेरिका में रह रहे भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को काफी होगा। इसके लिए अमेरिकी सरकार एक खास पायलेट प्रोग्राम शुरू करने जा रही है।
अमेरिका ने अपने एच1बी वीजा कार्यक्रमों में बड़े बदलाव करने का फैसला किया है। अमेरिका प्रशासन का कहना है कि प्रवासी कर्मचारियों के लिए काम करना आसान बनाने के इरादे से यह निर्णय लिया गया है। इससे अमेरिका में काम करने के इच्छुक लोगों को फायदा होगा।
हर साल भारत समेत विभिन्न देशों से बड़ी संख्या में लोग काम के लिए अमेरिका जाते हैं। इन्हें H1B वीजा दिया जाता है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल विवेक रामास्वामी ने इस सुविधा को खत्म करने की वकालत की है।
अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव-2024 में ताल ठोक रहे भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने प्रवासियों को आकर्षित करने के लिए बड़ा दांव खेल दिया है। रामास्वामी ने कहा है कि यदि वह राष्ट्रपति बनते हैं तो एच1-बी वीजा को खत्म कर देंगे। इसकी जगह योग्यता से प्रवेश को प्राथमिकता देंगे।
H-1B Visa: पीएम मोदी का अमेरिका दौरा उन हजारों भारतीयों के लिए एक बार फिर खुशी का कारण बन गया है जो अभी तक H-1B Visa को लेकर इंतजार में बैठे थे।
अमेरिका में एक न्यायाधीश ने फैसला सुनाया है कि H-1B वीजा धारकों के पति या पत्नी देश में काम कर सकते हैं। इस फैसले से अमेरिकी तकनीकी क्षेत्र में विदेशी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है।
अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने कहा कि एक अक्टूबर 2023 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए वह एक मार्च से 17 मार्च के बीच एच-1बी वीजा के लिए आवेदन स्वीकार करेगी।
एच-1बी वीजा गैर-आव्रजन वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को रोजगार देने की इजाजत देता है।
अमेरिका के श्रम विभाग ने विभिन्न आव्रजन और गैर-आव्रजकों के रोजगार का वेतन का स्तर तय करने को 60 दिन के अंदर जनता से सुझाव देने को कहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को विदेशी श्रमिकों के वीजा, खासतौर से एच-1बी वीजा, पर प्रतिबंधों की अवधि को समाप्त होने दिया। इसके साथ ही उनके पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस संबंध में जारी अधिसूचना खत्म हो गई।
अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के कुछ घंटे बाद जो बाइडन कांग्रेस को एक समग्र आव्रजन विधेयक भेजेंगे जिसमें कई अन्य चीजों के अलावा रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए प्रति देश तय की गई सीमा को खत्म करने का भी प्रावधान है।
इंडस्ट्री बॉडी नैस्कॉम ने बुधवार को कहा कि एच1बी वीजा प्रोग्राम में किए गए बदलाव और नई पाबंदियों से कुशल टैलेंट का अमेरिका में आने पर प्रतिबंध लगेगा और इससे अमेरिकन अर्थव्यवस्था और रोजगार पर भी असर पड़ेगा।
राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा जारी आधिकारिक घोषणा के मुताबिक नये प्रतिबंध आगामी 24 जून (बुधवार) से प्रभावी होंगे। इस आदेश का कई भारतीय आईटी पेशेवरों और कई अमेरिकी एवं भारतीय कंपनियों पर प्रभाव पड़ सकता है जिन्हें अमेरिकी सरकार ने एक अक्टूबर से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2021 के लिए एच-1बी वीजा जारी कर दिए थे।
नास्कॉम का कहना है कि अमेरिका के इस कदम से संभवत: और ज्यादा काम विदेशों में होने लगेगा क्योंकि वहां स्थानीय स्तर पर इस तरह का कौशल उपलब्ध नहीं हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H1 B वीजा सहित अन्य जॉब वीजा पर इस साल के अंत तक रोक लगा दी है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सरकार अगले वित्त वर्ष में इस प्रस्तावित निलंबन को मंजूरी दे सकती है। अमेरिकी वित्त वर्ष एक अक्टूबर से शुरू होता है और तब कई नए H1B Visa जारी किए जाते हैं।
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