ज्ञानवापी का केस फाइनल हो चुका है . सेटलमेंट की डेट फिक्स हो चुकी है . अब भगवान भोलेनाथ की मुक्ति का मार्ग खुल गया है. 350 साल का इंतजार उसी तरह खत्म होने वाला है जैसे अयोध्या में 500 साल का इंतजार खत्म हुआ है. राह में कुछ रोड़े हैं जिन्हें हटाने के इंतजाम हो चुके हैं.
एएसआई की सर्वे रिपोर्ट सामने आने के बाद कई खुलासे हुए हैं। वकील विष्णु शंकर जैन ने गुरुवार को इसकी जानकार दी है। साथ ही उन्होंने एएसआई की सर्वे रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि यह स्पष्ट हो गया है कि यहां पर एक भव्य हिंदू मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाया गया है।
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में ASI की ओर से कुल 839 पन्नों की रिपोर्ट दाखिल की गई है। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि मौजूदा ढांचे के निर्माण से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था।
वाराणसी से ज्ञानवापी पर बड़ी खबर है। एएसआई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने दावा किया है कि ज्ञानवापी में प्राचीन मंदिर के खंभों की पुष्टि हुई है।
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना और आम सहमति बनी कि एएसआई की रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दोनों पक्षों को प्रदान की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ज्ञानवापी मस्जिद में मौजूद वजूखाने की साफ-सफाई शुरू हो चुकी है। बता दें कि प्रशासन इसकी निगरानी कर रहा है। पूरी साफ-सफाई के इस कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जा रही है। साथ ही हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष के प्रतिनिधि वहां मौजूद हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर मामले पर सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद परिसर के 'वजूखाना' के पूरे एरिया की सफाई कराने की अनुमति दे दी है, जिसे डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की देखरेख में कराई जाएगी।
वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्ष की तरफ से एक नई याचिका दाखिल की गई है। याचिकार्ताओं ने कोर्ट से मांग की है कि कथित शिवलिंग वाली जगह पर साफ-सफाई करवाई जाए।
मुस्लिम पक्ष ने ईमेल के जरिए सर्वे की स्टडी रिपोर्ट की मांग की है। इससे पहले हिंदू पक्ष ने भी ईमेल के जरिए रिपोर्ट प्राप्त करने की अर्जी लगाई है। 18 दिसंबर को ASI ने कोर्ट में सर्वे की स्टडी रिपोर्ट पेश किया था।
ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज कर दी।
ज्ञानवापी विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष को तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सिविल वाद की पोषणीयता को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दी है।
लंबे समय से विवादों में रहे ज्ञानवापी मामले में हुई एएसआई की सर्वे रिपोर्ट को आज कोर्ट में पेश कर दिया गया है। कोर्ट ने अब इस मामले में सुनवाई के लिए 21 दिसंबर की अगली तारीख दी है। बता दें कि रिपोर्ट को सफेद कपड़े में सीलबंद करके पेश किया गया है।
वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी मामले में सर्वे का काम पूरा किया जा चुका है। वहीं आज के दिन सर्वे रिपोर्ट को कोर्ट में पेश किया जाना था, लेकिन रिपोर्ट पेश करने से पहले एएसआई के अधिवक्ता ने कोर्ट से एक सप्ताह का और समय मांगा है।
वाराणसी के ज्ञानवापी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा है कि कल एएसआई अपनी सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि वक्फ के पास आज इतनी जमीन है कि इससे नया पाकिस्तान और बांग्लादेश बन जाएगा।
31 मई को पारित अपने विवादित आदेश में उच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश द्वारा नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) के आदेश 7, नियम 11 के तहत आवेदन की अस्वीकृति के खिलाफ दायर पुनरीक्षण आवेदन को खारिज कर दिया था।
ज्ञानवापी में चल रहे सर्वे के लिए ASI करीब 8 हफ्ते का और समय मांगेगी। सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है।
प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि अब देश में ऐसी सरकार है जो अखंड भारत का निर्माण कर रही है। कश्मीर से धारा 370 हटा दी गई और अब बस पाक अधिकृत कश्मीर बाकी है। वो भी हो जाएगा।
वाराणसी कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए अहम आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर पर सर्वेक्षण को लेकर किसी तरह की मीडिया कवरेज न की जाए।
जहां एक ओर एएसआई की टीम अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी का सर्वे कर रही है वहीं दूसरी ओर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को सील करने की मांग वाली याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है।
ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे का आज पांचवां दिन है, जानकारी के मुताबिक आज तहखाना खोला जा सकता है। जानिए अबतक के अपडेट्स-
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