अयोध्या, काशी और मथुरा, हिंदूओं के ये तीन बड़े धर्मस्थलों का मामला अब ज्यादा दिनों तक उलझा नहीं रहेगा. अयोध्या में मंदिर बन चुका है...काशी में पूजा शुरू हो चुकी है और मथुरा का मामला कोर्ट में है
ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में जिस तरह से पूजा शुरू हुई, उसको लेकर मौलानाओं में जो नाराज़गी है, वो समझी जा सकती है। उनके यहां भी ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो आक्रामक हैं, जिनको समझाना मुश्किल होगा।
ज्ञानवापी का मामला बहुत नाजुक है। ये सही है कि व्यास जी के तहखाने में 1993 तक पूजा होती थी। ये भी सही है कि कोर्ट ने उसी परंपरा को बहाल किया है। ये फैसला अदालत का है, ये किसी राजनीतिक दल या सरकार का फैसला नहीं है।
काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विश्व भूषण मिश्रा ने इंडिया टीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत की। विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि व्यास जी के तहखाने में सर्वे के दौरान क्या-क्या मूर्तियां मिली थी।
नई दिल्ली में देश के कई प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। ये प्रेस कॉन्फ्रेंस मुख्य रूप से ज्ञानवापी मामले में कोर्ट के फैसले के बाद की गई है। साथ ही इसमें कोर्ट के फैसले को लेकर काफी देर तक चर्चा की गई।
वाराणसी की जिला अदालत के आदेश के बाद ज्ञानवापी मस्जिद के सीलबंद तहखाने के 'व्यास का तहखाना' में रात को कड़ी सुरक्षा के बीच पूजा-अर्चना की गई।
ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में दूसरे दिन पूजा पाठ..पुलिस तैनात
ज्ञानवापी मामले में व्यासजी के तहखाने में पूजा की अनुमति मिलने का अमेरिका में हिंदुओं की संस्था वीएचपीए ने स्वागत किया है। बयान जारी कर इसे 'ऐतिहासिक फैसला' करार दिया। जानिए इस आदेश की किसने निंदा की।
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में आज जुमे की नमाज़ के लिए कड़ी सुरक्षा की गई है। वहीं आज व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ का दूसरा दिन है। वाराणसी-मस्जिद कमेटी ने आज बंद की भी अपील की है। तो वहीं मुस्लिम पक्ष की याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है।
ज्ञानवापी मस्जिद है या फिर मंदिर इसका फैसला हो गया है... ज्ञानवापी के तहखाने में आखिर ऐसा क्या मिला कि कोर्ट भी हिंदू पक्ष के दावे को मानने पर मजबूर हो गया... ASI की रिपोर्ट में ऐसा क्या सामने आया है कि कोर्ट को ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा-पाठ का आदेश देना पड़ा.
जारी पत्र में जिला जज वाराणसी के फैसले का जिक्र करने के साथ कौम तक यह भी संदेश पहुंचाया है कि ज्ञानवापी में पूजा-पाठ शुरू करा दी गई है, ऐसे में जुमे की नमाज की आड़ में शहर एवं देश का मौहाल खराब ना हो।
अदालत के आदेश के बाद व्यास जी के तहखाने में पूजा हुई और इसे आम भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया गया है। यहां पूजा के बाद बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए उमड़े।
ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी की जिला अदालत में याचिका दाखिल कर कि व्यास परिसर में पूजा अर्चना के कोर्ट के आदेश को पंद्रह दिन तक लागू न करने की अपील की है।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि जिला मजिस्ट्रेट सेटलमेंट प्लॉट नं.-9130 स्थित भवन के दक्षिण में स्थित तहखाने में पुजारी से मूर्तियों की पूजा व राग-भोग कराएं। रिसीवर को सात दिन में लोहे की बाड़ का उचित प्रबंध कराने के भी निर्देश दिए गई हैं। वहीं मुकदमे की अगली सुनवाई आठ फरवरी को होगी।
वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के हित में फैसला दिया। इसे लेकर अब असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़े किए हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ये फैसला सरासर गलत है।
वाराणसी जिला अदालत द्वारा हिंदू समुदाय को ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा का अधिकार दे दिया गया है। इसके बाद कल देर रात तहखाने को खोलकर उसमें पूजा की गई। लेकिन इस बीच ज्ञानवापी के साइन बोर्ड पर मस्जिद की जगह 'मंदिर' लिख दिया गया।
31 साल बाद ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा आखिरकार शुरु हो गई है। कोर्ट के आदेश के बाद ही मंदिर परिसर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
वाराणसी के जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के तहखाने में पूजा पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक को दे दिया है।
काशी के ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष को व्यासजी के तहखाने में पूजा करने का अधिकार मिल गया है। वाराणसी की जिला अदालत ने सात दिनों के अंदर व्यवस्था कराने का निर्देश दिया है।
शिवलिंग मिलने के दावे के बाद वाराणसी के सिविल जज के आदेश पर वजूखाने को साल 2022 के मई महीने में सील कर दिया गया था। याचिका के जरिए वाराणसी के जिला जज की कोर्ट के 21 अक्टूबर 2023 के फैसले को चुनौती दी गई है।
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