पुलिस को ड्रम के अंदर से एक शख्स का शव बरामद हुआ है, जिसकी उम्र 25 से 30 साल के बीच हो सकती है। अभी तक शख्स की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया है।
गुरुग्राम में एक मॉल में शराब के नशे में हुए झगड़े के दौरान हमलावर ने एक युवक को गोली मार दी। युवक के पैर में गोली लगी है। घटना डीटी सिटी सेंटर मॉल की है।
पूर्व मॉडल दिव्या पाहुजा की हत्या मामले में दो फरार आरोपियों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है। पाहुजा की 2 जनवरी को होटल सिटी प्वाइंट के मालिक अभिजीत सिंह ने कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी।
दिल्ली से सटे गुरुग्राम में एक नाबालिग नौकरानी के साथ एक परिवार ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी। लोहे की रॉड और हथौड़े से पीटने के बाद लड़की को नग्न कर दिया और कुत्ते भी कटवाया। यहां तक कि उसे खाना भी नहीं दिया।
कार चला रहा शख्स ट्रैफिक पुलिस कर्मी को करीब 100 मीटर तक घसीटता हुआ ले गया। बीच सड़क पर इस तमाशे का वीडियो गुरूग्राम ट्रैफिक पुलिस के यूनीफॉर्म पर लगे कैमरे में रिकॉर्ड होता चला गया।
पहले तो गुरुग्राम के सेक्टर 39 में 2 करोड़ से अधिक के आलीशान गंगा विला में एक गेस्ट हाउस खोला गया और फिर इस गेस्ट हाउस में शुरू कर दिया गया हाईप्रोफाइल सेक्स रैकेट। नये साल के मौके पर अभी से इंतज़ाम किया गया था। दलालों के ज़रिये कस्टमरों को फंसाया जा
दो महीने से ज्यादा समय तक भोंडसी जेल में क़ैद अशोक को कल गुरूग्राम की ज़िला अदालत ने ज़मानत दी थी। अदालत ने अशोक को पचास हज़ार के बॉन्ड पर ज़मानत दी है। जेल से छूटने के बाद अशोक ने भगवान और मीडिया का धन्यवाद किया और कहा कि सच्चाई की जीत हुई है।
सीबीआई ने आज दुकानदार से पूछताछ की लेकिन वो आरोपी छात्र को पहचान नहीं पाया। इस मामले में अभी तक सीबीआई ने किसी को भी क्लीन चिट नहीं दी है। आरोपी छात्र के कुछ और दोस्तों से भी पूछताछ हो सकती है। सीबीआई को शक है कि वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी ने
अशोक के पिता अमीरचंद ने बताया, ‘‘यह अब लगभग स्पष्ट हो चुका है कि मेरे बेटे अशोक को फंसाया गया और बलि का बकरा बनाया गया। हमने गुडगांव पुलिस के विशेष जांच दल के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कराने का निर्णय किया है। इन अधिकारियों ने उसे फंसाया और मीडिया
बरुण ठाकुर ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की ओर से पिंटो परिवार को दी गई अंतरिम जमानत को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है। बिहार के मधुबनी के मूल निवासी बरुण ठाकुर ने कहा कि सीबीआई को हत्या के इस मामले में दोषी को सजा दिलवाने में कोई कसर नहीं छो
सीबीआई ने दावा किया है कि 11वीं के छात्र ने स्कूल की परीक्षा और शिक्षक-अभिभावक बैठक टलवाने के लिए प्रद्युम्न की हत्या की। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि पुलिस एसआईटीम की जांच आखिर क्यों बस कंडक्टर पर ही अटकी रही। पुलिस ने घटना के नौ घंटे बाद ही कंडक्टर क
प्रद्युम्न के पिता बिहार के मधुबनी जिले के पंडौल प्रखंड के बड़ागांव के रहने वाले हैं। प्रद्युम्न की हत्या को लेकर उनके पैतृक गांव के लोगों का गुस्सा भी उबाल पर है। वे भी मासूम बच्चे के असली कातिल को पकड़ने और निजी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेक
गुरुग्राम के रायन इंटरनेशनल स्कूल के मालिकों को प्रद्मुम्न मर्डर केस में बड़ी राहत मिली है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पिंटो परिवार को 5 दिसंबर तक अंतरिम जमानत दे दी है।
"न्यायालयों में उनके दिए गए हलफनामों में सभी आवासीय पतों पर उनसे मिलने और प्रश्न करने के हमारे द्वारा किए गए सभी प्रयास व्यर्थ साबित हुए। ट्रस्ट और स्कूल प्रशासनिक स्टाफ ने दावा किया था कि उन्हें पिंटो परिवार और ट्रिस्टयों के बारे में जानकारी नहीं है
ऐलान के बावजूद सीबीआई जांच में हो रही देरी से प्रद्युम्न के पिता काफी नाराज थे और उन्होंने कहा था कि एजेंसी ने यदि जांच शुरू नहीं की तो वो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। इसी बीच, कल रायन स्कूल में इस हत्याकांड के बाद पहली पेरेंट्स मीट हुई जहां बच
प्रद्युमन ठाकुर की हत्या के 10 दिन बाद आज गुरूग्राम स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल फिर से खुला। स्कूल के खुलने पर प्रद्युमन के पिता ने विरोध करते हुए कहा कि....
अपने सात साल के बेटे प्रद्युम्न को खो चुके वरुण चंद्र ठाकुर अब इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे हैं, ताकि देश में किसी बच्चे का अंत प्रद्युम्न की तरह न हो। उनका कहना है कि बच्चा तो आंख दिखाने पर ही डर जाता, उसकी निर्दयता से हत्या क्यों कर दी गई?
गुरुग्राम के रायन स्कूल में प्रद्युम्न की हत्या के मामले की सीबीआई जांच होगी। मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने प्रद्युम्न हत्याकांड की सीबीआई जांच के आदेश दिए।
प्रद्युम्न की हत्या के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए रेयान स्कूल के मालिकों ने बंबई हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका डाली थी। जो कि खारिज कर दी गई है। साथ ही पासपोर्ट जमा करने को कहा गया है।
ऐसे में सवाल ये पैदा होता है कि अगर कंडक्टर क़ातिल है, तो वो मौका-ए-वारदात से भागा क्यों नहीं? कंडक्टर कत्ल के बाद न सिर्फ वहीं रुका रहा बल्कि खून से सने प्रद्युम्न को कार तक पहुंचाने में भी वो साथ था और ये सब वहां मौजूद लोगों ने अपनी आंखों से देखा।
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