मीडिया से बात करते हुए, बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि जदयू में आने के बाद, संभावना थी कि मैं चुनाव लड़ सकता हूं, लेकिन हालांकि मुझे पार्टी का टिकट नहीं मिला, मैं एनडीए को अपनी सेवा देता रहूंगा |
हाल ही में बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद से अपनी निर्धारित सेवानिवृति से पहले ही ऐच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने वाले गुप्तेश्वर पांडेय ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में टिकट न मिलने पर प्रतिक्रिया दी है।
बिहार के पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडे पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर जदयू में शामिल हुए। उनके गृहनगर बक्सर से चुनाव लड़ने की संभावना है।
बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा- लोग बड़ी संख्या में मेरे पास आ रहे हैं, मुझे बता रहे हैं कि अगर मैं राजनीति में प्रवेश करता हूं है तो मुझे उनके जिले से चुनाव लड़ना चाहिए।
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बिहार के पुलिस महानिदेशक के पद से त्यागपत्र दे चुके गुप्तेश्वर पांडे ने बुधवार को बताया कि उनके त्यागपत्र की वजह अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का केस नहीं है। गुप्तेश्वर पांडे ने बताया कि बहुत सारे लोग उनके VRS को सुशांत केस से जोड़कर देख रहे हैं लेकिन VRS का सुशांत सिंह राजपूत के केस से कोई लेना-देना नहीं है।
बिहार पुलिस में लंबे समय तक सेवा देने के बाद गुप्तेश्वर पांडे ने बिहार के डीजीपी के पद से रिटायरमेंट ले ली है। गुप्तेश्वर पांडे ने VRS के लिए आवेदन किया था जिसे राज्य सरकार ने मान लिया है। गुप्तेश्वर पांडे की जगह संजीव कुमार सिंघल को DGP का अतीरिक्त कार्यभार सौंपा गया है और इस सिलसिले में राज्य सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है। माना जा रहा है कि गुप्तेश्वर पांडे इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ NDA के प्रत्याशी हो सकते हैं। सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में सुर्खियों में आए डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने अभिनेता की मौत पर मुंबई पुलिस की जांच पर कई सवाल उठाए थे।
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