जीएसटी व्यवस्था के तहत अबतक 20 लाख कंपनियों ने ऑनलाइन टैक्स का भुगतान किया है और समय सीमा से पहले करीब 28 लाख और रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
कंपनियां नई जीएसटी व्यवस्था के तहत अपना पहला टैक्स रिटर्न भरना शुरू कर सकती हैं। GSTN ने रिटर्न फाइलिंग और टैक्स भुगतान की सुविधा शुरू कर दी है।
जीएसटी नेटवर्क (GSTN) ने कहा है कि 27 लाख व्यापारियों द्वारा GSTN पोर्टल पर GST का पंजीकरण पूरा कराना अभी बाकी है और वे 20 अगस्त तक अपना रिटर्न फाइल करेंगे।
GSTN ने व्यापारियों के लिए खरीद या बिक्री का रिकॉर्ड रखने के लिए एक एक्सेल फॉरमेट लॉन्च किया है, व्यापारी जिसे भरकर अपलोड कर सकते हैं
25 जून से GSTN में पंजीकरण के लिए 1.60 लाख नए आवेदन मिले हैं। इनमें से 53,000 आवेदनों को कारोबार के ब्योरे के साथ पूर्ण किया गया है।
जीएसटी नेटवर्क (GSTN) ने वैकि मालवेयर के मद्देनजर चिंताओं को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा कि उसका परिचालन इससे प्रभावित नहीं हुआ है।
जीएसटी- नेटवर्क (GSTN) ने कहा है कि उसने GST के सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिए जरूरी सभी सॉफ्टवेयर परीक्षण व प्रयोग पूरे कर लिए हैं।
ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स और टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काटने वाले 25 जून से जीएसटी नेटवर्क पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।
सरकार ने भरोसा दिलाया है कि GST के क्रियान्वयन के बाद शुरुआत में उल्लंघनों में जुर्माने लगाने में उदारता बरती जाएगी।
आईटी बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने वाला जीएसटी नेटवर्क करदाताओं तथा कर अधिकारियों के सवालों का जवाब देने के लिए रविवार को दो हेल्पलाइन नंबर चालू करेगा।
नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली GST की औपचरिक शुरुआत 30 जून की आधी रात को संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में एक समारोह में की जाएगी।
सरकार ने कहा है कि जिन व्यापारियों ने GSTIN में अपने पंजीकरण प्रक्रिया पूरी नहीं की है वे अंतरिम आईडी का इस्तेमाल कर अपना कारोबार करना जारी रख सकते हैं।
देश में 30 जून की आधी रात से GST व्यवस्था लागू कर दी जाएगी लेकिन पहले दो महीने तक कर रिटर्न को दाखिल करने के नियमों में थोड़ी ढील देने का फैसला किया गया है।
कारोबारियों की संस्था एसोचैम ने जीएसटी का कार्यान्वयन टालने की मांग की है। इसके लिए संस्था ने वित्त मंत्री को पत्र भी लिखा है।
अगर कल समाप्त हो रही समयसीमा तक किसी कारण से जीएसटी नेटवर्क पर अपना पंजीकरण नहीं करा पाते हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है।
देश में तीन हफ्ते बाद 1 जुलाई से GST लागू होने जा रहा है, लेकिन इसके लिए आईटी प्रणालियां अभी तक तैयार नहीं हो पाई हैं।
राजस्व विभाग ने करदाताओं से इस माह के अंत तक GST नेटवर्क से जुड़ने के लिए कहा है क्योंकि मौजूदा सेवाकरदाताओंं में से केवल 34 फीसदी ही अब तक इससे जुड़े हैं।
GSTN ने उद्योग जगत को आश्वस्त किया कि उनके सभी आंकड़े और जानकारी नेटवर्क में कूट भाषा में सुरक्षित होगी और केवल करदाता और आकलन अधिकारी ही इसे देख सकेंगे।
राजस्व विभाग ने जीएसटीएन (जीएसटी) में डीलरों के नामांकन की समय सीमा को एक महीने बढाकर अप्रैल अंत तक कर दिया है। केवल 60% ने ही पंजीकरण किया है।
उद्योग जगत का मानना है कि इस देशव्यापी नई इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम (GST) की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि जीएसटी नेटवर्क (GSTN) कितना दक्ष और मजबूत है।
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