Arvind kejriwal on GST: केजरीवाल ने कहा, जीएसटी प्रणाली बेहद जटिल है और इसे सरल बनाने की जरुरत है, ताकि कारोबारी एवं उद्योगपति आसानी से कर-भुगतान कर सकें।
Rajya Sabha News: केंद्र सरकार ने दही, पनीर, गुड, चीनी, शहद, लस्सी, चावल, आटा, और ब्रेड जैसी आम इस्तेमाल चीजों पर 5% की GST लगा दी। इससे पहले यह सभी उत्पाद GST से बाहर रखे गए थे।
Monsoon Session: महंगाई और कुछ जरूरी चीजों पर माल और सेवा कर (GST) लगाए जाने के मुद्दों पर तुरंत चर्चा कराने की मांग को लेकर सोमवार को विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा में जोरदार हंगामा किया।
GST Rate: पैकेटबंद खाद्य उत्पादों पर 18 जुलाई से GST लगाने का फैसला केंद्र सरकार का नहीं बल्कि GST Council का है।
GST Slabs: फिलहाल GST में 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार कर स्लैब हैं। इसके अलावा, Gold और स्वर्ण आभूषणों पर 3% tax लगता है।
अब आटा, चावल और दाल महंगी हो जाएंगी। उदाहरण के लिए 20 किलो के आटे की कीमत 630 रुपये से 650 रुपये हो जाएगी, जो पहले 600 रुपये प्रति बैग थी।
GST on Packaged Food: गैर-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल ने पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने पर सहमति जताई थी
Bharat Jodo Yatra: हरिश रावत ने कहा कि केंद्र सरकार इस कदर मनमानी पर उतर आई है कि अब वह गाय और भैंस के दूध पर भी GST लगा रही है और वह दिन दूर नहीं जब गाय के मूत्र पर भी GST लगा दिया जाएगा।
Rahul Gandhi on GST: राहुल गांधी का आरोप है कि केंद्र सरकार सिर्फ टैक्स बढ़ाने में लगी है। साथ ही उन्होंने बेरोजगारी को लेकर भी सरकार पर हमला बोला है।
GST rates clarification: खुदरा कारोबारी या वितरक से 25 KG पैक सामान लाकर उसे खुले में बेचता है तो इस पर जीएसटी नहीं लगेगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने पिछले दिनों अपनी बैठक में डिब्बा या पैकेटबंद और लेबल युक्त खाने-पीने के सामान पर प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया था।
ई-इन्वॉयस लागू होने के बाद प्रत्येक बी2बी लेनदेन के लिए जीएसटी के तहत कर अधिकारियों को बिल के मिलान की जरूरत नहीं होगी।
नए नियमों के मुताबिक, 31 मार्च, 2022 को समाप्त वित्त वर्ष में जिन इकाइयों का सालाना कारोबार दो करोड़ रुपये तक है उन्हें 2021-22 के लिए वार्षिक रिटर्न भरने से छूट दी गई है।
राजस्व सचिव तरुण बजाज ने मंगलवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत छूट वाले उत्पादों की सूची को कम करने की जरूरत है।
सरकर कर की तीन अन्य श्रेणियों को दो श्रेणियों में बदलने पर चर्चा करने के लिए तैयार है।
जीएसटी व्यवस्था शुरू होने के बाद से यह पांचवी बार है जब मासिक जीएसटी संग्रह 1.40 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है।
जीएसटी से पहले के दौर में एक उपभोक्ता को वैट, उत्पाद शुल्क, सीएसटी आदि को मिलाकर औसतन 31 प्रतिशत कर देना होता था।
चंडीगढ़ में हुई GST परिषद ने कुछ सामानों पर छूट को वापस लेने जबकि कुछ अन्य पर दरें बढ़ाये जाने का फैसला किया है।
पुडुचेरी के वित्त मंत्री के लक्ष्मीनारायणन ने कहा कि सभी राज्यों ने क्षतिपूर्ति व्यवस्था बढ़ाने की मांग की है।
जीएसटी परिषद की बैठक में जीएसटी से छूट की समीक्षा को लेकर मंत्री समूह (GoM) की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया।
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