क्रेडाई का यह मानना है कि इस प्रकार के कदम से मकानों की कीमतों में 10 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है और सस्ते आवास की आपूर्ति बढ़ेगी
उपभोक्ताओं या आपूर्तिकर्ताओं को दिए गए गिफ्ट वाउचर, कैश-बैक वाउचर को वस्तु अथवा सामान माना जाएगा और इनपर 18 प्रतिशत की दर से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगेगा।
जीएसटी व्यवस्था में अप्रैल 2018 से 50,000 रुपये से अधिक मूल्य की वस्तुओं के इंटर-स्टेट ट्रांसपोर्टेशन के लिए ईवे बिल को अनिवार्य कर दिया गया है।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही सरकार ने 7,421 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता लगाया है, जिसमें से केवल 1,920 करोड़ रुपये की वसूली ही की जा सकी है।
जीएसटी के तहत फिलहाल चार दरों वाली संरचना है। इसके तहत आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी से छूट है जबकि कुछ सामानों पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता है। वहीं उच्चतम दर 28 प्रतिशत है।
यदि हम तीसरी लहर को रोक सकते हैं या उसके प्रभाव को उल्लेखनीय रूप से कम कर सकते हैं, तो आर्थिक गतिविधियां सुधरेंगी और कारों की बिक्री में पिछले साल की तुलना में उल्लेखनीय सुधार होगा।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह जुलाई में 33 प्रतिशत बढ़कर 1.16 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वित्त मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी।
दिल्ली विधानसभा ने मानसून सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को ‘दिल्ली वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2021’ को पारित कर दिया।
ज्यादातर आम उपयोग की वस्तुओं को जीएसटी से छूट दी गई है, जबकि विलासितापूर्ण और समाज/स्वास्थ्य की दृष्टि से अहितकर वस्तुओं पर सर्वोंच्च 28 प्रतिशत दर है।
सरकार ने सोमवार को कहा कि अभी तक जीएसटी परिषद ने तेल और गैस को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में शामिल करने की सिफारिश नहीं की है।
ज्वेलर्स के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर है। कर्नाटक अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (एएआर) ने माना है कि सोने के पुराने आभूषणों की फिर से बिक्री के मामले में, ज्वेलर्स को इस तरह से अर्जित लाभ पर ही जीएसटी का भुगतान करना होगा।
एएआर की कर्नाटक पीठ ने निष्कर्ष दिया कि जीएसटी सिर्फ बिक्री मूल्य और खरीद मूल्य के मार्जिन पर ही देय होगा, क्योंकि इस आभूषण को गलाकर नया आभूषण नहीं बनाया जा रहा।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने केंद्र के नरेद्र मोदी नीत शासन पर ‘‘ईंधन पर कर का इस्तेमाल सरकार के खजाने को भरने में इस्तेमाल करने’’ का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को ईंधन पर कर और उप कर तथा आवश्यक वस्तुओं पर आयात शुल्क में बड़ी कटौती करने की मांग की।
जीएसटी परिषद ने 28 मई को बैठक में यह निर्णय किया था कि केंद्र सरकार 1.59 लाख करोड़ रुपये कर्ज लेगी और इसे राज्यों तथा विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों को जारी करेगी
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारियों ने 551 करोड़ रुपये के जाली बिल (इन्वॉयस) निकालने और गलत तरीके से 91 करोड़ रुपये का इनपुट कर क्रेडिट आगे देने वाली 23 इकाइयों का भंडाफोड़ किया है।
कलेक्शन में सीजीएसटी 16,424 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 20,397 करोड़ रुपये और आईजीएसटी 49,079 करोड़ रुपये और सेस 6,949 करोड़ रुपये शामिल हैं।
केंद्र गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने के अलावा टीकों और स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे पर पैसा खर्च कर रहा है। ऐसे में राज्य सरकारें कर घटाकर जनता को राहत दे सकती हैं।
फैसले के मुताबिक फिलहाल ईएनए को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जायेगा और राज्य इस पर मूल्य वर्धित कर और बिक्री कर लगाना जारी रखेंगे।
जीएसटी के तहत राज्यों के राजस्व की क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर वित्त मंत्री ने कहा कि इस सत्र में सभी मुद्दों पर चर्चा की जायेगी
जीएसटी की चौथी वर्षगांठ पर कर अधिकारियों को भेजे संदेश में सीतारमण ने कहा कि पिछले चार वर्षों में करदाताओं का आधार 66.25 लाख से लगभग दोगुना होकर 1.28 करोड़ हो गया है।
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