राजस्व विभाग के सूत्रों ने कहा कि दिल्ली और हिमाचल प्रदेश की कुछ कंपनियों के खिलाफ जांच की जा रही है, जिन पर आरोप है कि वे लुधियाना और जालंधर के ट्रांसपोर्टरों के जरिए कम कीमत दिखाकर माल की आवाजाही कर रही थीं।
6,000 करोड़ रुपये की इस राशि में से 5,516.60 करोड़ रुपये 23 राज्यों को दिये गये हैं जबकि 483.40 करोड़ रुपये तीन संघ शासित प्रदेशों को दिये गये हैं।
वर्तमान में इन कारोबारियों को मासिक आधार पर कुल 12 रिटर्न दाखिल करने होते हैं। नई योजना का फायदा जीएसटी के तहत पंजीकृत करदाताओं के लगभग 92 प्रतिशत कारोबारियों को मिलेगा
इस विकल्प को स्वीकार करने पर राज्यों को आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत राज्य सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.50 प्रतिशत की अंतिम किस्त का कर्ज बिना किसी शर्त के लेने की अनुमति होगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी राजस्व में हालिया रिकवरी ट्रेंड के अनुसार, नवंबर, 2020 में भी जीएसटी राजस्व संग्रह पिछले साल के समान माह में प्राप्त हुए कुल राजस्व की तुलना में 1.4 प्रतिशत अधिक हुआ है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि अब अगले चरण में जुटाए जाने वाले कर्ज से केरल और प.बंगाल को भी राशि मिलनी शुरू होगी। बयान में कहा गया है कि केरल और प.बंगाल को जीएसटी के क्रियान्वयन से राजस्व में कमी की भरपाई के लिए 10,197 करोड़ रुपये मिलेंगे।
देश की कर व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए मोदी सरकार वस्तु एवं सेवा कर यानि जीएसटी लागू कर चुकी है।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इन मामलों पर चर्चा करने के लिये जीएसटी की विधि समिति की बुधवार को एक बैठक बुलाई गयी है। जीएसटी परिषद की विधि समिति में केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ कर अधिकारी शामिल हैं।
डीजीजीआई ने फर्जी बिल बनाने को लेकर 1,180 निकायों के खिलाफ करीब 350 मामले दर्ज किये हैं। इन्हें लेकर जांच व तलाश जारी है ताकि रैकेट में शामिल लोगों को दबोचा जा सके और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की चोरी करने के लिये फर्जी बिलों का इस्तेमाल करने वाले लाभार्थियों का पता लगाया जा सके।
कोरोना संकट से जूझ रही भारतीय अर्थव्यवस्था को 8 महीने बाद खुशी मिली है। वित्त मंत्रालय ने रविवार को बताया कि अक्टूबर में जीएसटी संग्रह 1.05 लाख करोड़ रुपये से अधिक था।
भार्गव ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में वाहन उद्योग की वृद्धि दर अच्छी रही है और मुझे नहीं लगता कि किसी को भी कम मांग का सामना करना पड़ा है।
केंद्र ने पिछले सप्ताह विपक्ष शासित राज्यों की मांग को मानते हुए जीएसटी मुआवजे में कमी की भरपाई के लिए कर्ज लेने का फैसला लिया था।
वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लिए जाने वाले इस उधार से राजकोषीय घाटे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
बैठक में वित्त मंत्री ने साफ कहा कि केंद्र सरकार क्षतिपूर्ति की भरपाई के लिए कर्ज नहीं ले सकता, इसके लिए राज्यों को ही कर्ज उठाना होगा। उनके मुताबिक अगर केंद्र कर्ज उठाता है तो इससे कर्ज लागत काफी बढ़ जाएगी।
केंद्र सरकार ने अगस्त में राज्यों को दो विकल्प दिया है। पहले विकल्प के तहत रिजर्व बैंक के द्वारा 97 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के लिये विशेष सुविधा दिये जाने , तथा दूसरे विकल्प के तहत पूरे 2.35 लाख करोड़ रुपये बाजार से जुटाने का प्रस्ताव है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में सोमवार (5 अक्टूबर) को जीएसटी परिषद की 42वीं बैठक के बाद सीतारमण ने कहा कि आज रात 20,000 करोड़ रुपये का कंपनसेशन सेस राज्यों के बीच वितरित किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने अगस्त में राज्यों को दो विकल्प दिए थे। इसके तहत राज्य या तो रिजर्व बैंक के द्वारा दी गई विशेष सुविधा से 97 हजार करोड़ रुपए का कर्ज उठा सकते हैं या फिर बाजार से 2.35 लाख करोड़ रुपए उधार ले सकते हैं।
जीएसटी काउंसिल की सोमवार (5 अक्टूबर) को 42वीं बैठक होगी। बैठक के हंगामेदार रहने के आसार हैं, माना जा रहा है कि गैर-बीजेपी राज्य कंपनसेशन के मुद्दे पर हंगामा कर सकते हैं।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, सरकार का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह सितंबर 2020 में 95,480 करोड़ रुपये रहा।
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जीएसटी सालाना रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की समयसीमा को एक महीने बढ़ाते हुए 1 अक्टूबर 2020 तक कर दिया है।
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