जीएसटी लागू करते समय तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिनियम के तहत अगले 5 साल तक राज्यों को जीएसटी से होने वाले नुकसान का मुआवजा देने की गारंटी दी थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य ऐसी मुफ्त योजनाओं पर खर्च कर रहे हैं जो आर्थिक रूप से वहनीय नहीं हैं। जीएसटी मुआवजा आगामी जून में बंद होने जा रहा है, ऐसे में राज्यों को राजस्व प्राप्ति के अनुरूप अपने खर्चों में प्राथमिकता फिर से तय करनी होगी।
फिलहाल जीएसटी में 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार कर स्लैब हैं। अधिकांश खाद्य वस्तुओं के लिए आठ प्रतिशत जीएसटी पर सहमति बनने की उम्मीद है।
सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि जीएसटी काउंसिल परिषद अपनी अगली बैठक में घरों और दुकानों के किराए में 12 फीसदी तक की बढ़त करने वाले प्रस्ताव को पेश करने वाली है।
31 मार्च तक ईंटों के निर्माण और व्यापार पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगता था। अब वह 1 अप्रैल से बढ़कर छह फीसदी हो गया है।
इससे पहले सबसे अधिक कलेक्शन जनवरी महीने में हुआ था। जनवरी, 2022 में 1,40,986 करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ था।
नए नियम के तहत 20 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाले व्यवसायों को एक अप्रैल से बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक चालान काटना होगा।
जीएसटी अधिकारियों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश लॉटरी, कैसीनो, सट्टेबाजी, जुआ, घुड़दौड़ के समान हैं। इन सभी पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी वसूला जाता है।
राज्यों के वित्त मंत्रियों की एक समिति जीएसटी परिषद को इस माह के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है जिसमें सबसे निचले कर स्लैब को बढ़ाने और स्लैब को तर्कसंगत बनाने जैसे कई कदमों के सुझाव दिए जाएंगे।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने गुरुवार को जनता को सावधान करते हुए कहा कि वैध कारण या किसी मौद्रिक लाभ के बिना आधार और पैन विवरण साझा करने पर धोखेबाज इसका दुरुपयोग जीएसटी चोरी के लिए कर सकते हैं।
गौरतलब है कि जनवरी 2022 में जीएसटी संग्रह 1,40,986 करोड़ रुपये था।
आम बजट 2022 (Union Budget 2022) से पहले मोदी सरकार के लिए खुशखबरी आयी है। जनवरी 2022 महीने में सरकार को जीएसटी से 1,38,394 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने आंकड़े जारी किए हैं।
नए साल की शुरुआत में ही अपवंचना रोकने के लिए जीएसटी कानून में संशोधन किया गया है। इसके तहत इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) अब सिर्फ एक बार मिलेगा। करदाता के जीएसटीआर 2बी (खरीद रिटर्न) में ‘क्रेडिट’ दर्ज होने के बाद इसे दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि टेक्सटाइल पर जीएसटी दरें बढ़ाने के प्रस्ताव को इस समय लागू करना सही नहीं है, क्योंकि कोरोना महामारी अभी भी जारी है।
बता दें कि एक जनवरी 2022 से टेक्सटाइल और जूतों पर पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी जीएसटी की योजना थी।
एक अधिकारी ने बताया कि जीएसटी परिषद की 46वीं बैठक 30 दिसंबर को राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ होने वाली बजट-पूर्व बैठक का विस्तार होगा।
जीएसटीआर-9 वार्षिक रिटर्न होता है जो जीएसटी के तहत पंजीकृत करदाताओं को प्रति वर्ष दाखिल करना होता है।
टैक्स के नए बदलाव लागू होने के बाद नए साल में फुटवियर और टेक्सटाइल सेक्टर में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में करेक्शन होने जा रहा है।
SBI की रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी के दायरे में आने के बाद पेट्रोल करीब 20-25 रुपए और डीजल करीब 20 रुपए तक सस्ता हो जाएगा, यानी आम जनता को इससे बड़ी राहत मिलेगी।
इस साल अप्रैल के दौरान देश में 1.39 लाख करोड़ रुपए का GST प्राप्त हुआ था जो अबतक किसी भी महीने में प्राप्त हुआ सर्वाधिक टैक्स है।
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