जीएसटी परिषद की बैठक में जीएसटी से छूट की समीक्षा को लेकर मंत्री समूह (GoM) की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया।
जीएसटी परिषद की मंगलवार से चंडीगढ़ में शुरू हुई बैठक के बीच विपक्षी दलों के शासन वाले राज्य क्षतिपूर्ति को लेकर मुखर हो गए हैं।
आज हुई बैठक में विपक्ष शासित राज्यों ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत अपने राजस्व को बचाने के लिए राजस्व बंटवारे के फॉर्मूले को बदलने के लिए दबाव बनाना शुरू किया है।
पेट्रोल डीजल को जीएसटी में लाने पर भाजपा सांसद सुशील मोदी कह चुके हैं कि इससे राज्यों को सामूहिक रूप से 2 लाख करोड़ का सालाना नुकसान होगा।
ग्रुप आफ मिनिस्टर्स की बैठक में आनलाइन गेमिंग के अलावा घुड़दौड़ और कसीनो को हानिकारक सेवाएं मानते हुए इन पर 28 प्रतिशत जीएसटी की सिफारिश की गई है।
माना जा रहा है कि परिषद कुछ उत्पादों की दरों में बदलाव कर सकती है। इसके अलावा परिषद द्वारा अधिकारियों की समिति की सिफारिशों के अनुरूप 215 उत्पादों पर कर दरों को यथावत रखा जा सकता है।
GOM ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि ऑनलाइन गेमिंग के कुल मूल्य पर कर लगाया जाना चाहिए, जिसमें खेल में भाग लेने पर खिलाड़ी द्वारा दी जाने वाली एंट्री फीस भी शामिल है।
परिषद की बैठक छह महीने बाद हो रही है। बैठक में दर को युक्तिसंगत बनाने के अलावा विपक्ष शासित राज्य राज्यों को क्षतिपूर्ति के भुगतान पर गर्मागर्म चर्चा कर सकते हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने इसकी समयसीमा को मार्च 2026 तक विस्तार देने का फैसला किया।
इस कदम से जाली बिलों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। साथ ही कर चोरी रोकने में मदद मिलेगी।
कैट ने मांग की है कि बिना ब्रांड वाले खाने पीने के सामान को कर से मुक्त रखा जाए और किसी भी सूरत में इसको 5% कर दायरे में न लाया जाए।
मंत्रालय ने मई में कर संग्रह कम रहने की वजह बताते हुए कहा, ‘‘वित्त वर्ष के पहले महीने अप्रैल की तुलना में मई में राजस्व संग्रह हमेशा कम रहा है।
जीएसटी (गुड्स एवं सर्विस टैक्स) के करोड़ों रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) फर्जीवाड़े के लिए गुजरात के सूरत के एक कमरे से करीब 550 डमी कंपनियां चलाईं जा रही थीं। ये फर्जीवाड़ा चलाने वाले शातिर गिरोह के पांच लोगों को सूरत से गिरफ्तार किया गया है।
इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ने से निवेशकों का विश्वास बढ़ा है। वह अब भारत में निवेश करने से नहीं हिचक रहे हैं।
PM Modi govt 8 years: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 8 साल के कार्यकाल में कई अप्रत्याशित फैसले लेकर सभी को चौंकाया। फिर वो चाहे अचानक नवाज शरीफ की पोती की शादी में पाकिस्तान पहुंचना हो, या शरीफ की मां को शॉल भेंट करना, नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक जैसे फैसले हों।
इस मामले में कंपनी ने गुजरात उच्च न्यायालय में समुद्री मालभाड़े पर एकीकृत जीएसटी लगाने के संबंध में सीबीआईसी की अधिसूचना की वैधता को चुनौती दी थी।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) मामलों पर निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय जीएसटी परिषद की बैठक अगले महीने होने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा इसलिए यह तर्क कि यदि जीएसटी परिषद की सिफारिशें बाध्यकारी नहीं होंगी, तो जीएसटी का पूरा ढांचा चरमरा जाएगा, यह टिकने वाला नहीं है।
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कहा कि भारत में सहकारी संघीय व्यवस्था है और इसी वजह से जीएसटी परिषद की सिफारिशों का महत्व बस प्रेरित करने का है।
मंत्रालय ने कहा कि इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि अनुपालन के स्तर में सुधार हुआ है।
संपादक की पसंद