माना जा रहा है कि परिषद कुछ उत्पादों की दरों में बदलाव कर सकती है। इसके अलावा परिषद द्वारा अधिकारियों की समिति की सिफारिशों के अनुरूप 215 उत्पादों पर कर दरों को यथावत रखा जा सकता है।
GOM ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि ऑनलाइन गेमिंग के कुल मूल्य पर कर लगाया जाना चाहिए, जिसमें खेल में भाग लेने पर खिलाड़ी द्वारा दी जाने वाली एंट्री फीस भी शामिल है।
परिषद की बैठक छह महीने बाद हो रही है। बैठक में दर को युक्तिसंगत बनाने के अलावा विपक्ष शासित राज्य राज्यों को क्षतिपूर्ति के भुगतान पर गर्मागर्म चर्चा कर सकते हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने इसकी समयसीमा को मार्च 2026 तक विस्तार देने का फैसला किया।
इस कदम से जाली बिलों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। साथ ही कर चोरी रोकने में मदद मिलेगी।
कैट ने मांग की है कि बिना ब्रांड वाले खाने पीने के सामान को कर से मुक्त रखा जाए और किसी भी सूरत में इसको 5% कर दायरे में न लाया जाए।
मंत्रालय ने मई में कर संग्रह कम रहने की वजह बताते हुए कहा, ‘‘वित्त वर्ष के पहले महीने अप्रैल की तुलना में मई में राजस्व संग्रह हमेशा कम रहा है।
जीएसटी (गुड्स एवं सर्विस टैक्स) के करोड़ों रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) फर्जीवाड़े के लिए गुजरात के सूरत के एक कमरे से करीब 550 डमी कंपनियां चलाईं जा रही थीं। ये फर्जीवाड़ा चलाने वाले शातिर गिरोह के पांच लोगों को सूरत से गिरफ्तार किया गया है।
इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ने से निवेशकों का विश्वास बढ़ा है। वह अब भारत में निवेश करने से नहीं हिचक रहे हैं।
PM Modi govt 8 years: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 8 साल के कार्यकाल में कई अप्रत्याशित फैसले लेकर सभी को चौंकाया। फिर वो चाहे अचानक नवाज शरीफ की पोती की शादी में पाकिस्तान पहुंचना हो, या शरीफ की मां को शॉल भेंट करना, नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक जैसे फैसले हों।
इस मामले में कंपनी ने गुजरात उच्च न्यायालय में समुद्री मालभाड़े पर एकीकृत जीएसटी लगाने के संबंध में सीबीआईसी की अधिसूचना की वैधता को चुनौती दी थी।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) मामलों पर निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय जीएसटी परिषद की बैठक अगले महीने होने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा इसलिए यह तर्क कि यदि जीएसटी परिषद की सिफारिशें बाध्यकारी नहीं होंगी, तो जीएसटी का पूरा ढांचा चरमरा जाएगा, यह टिकने वाला नहीं है।
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कहा कि भारत में सहकारी संघीय व्यवस्था है और इसी वजह से जीएसटी परिषद की सिफारिशों का महत्व बस प्रेरित करने का है।
मंत्रालय ने कहा कि इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि अनुपालन के स्तर में सुधार हुआ है।
जीएसटी लागू करते समय तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिनियम के तहत अगले 5 साल तक राज्यों को जीएसटी से होने वाले नुकसान का मुआवजा देने की गारंटी दी थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य ऐसी मुफ्त योजनाओं पर खर्च कर रहे हैं जो आर्थिक रूप से वहनीय नहीं हैं। जीएसटी मुआवजा आगामी जून में बंद होने जा रहा है, ऐसे में राज्यों को राजस्व प्राप्ति के अनुरूप अपने खर्चों में प्राथमिकता फिर से तय करनी होगी।
फिलहाल जीएसटी में 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार कर स्लैब हैं। अधिकांश खाद्य वस्तुओं के लिए आठ प्रतिशत जीएसटी पर सहमति बनने की उम्मीद है।
सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि जीएसटी काउंसिल परिषद अपनी अगली बैठक में घरों और दुकानों के किराए में 12 फीसदी तक की बढ़त करने वाले प्रस्ताव को पेश करने वाली है।
31 मार्च तक ईंटों के निर्माण और व्यापार पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगता था। अब वह 1 अप्रैल से बढ़कर छह फीसदी हो गया है।
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