सीटीएफ के अध्यक्ष नीरज आनंद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म किए जाने के दौरान उत्पन्न हुए हालातों के मद्देनजर हम आयकर और जीएसटी रिटर्न की समय-सीमा आगे बढ़ाने की मांग करते हैं।
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि जीएसटी मासिक बिक्री रिटर्न और की गई आपूर्ति के ब्योरे में किसी भी अंतर की जानकारी सालाना रिटर्न फार्म में देनी होगी और उस पर बनने वाला वाजिब कर का भुगतान किया जाना चाहिए।
जीएसटी रिटर्न दायर करने की नयी प्रणाली के तहत व्यापारियों को कई तरह के प्रारूप के बजाय अब महीने में केवल एक बार एकल फॉर्मेट में ही रिटर्न भरना होगा।
उद्योग जगत ने शुक्रवार को कहा कि जीएसटी परिषद के लिये अप्रत्यक्ष कर का दायरा बढ़ाने और सभी क्षेत्रों को इसके अंतर्गत लाने तथा कर स्लैब को युक्तिसंगत बनाने का सही समय है।
जीएसटीआर-1 दाखिल करने की समयसीमा दो दिन बढ़ाकर 13 अप्रैल कर दी है। इसी तरह जीएसटीआर-7 भरने की समयसीमा 12 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है।
सरकार ने जीएसटी फाइल करने की समय सीमा 31 दिसंबर 2018 को बढ़ाकर 31 मार्च 2019 कर दिया है।
वित्त मंत्रालय ने सितंबर महीने के लिए जीएसटीआर-3बी बिक्री रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को पांच दिन बढ़ाकर 25 अक्टूबर कर दिया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हाल में अधिसूचित नए वार्षिक जीएसटी रिटर्न फॉर्म से टैक्स चोरी रोकने और उसकी निगरानी करने में काफी मदद मिलेगी।
सरकार की माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली की पहली वर्षगांठ को धूमधाम से मनाने की योजना है। इस बीच उसने कहा है कि यह अप्रत्यक्ष कर प्रणाली सुचारू ढंग से काम कर रही है और अब उसका जोर रिटर्न फॉर्म को सरल बनाने पर रहेगा।
कारोबारियों को हर माह तीन रिटर्न भरती होती थी जबकि एक सालाना रिटर्न दाखिल करनी होती थी। कुल मिलाकर उन्हें साल में 37 रिटर्न दाखिल करनी होती हैं
वस्तु एवं सेवा कर (GST) के तहत केवल 16 प्रतिशत कारोबारियों की ही शुरुआती बिक्री रिटर्न का अंतिम रिटर्न के साथ मेल हो पाया है। राजस्व विभाग ने इसमें संभावित कर चोरी की आशंका को देखते हुए इसका विश्लेषण शुरू कर दिया है।
केंद्र और राज्य सरकारों ने निर्यातकों के लिए 10,000 करोड़ रुपए से अधिक के जीएसटी रिफंड को मंजूरी दे दी है।
शनिवार को आयोजित GST काउंसिल की बैठक GST रिटर्न के सरलीकरण को लेकर बेनतीजा रही। हालांकि, इस बैठक में दो मॉडल पर चर्चा तो की गई लेकिन अब निर्णय को GST काउंसिल की अगली बैठक के लिए टाल दिया गया है।
आज वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में वस्तु एवं सेवा कर परिषद (GST काउंसिल) की 26वीं बैठक होने वाली है। उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक में जीएसटीआर-3बी भरने की समयसीमा बढ़ाई जा सकती है।
जीएसटी परिषद की शनिवार को होने वाली बैठक में सरलीकृत बिक्री रिटर्न जीएसटीआर-3 बी भरने के लिए समयसीमा तीन महीने जून तक बढ़ाई जा सकती है।
जीएसटी परिषद कर रिटर्न दाखिल करने में आसानी के लिए इंफोसिस टेक्नोलॉजी के चेयरमैन नंदन निलेकणि द्वारा प्रस्तावित मॉडल को तय करने के बारे में 10 मार्च को होने वाली बैठक में विचार करेगी।
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का मानना है कि कर चोरी रोकने के विभिन्न उपायों के लागू होने के बाद जीएसटी से होने वाला राजस्व संग्रहण अगले वित्त वर्ष के आखिर तक एक लाख करोड़ रुपए मासिक हो सकता है।
कंपनियों द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (GST) कंपोजिशन योजना के तहत दाखिल रिटर्न की संख्या से सरकार हैरान है। करीब पांच लाख कंपनियों ने रिटर्न में अपनी सालाना बिक्री को सिर्फ पांच लाख रुपए ही दिखाया है।
सरकार ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के तहत जुलाई-सितंबर अवधि का अंतिम बिक्री रिटर्न यानी जीएसटीआर-1 दाखिल करने के लिए समय सीमा को दस दिन और बढ़ाकर 10 जनवरी 2018 कर दिया है।
सरकार ने निर्यातकों को अपने GST रिफंड दावे हाथ से भरने की अनुमति दे दी है। अब निर्यातक कर अधिकारियों के सामने हाथ से अपने रिफंड दावे भर सकते हैं।
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