माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत ई-वे बिल सेवा शुरू होने में केवल तीन दिन शेष हैं, इसे देखते हुए सरकार ने कारोबारियों एवं ट्रांसपोर्टरों को ई-वे पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिए कहा है।
माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत ट्रांसपोर्टरों के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य में माल परिवहन के वास्ते जरूरी इलेक्ट्रॉनिक वे-बिल का इस्तेमाल एक अप्रैल से अनिवार्य किया जाना चाहिए।
सरकार की केंद्रीकृत ई-वे बिल प्रणाली में गुजरात, हरियाणा और बिहार सहित कम से कम छह और राज्य आज शामिल हो गए।
वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (GSTN) ने अपने पोर्टल पर एक नई सुविधा पेश की है। इसके तहत करदाता GSTR 1 फार्म कितने समय में भरना है, इसका विकल्प चुन सकते हैं।
माह दर माह आधार पर GSTR-3B रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में लगातार सुधार देखा जा रहा है। 20 नवंबर, 2017 तक अक्तूबर के लिए 43.67 लाख इकाइयों ने रिटर्न दाखिल किया था
उल्लेखनीय है कि इस साल एक जुलाई से GST व्यवस्था लागू हुई है। इस व्यवस्था के तहत GSTN के जरिये रिटर्न दायर किये जाते हैं
कारोबारी जो जीएसटी प्रणाली में अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं लेकिन अब वे इससे बाहर निकलना चाहते हैं तो वे ऐसा जीएसटीएन पोर्टल के माध्यम से कर सकते हैं।
जीएसटी काउंसिल की शुक्रवार को होने वाली बैठक बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जा रही है। छोटे निर्यातकों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है।
पांडे ने इस महीने की शुरुआत में GSTN चेयरमैन का पदभार संभाला है। उन्होंने कहा कि GST नेटवर्क काफी मजबूत स्थिति में है
पहले नोटबंदी का असर रहा तो अब GST नेटवर्क में आ रही दिक्कतें परेशानी का सबब बन रही हैं।
जीएसटी व्यवस्था के तहत अबतक 20 लाख कंपनियों ने ऑनलाइन टैक्स का भुगतान किया है और समय सीमा से पहले करीब 28 लाख और रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
GST लागू होने के बाद इससे संबंधित समस्याएं भी खड़ी हो गई हैं, GSTN हेल्पडेस्क को रोज 10,000 कॉल प्राप्त हो रहे हैं, जिसमें सवाल पूछे जा रहे हैं।
25 जून से GSTN में पंजीकरण के लिए 1.60 लाख नए आवेदन मिले हैं। इनमें से 53,000 आवेदनों को कारोबार के ब्योरे के साथ पूर्ण किया गया है।
जीएसटी- नेटवर्क (GSTN) ने कहा है कि उसने GST के सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिए जरूरी सभी सॉफ्टवेयर परीक्षण व प्रयोग पूरे कर लिए हैं।
ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स और टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काटने वाले 25 जून से जीएसटी नेटवर्क पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।
कारोबारियों की संस्था एसोचैम ने जीएसटी का कार्यान्वयन टालने की मांग की है। इसके लिए संस्था ने वित्त मंत्री को पत्र भी लिखा है।
अगर कल समाप्त हो रही समयसीमा तक किसी कारण से जीएसटी नेटवर्क पर अपना पंजीकरण नहीं करा पाते हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है।
अब जबकि जीएसटी को लागू करने में कुछ ही समय शेष बचा है केंद्र सरकार ने ई-वे बिल के कार्यान्वयन को कुछ महीने टालने का प्रस्ताव किया है।
GSTN ने उद्योग जगत को आश्वस्त किया कि उनके सभी आंकड़े और जानकारी नेटवर्क में कूट भाषा में सुरक्षित होगी और केवल करदाता और आकलन अधिकारी ही इसे देख सकेंगे।
उद्योग जगत का मानना है कि इस देशव्यापी नई इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम (GST) की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि जीएसटी नेटवर्क (GSTN) कितना दक्ष और मजबूत है।
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