सरकार के इस फैसले से कारोबारी इकाइयों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित साझा जानकारी के आधार पर तेजी से कर्ज पाने में मदद मिलेगी।
अक्टूबर 2022 में सकल GST संग्रह 1,51,718 करोड़ रुपये था। इसमें CGST 26,039 करोड़ रुपये, SGST 33,396 करोड़ रुपये और IGST की हिस्सेदारी 81,778 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर एकत्रित 37,297 करोड़ रुपये सहित) है।
जीएसटी व्यवस्था में अप्रैल 2018 से 50,000 रुपये से अधिक मूल्य की वस्तुओं के इंटर-स्टेट ट्रांसपोर्टेशन के लिए ईवे बिल को अनिवार्य कर दिया गया है।
जीएसटीएन ने रविवार को कहा कि लॉकडाउन के पहले दस दिन के दौरान तीन अप्रैल तक उसके अधिकारियों ने 10,000 से अधिक नए पंजीकरण तथा करीब 8,000 रिफंड के आवेदनों का अपने स्तर पर जांच व निपटान किया है।
जीएसटी परिषद ने मोबाइल फोन पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) दर को 12 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने का फैसला किया है।
अधिकारियों ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में परिषद की बैठक में जीएसटी नेटवक पोर्टल पर परिचालन संबंधी खामियों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
जीएसटी हेल्पडेस्क का मौजूदा नंबर 0120- 24888999 बंद कर दिया गया है। जीएसटी हेल्पडेस्क को दैनिक औसतन 8,000 से लेकर 10,000 तक फोन कॉल आते हैं।
जीएसटी नेटवर्क ने रविवार को कहा कि दो करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाले करीब 92 प्रतिशत बड़े करदाताओं ने 2017-18 के लिये सालाना रिटर्न भर दिया है।
केंद्र और राज्य सरकारों की कंपनी में कुल मिलाकर 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है
मालवाहनों के लिए बिना रुके टोल भुगतान की फास्टैग सुविधा को जीएसटी ई-वे बिल प्रणाली से जोड़ने के लिए आईएचएमसीएल और जीएसटीएन आज सोमवार को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेंगे।
माल एवं सेवाकर नेटवर्क (जीएसटीएन) 22 अक्टूबर यानी मंगलवार को जीएसटी रिटर्न भरने के नए संस्करण को जारी करेगा। जिसका मकसद रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाना है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) को 100 प्रतिशत सरकारी कंपनी बनाने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है।
जीएसटी जांच शाखा ने दो महीने में 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की कर चोरी पकड़ी है। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि कर भुगतान में बड़ा योगदान इकाईयों के एक छोटे से वर्ग का ही है।
देश में वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था लागू हुए अब जबकि एक साल पूरा होने को है, इस व्यवस्था के लिये नेटवर्क ढांचे का रखरखाव और संचालन करने वाली कंपनी जीएसटीएन का दावा है कि नेटवर्क प्रणाली अब पूरी तरह स्थिर है और यह ठीक काम कर रही है।
जीएसटी नेटवर्क (GSTN) ने किसी भी तरह की धोखाधड़ी को पकड़ने के लिए करदाताओं से जुड़ी जानकारी के विश्लेषण काम निजी इकाइयों से करवाने का फैसला किया है। कंपनी ने इसके लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं।
माल एवं सेवा (जीएसटी) परिषद ने शुक्रवार को अपनी 27वीं बैठक में यह फैसला किया है कि रिटर्न प्रक्रिया को सरल बनाने और अनुपालन को बढ़ाने के लिए कारोबारियों के लिए एक सिंगल मंथली रिटर्न फॉर्म पेश किया जाएगा।
सरकार वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी में बदलने की तैयारी में है। जीएसटीएन इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था मे सूचना प्रौद्योगिकी ( आईटी ) ढांचे को देखती है।
वित्त मंत्रालय ने आज कहा कि तकनीकी कारणों से जो करदाता जीएसटीएन पोर्टल पर जीएसटी लागू होने से पहले के ‘क्रेडिट’ को लेकर फॉर्म ट्रान-1 जमा नहीं कर पाए थे, वे अब 30 अप्रैल तक प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
एक राज्य से दूसरे राज्य में माल परिवहन के लिए इलेक्ट्रॉनिक यानी ई-वे (e-Way) बिल प्रणाली 1 अप्रैल से शुरू हो गयी है। कर्नाटक एक मात्र एक ऐसा राज्य है जिसने राज्य के भीतर भी माल परिवहन के लिए ई-वे बिल प्रणाली को लागू किया।
माल एवं सेवा कर व्यवस्था के तहत कारोबारियों और ट्रक परिचालकों को एक अप्रैल से एक राज्य से दूसरे राज्य में 50 हजार रुपए से अधिक का माल लाने-लेजाने के लिए सबूत के तौर पर इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली से प्राप्त किया गया ई-वे बिल साथ में रखना होगा।
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