रियल एस्टेट सेक्टर भी अब जल्द ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में आ सकता है।
वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था के तहत ट्रांसपोर्टरों के लिए इलेक्ट्रानिक वे बिल या ई-वे बिल प्रणाली अब एक फरवरी से क्रियान्वित होगी। इस प्रणाली में ट्रांसपोर्टरों को राज्यों के बीच माल की आवाजाही के लिए ई-वे बिल साथ रखना होगा।
सरकार ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के तहत जुलाई-सितंबर अवधि का अंतिम बिक्री रिटर्न यानी जीएसटीआर-1 दाखिल करने के लिए समय सीमा को दस दिन और बढ़ाकर 10 जनवरी 2018 कर दिया है।
लोकसभा ने लग्जरी वाहनों पर जीएसटी सेस को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने की मंजूरी देने वाले एक बिल को पास कर दिया है।
माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह में लगातार दूसरे महीने गिरावट दर्ज की गई है। नवंबर में जीएसटी संग्रह 80,808 करोड़ रुपए रहा। इससे पहले अक्टूबर महीने में यह 83,000 करोड़ रुपए था।
विशेषज्ञों ने सरकार और कारोबारियों के बीच तालमेल व सहयोग बढ़ाने और टैक्स स्लैब की संख्या घटाने की सलाह दी है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में शनिवार को हुई माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 24वीं बैठक में उत्पादों के इंटर स्टेट मूवमेंट के लिए एक फरवरी से ई-वे बिल को अनिवार्य किए जाने की मंजूरी दे दी गई है।
शक्तिशाली माल एवं सेवा कर (GST) परिषद ने शनिवार को एक अर्जेंट मीटिंग बुलाई है। इस अर्जेंट मीटिंग के एजेंडा के बारे में अभी तक कुछ भी पता नहीं चला है।
शक्तिशाली जीएसटी परिषद भविष्य में बिजली, पेट्रोलियम उत्पादों और अन्य कुछ वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करेगी। यह बात आज बिहार के वित्त मंत्री सुशील मोदी ने कही।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने शुक्रवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद 12 और 18 प्रतिशत दरों को एक नए स्लैब में विलय करने की संभावनाओं की जांच करेगी।
CAI ने कहा है कि GST काउंसिल ने 21 दिसंबर को होने वाली बैठक में अगर RCM के मुद्दे को हल नहीं किया तो इंडस्ट्री 22 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएगी
सरकार डिजिटल भुगतान करने वाले ग्राहकों को वस्तु एवं सेवा कर (GST) में 2 फीसदी छूट देने की योजना बना रही है।
सरकार डिजिटल भुगतान करने वाले ग्राहकों को वस्तु एवं सेवा कर (GST) में 2 फीसदी छूट देने की योजना बना रही है।
10 नवंबर को हुई बैठक में 178 वस्तुओं पर लगने वाले कर में कटौती की। इससे उच्च 28 प्रतिशत GST दर में केवल 57 वस्तुएं ही रह गयी
जीएसटी परिषद ने कारोबारियों को राहत देते हुए रिटर्न फाइलिंग के नियमों को और सरल बनाने की कोशिश की है। देरी से रिटर्न फाइलिंग पर जुर्माने को भी कम किया।
जानें, GST की दरों में कटौती से आपको कितना फायदा होगा, और सरकारों को राजस्व में कितने रुपये तक का घाटा उठाना पड़ सकता है...
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के निर्धारण में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव जीएसटी परिषद ने किया है। करीब 200 से अधिक उत्पादों पर टैक्स की दरें कम कर दी गई हैं।
जीएसटी परिषद ने देश के सभी तरह के रेस्टॉरेंट्स के लिए जीएसटी की नई दर 5 प्रतिशत तय की है। चाहे किसी भी रेस्टॉरेंट में खाना खाएं केवल 5% जीएसटी देना होगा।
जीएसटी परिषद द्वारा 177 उपभोक्ता वस्तुओं पर टैक्स रेट 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने के फैसले के बाद भारतीय शेयर बाजार में सुधार आया है।
जीएसटी काउंसिल की बैठक असम के गुवाहाटी में चल रही है। इस दो दिवसीय बैठक में आज रोज इस्तेमाल होने वाली 200 वस्तुओं पर टैक्स घटाने पर सहमति बन सकती है।
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