सरकार ने शनिवार को इलेक्ट्रॉनिक वे या ई-वे बिल को देशभर में लागू करने के लिए 1 अप्रैल 2018 की तारीख को अधिसूचित कर दिया है। एक अप्रैल से 50,000 रुपए से अधिक मूल्य के उत्पादों को राज्यों के बीच लाने-ले जाने के लिए ई-वे बिल अनिवार्य होगा।
शनिवार को आयोजित GST काउंसिल की बैठक GST रिटर्न के सरलीकरण को लेकर बेनतीजा रही। हालांकि, इस बैठक में दो मॉडल पर चर्चा तो की गई लेकिन अब निर्णय को GST काउंसिल की अगली बैठक के लिए टाल दिया गया है।
आज वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में वस्तु एवं सेवा कर परिषद (GST काउंसिल) की 26वीं बैठक होने वाली है। उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक में जीएसटीआर-3बी भरने की समयसीमा बढ़ाई जा सकती है।
जीएसटी परिषद की शनिवार को होने वाली बैठक में सरलीकृत बिक्री रिटर्न जीएसटीआर-3 बी भरने के लिए समयसीमा तीन महीने जून तक बढ़ाई जा सकती है।
जीएसटी परिषद कर रिटर्न दाखिल करने में आसानी के लिए इंफोसिस टेक्नोलॉजी के चेयरमैन नंदन निलेकणि द्वारा प्रस्तावित मॉडल को तय करने के बारे में 10 मार्च को होने वाली बैठक में विचार करेगी।
रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहित करने और आम घर खरीदारों को राहत देने के लिए हर किसी को सरकार से इस साल बजट में कई बड़ी घोषणाओं की उम्मीद है।
बजट भले ही 1 फरवरी को आना हो, लेकिन पिछले हफ्ते मिनी बजट ने आम आदमी को बड़ी राहत दी है।
देश का आम बजट पेश होने में अभी दो सप्ताह से कम का समय बचा है। लेकिन इससे पहले सरकार ने महंगाई से जूझ रहे आम लोगों को बड़ी राहत दे दी है।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि पर नजर रखे हुए है।
GST Council today approved rate changes of 29 goods and 49 categories of services. The revised rates will be applicable from January 25, the finance minister said.
अरुण जेटली ने बताया कि रिटर्न फाइल करना अब और आसान किया जाएगा। जेटली ने बताया कि 29 हस्तशिल्प वस्तुएं GST से बाहर की गई है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने गुरुवार को अपनी 25वीं बैठक में 29 वस्तुओं पर जीएसटी रेट घटाकर शून्य प्रतिशत करने का निर्णय किया है।
ट्रोल और डीजल को GST के दायरे में रखा जाए या नहीं इसपर अंतिम फैसला GST काउंसिल को ही करना है और GST काउंसिल अगर पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में करती है तो इससे इनकी कीमत में भारी कटौती हो जाएगी
इस बार सरकार जनता को बजट से पहले ही खुश करने की कोशिश में है। 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट से पहले ही माल एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक 18 जनवरी को बुलाई गई है।
रियल एस्टेट सेक्टर भी अब जल्द ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में आ सकता है।
वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था के तहत ट्रांसपोर्टरों के लिए इलेक्ट्रानिक वे बिल या ई-वे बिल प्रणाली अब एक फरवरी से क्रियान्वित होगी। इस प्रणाली में ट्रांसपोर्टरों को राज्यों के बीच माल की आवाजाही के लिए ई-वे बिल साथ रखना होगा।
सरकार ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के तहत जुलाई-सितंबर अवधि का अंतिम बिक्री रिटर्न यानी जीएसटीआर-1 दाखिल करने के लिए समय सीमा को दस दिन और बढ़ाकर 10 जनवरी 2018 कर दिया है।
लोकसभा ने लग्जरी वाहनों पर जीएसटी सेस को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने की मंजूरी देने वाले एक बिल को पास कर दिया है।
माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह में लगातार दूसरे महीने गिरावट दर्ज की गई है। नवंबर में जीएसटी संग्रह 80,808 करोड़ रुपए रहा। इससे पहले अक्टूबर महीने में यह 83,000 करोड़ रुपए था।
विशेषज्ञों ने सरकार और कारोबारियों के बीच तालमेल व सहयोग बढ़ाने और टैक्स स्लैब की संख्या घटाने की सलाह दी है।
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