Latest GST Collection Updates: Gross GST revenue collected in month of Dec, 2019: 2020 में मोदी सरकार के लिए आई पहली खुशखबरी, दिसंबर में GST संग्रह रहा 1.03 लाख करोड़ रुपए
अधिकारियों से विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है कि फील्ड एनफोर्समेंट ड्राइव और विजिट के दौरान किसी भी करदाता को बेवजह परेशान न किया जाए।
सीतारमण ने कहा कि मैं राज्यों को क्षतिपूर्ति देने के वादे को निभाने में नाकाम नहीं रही हूं, उन्हें उनका हिस्सा दिया जाएगा।
अर्थव्यवस्था में चल रही मंदी के बीच मोदी सरकार के लिए राहत की खबर आई है। नवंबर महीने में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन छह फीसदी बढ़ा है। नवंबर महीने में जीएसटी कलेक्शन 1.03 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
सरकार ने फर्मों के बीच (बी2बी) कारोबार में फर्जी बिल बनाए जाने के रुझानों पर चिंता जताई है और उसका कहना है कि इससे माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की वसूली प्रभावित हो रही है।
15वें वित्त आयोग के चेयरमैन एन. के़. सिंह ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की वसूली बढ़ाने के लिए इसके ढांचे में बड़ा सुधार करने की जरूरत पर शुक्रवार को बल दिया।
सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न नहीं भरने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है। योजना बनाई जा रही है कि जो लगातार दो बार रिटर्न भरने से चूकेगा, उसका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा।
इससे पहले सितंबर 2019 में GST का संग्रह 91,916 करोड़ रुपए था।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत राजस्व प्राप्ति बढ़ाने सहित इसकी व्यापक रूप से समीक्षा कर जरूरी सुझाव देने को लेकर गठित एक उच्च स्तरीय समिति की पहली बैठक मंगलवार को होगी।
सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह तथा इसके प्रशासन को दुरुस्त करने के उपायों का सुझाव देने के लिये अधिकारियों की एक समिति गठित की है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इससे पूर्व माह यानि अगस्त में जीएसटी संग्रह 98,202 करोड़ रुपए था। एक साल पहले समान माह में जीएसटी संग्रह का यह आंकड़ा 94,442 करोड़ रुपए था।
व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आरोप लगाया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां त्योहारी सीजन की सेल के जरिए सरकार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का चूना लगा रही हैं।
राजस्व विभाग से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश का सकल माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह अगस्त 2019 में एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से नीचे 98,202 करोड़ रुपये रहा।
पूर्वोत्तर राज्यों में माल एवं सेवा कर संग्रह वित्त वर्ष 2019-20 के पहले चार महीनों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि विनिर्माण वाले बड़े राज्यों के मुकाबले अधिक है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में वृद्धि पूर्वोत्तर के सातों राज्यों में दर्ज की गयी। यह राष्ट्रीय औसत 9 प्रतिशत के मुकाबले तीन गुना अधिक है।
चालू वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह पिछले महीने जून में पहली बार एक लाख करोड़ रुपए के स्तर से नीचे 99,939 करोड़ रुपए पर आ गया था।
आंकड़ों के मुताबिक जुलाई 2019 में केंद्रीय जीएसटी संग्रह 17,912 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 25,008 करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी 50,612 करोड़ रुपये रहा।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि 30 जून, 2019 तक मई माह के कुल 74.38 लाख जीएसटीआर 3बी रिटर्न फाइल किए गए।
मई, 2019 में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,00,289 करोड़ रुपए रहा है। एक साल पहले समान माह में यह आंकड़ा 94,016 करोड़ रुपए था।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल माह में जीएसटी वसूली 1.13 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। यह लगातार दूसरा महीना रहा है, जब जीएसटी प्राप्ति एक लाख करोड़ रुपए से अधिक रही है।
पिछले साल अगस्त से जीएसटी संग्रह में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है और मार्च में यह अपने उच्चतम स्तर 1.06 लाख करोड़ रुपए पर पहुंचा था।
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