कोविड 19 संकट की वजह से जीएसटी कलेक्शन में तेज गिरावट का अनुमान
अक्टूबर 2019 के बाद से पहली बार कलेक्शन 1 लाख करोड़ से नीचे
सरकार ने फरवरी में जीएसटी के तहत 1.05 लाख करोड़ रुपये की वसूली की जो पिछले साल इसी महीने की वसूली के मुकाबले आठ प्रतिशत अधिक है।
जुलाई 2017 में लागू होने के बाद यह दूसरी बार है जब मासिक जीएसटी संग्रह ने 1.1 लाख करोड़ रुपए का स्तर पार किया है।
आम बजट 2020 से पहले मोदी सरकार के लिए एक और राहत की खबर आई है। जनवरी में वस्तु और सेवा कर (GST) संग्रह जनवरी में फिर एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रहा।
जीएसटी वसूली से चिंतित कर विभाग (टैक्स डिपार्टमेंट) ने बड़ा फैसला लेते हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह के लक्ष्य में बढ़ोतरी कर दी है।
Latest GST Collection Updates: Gross GST revenue collected in month of Dec, 2019: 2020 में मोदी सरकार के लिए आई पहली खुशखबरी, दिसंबर में GST संग्रह रहा 1.03 लाख करोड़ रुपए
अधिकारियों से विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है कि फील्ड एनफोर्समेंट ड्राइव और विजिट के दौरान किसी भी करदाता को बेवजह परेशान न किया जाए।
सीतारमण ने कहा कि मैं राज्यों को क्षतिपूर्ति देने के वादे को निभाने में नाकाम नहीं रही हूं, उन्हें उनका हिस्सा दिया जाएगा।
अर्थव्यवस्था में चल रही मंदी के बीच मोदी सरकार के लिए राहत की खबर आई है। नवंबर महीने में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन छह फीसदी बढ़ा है। नवंबर महीने में जीएसटी कलेक्शन 1.03 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
सरकार ने फर्मों के बीच (बी2बी) कारोबार में फर्जी बिल बनाए जाने के रुझानों पर चिंता जताई है और उसका कहना है कि इससे माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की वसूली प्रभावित हो रही है।
15वें वित्त आयोग के चेयरमैन एन. के़. सिंह ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की वसूली बढ़ाने के लिए इसके ढांचे में बड़ा सुधार करने की जरूरत पर शुक्रवार को बल दिया।
सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न नहीं भरने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है। योजना बनाई जा रही है कि जो लगातार दो बार रिटर्न भरने से चूकेगा, उसका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा।
इससे पहले सितंबर 2019 में GST का संग्रह 91,916 करोड़ रुपए था।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत राजस्व प्राप्ति बढ़ाने सहित इसकी व्यापक रूप से समीक्षा कर जरूरी सुझाव देने को लेकर गठित एक उच्च स्तरीय समिति की पहली बैठक मंगलवार को होगी।
सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह तथा इसके प्रशासन को दुरुस्त करने के उपायों का सुझाव देने के लिये अधिकारियों की एक समिति गठित की है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इससे पूर्व माह यानि अगस्त में जीएसटी संग्रह 98,202 करोड़ रुपए था। एक साल पहले समान माह में जीएसटी संग्रह का यह आंकड़ा 94,442 करोड़ रुपए था।
व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आरोप लगाया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां त्योहारी सीजन की सेल के जरिए सरकार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का चूना लगा रही हैं।
राजस्व विभाग से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश का सकल माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह अगस्त 2019 में एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से नीचे 98,202 करोड़ रुपये रहा।
पूर्वोत्तर राज्यों में माल एवं सेवा कर संग्रह वित्त वर्ष 2019-20 के पहले चार महीनों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि विनिर्माण वाले बड़े राज्यों के मुकाबले अधिक है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में वृद्धि पूर्वोत्तर के सातों राज्यों में दर्ज की गयी। यह राष्ट्रीय औसत 9 प्रतिशत के मुकाबले तीन गुना अधिक है।
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