वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संशोधन विधेयक राज्यसभा में पारित होने के बाद अब सरकार इसे एक अप्रैल, 2017 से क्रियान्वित करने की तैयारी में जुट गई है।
सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के लिए एक अप्रैल 2017 की समयसीमा तय कर दी है। उपयुक्त टैक्स रेट केंद्र और राज्य दोनों मिलकर तय करेंगे।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी दर यदि 20 फीसदी भी होती है तो मुद्रास्फीति पर असर नहीं होगा। साथ ही इसे एक अप्रैल 2017 से लागू करने प्रयास किए जा रहे हैं।
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा कि जीएसटी लागू होना देश की आर्थिक ग्रोथ के लिए सकारात्मक रहेगा जिसका महंगाई दर पर कोई खास असर नहीं होगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली से काले धन पर लगाम लगेगी और अधिक प्रभावी कराधान प्रणाली का मार्ग प्रशस्त होगा।
उद्योग जगत ने कहा कि बहु-प्रतीक्षित अप्रत्यक्ष कर (जीएसटी) सुधार अर्थव्यवस्था की वृद्धि में उल्लेखनीय योगदान देगा और वस्तु एवं सेवाओं की लागत में कमी लाएगा।
16 साल बाद गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक को राज्य सभा द्वारा पास कर दिया गया है।
राज्य सभा ने बुधवार को महत्वपूर्ण 122वें संविधान संशोधन को मंजूरी देकर इस विधेयक को कानून का रूप देने के लिए हरी झंडी दे दी है।
सरकार ने आज कहा कि मजबूत आईटी बुनियादी ढांचे की मदद से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को बेहतर ढंग तरह से लागू किया जा सकेगा
आम जनता के साथ ही साथ सरकार के लिए भी फायदेमंद माना जाने वाला गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) बिल आज राज्यसभा में पेश हो गया।
बीते हफ्ते केंद्रीय कैबिनेट द्वारा GST संविधान संशोधन विधेयक में बदलावों को मंजूरी दिए जाने के बाद इसके लागू होने की संभावनाएं और प्रबल हो गई हैं।
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लंबे समय से अटके पड़े बहुचर्चित वस्तु एवं सेवा कर (GST) विधेयक को आखिरकार बुधवार को राज्य सभा में विचार एवं पारित कराने के लिये सूचीबद्ध किया गया है।
सेंसेक्स सुबह 9.41 बजे 176.13 अंकों की तेजी के साथ 28,227.99 पर और निफ्टी भी लगभग इसी समय 58.15 अंकों की तेजी के साथ 8,696.65 पर कारोबार करते देखे गए।
टैक्स विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार द्वारा एक प्रतिशत के अतिरिक्त अंतरराज्यीय कर को हटाने के प्रस्ताव से वस्तु एवं सेवा कर (GST) सुगम होगा।
कंपनियों के तिमाही नतीजों और बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पर होने वाली प्रगति से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी।
सरकार ने बहु प्रतीक्षित जीएसटी बिल को राज्य सभा में चर्चा और पास कराने के लिए इसे अगले हफ्ते के एजेंडे में शामिल किया है।
GST बिल में बदलाव के मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद सरकार ने विपक्षी दलों के साथ चर्चा की। बिल राज्य सभा में अगले सप्ताह चर्चा के लिए रखा जा सकता है।
वाम दलों सहित पांच राजनीतिक दलों ने केन्द्र सरकार से कहा है कि GST विधेयक लाने से पहले वह राज्यों को आश्वस्त करे कि उनकी वित्तीय जरूरतों का ध्यान रखा जाएगा।
सरकार ने बुधवार को गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) संविधान संशोधन विधेयम में बदलावों को अपनी मंजूरी दे दी है। एक फीसदी मैन्युफैक्चरिंग टैक्स खत्म होगा।
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