ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने एक ऐसा ऐलान किया है, जिससे भारत को सीधे तौर पर नुकसान उठाना पड़ सकता है। देश के व्यापारियों और व्यवसायियों ने भी यह आशंका जाहिर की है। दरअसल ब्रिटेन शुल्क लाभ योजना (जीएसपी) वापस लेने जा रहा है। इसका असर भारतीय निर्यातकों पर पड़ सकता है।
अमेरिका द्वारा भारत को दी जाने वाली तरजीही शुल्क व्यवस्था जीएसपी का लाभ समाप्त होने के बाद अमेरिका को इस व्यवस्था के तहत होने वाली वस्तुओं का निर्यात जून में 32 प्रतिशत बढ़ गया। भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद (टीपीसीआई) ने यह जानकारी दी है।
उन्होंने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि भारत ने अमेरिका को आश्वस्त नहीं किया था कि वह ‘उसके बाजारों को न्यायसंगत और उचित पहुंच’ मुहैया कराएगा।
सरकार ने अमेरिका में उत्पादित या वहां से आयात की जाने वाले बादाम, अखरोट और दालों सहित 28 विनिर्दिष्ट वस्तुओं पर प्रशुल्क बढ़ाने की अधिसूचना शनिवार को जारी की।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जीएसपी व्यापार कार्यक्रम के तहत भारत को प्राप्त लाभार्थी विकासशील देश का दर्जा खत्म कर दिया है।
जीएसपी अमेरिका का सबसे बड़ी और पुरानी व्यापार तरजीही कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम चुनिंदा लाभार्थी देशों के हजारों उत्पादों को शुल्क से छूट देकर आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था।
ट्रंप ने दलील दी कि भारत, अमेरिका को यह आश्वासन देने में विफल रहा है कि वह विभिन्न क्षेत्रों में अपने बाजारों को न्यायसंगत एवं उचित पहुंच प्रदान करेगा।
पेट्रोनेट एलएनजी लि. 4,500 करोड़ रुपए की लागत वाली मूंदड़ा एलएनजी आयात टर्मिनल में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए GSPC के साथ बातचीत कर रही है।
देश में तीन हफ्ते बाद 1 जुलाई से GST लागू होने जा रहा है, लेकिन इसके लिए आईटी प्रणालियां अभी तक तैयार नहीं हो पाई हैं।
क्रूड की तेजी से इंजीनियर्स इंडिया, ONGC, ऑयल इंडिया, शिपिंग कॉर्प, अबन ऑफशोर, प्राज इंडस्ट्रीज, पेट्रोनेट एलएनजी, GSPLऔर रिलायंस इंडस्ट्रीज का मुनाफा बढ़ेगा
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