आठ कोर सेक्टर की ग्रोथ रेट अप्रैल में 2.5 प्रतिशत रही, जो पिछले तीन महीने का निचला स्तर है। कोयला, कच्चा तेल और सीमेंट उत्पादन में कमी आई है।
विश्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। 2019-20 में इसके बढ़कर 7.7% हो जाने की संभावना है।
सरकार ने आज कहा कि IT सेक्टर ने उसे आश्वासन दिया है कि इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर छंटनी नहीं होगी और यह क्षेत्र 8-9 फीसदी की दर से वृद्धि कर रहा है।
SBI रिसर्च की इकोरैप रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल की कम कीमतें और अन्य सकारात्मक वृहद बुनियाद से देश की वृद्धि दर बढ़ सकती है।
रियल एस्टेट उद्योग क्षेत्र रोजगार के मामले में अप्रैल माह में सबसे आगे रहे हैं। इस क्षेत्र में कुशल श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि दर इस साल 7.1 प्रतिशत तथा अगले वर्ष यानी 2018 में 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
डॉयचे बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, मध्यम अवधि में भारत के ऋण-सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अनुपात में लगातार सुधार की उम्मीद है।
आभूषण विक्रेताओं को अक्षय तृतीया पर सोने की बिक्री 30प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। अक्षय तृतीया इस बार 28 अप्रैल को है।
देश में 8 फीसदी सालाना ग्रोथ रेट के हिसाब से अर्थव्यवस्था का आकार 2030 तक तीन गुना से अधिक 7,250 अरब डॉलर या 469 लाख करोड़ रुपए हो जाने का अनुमान है।
वित्त मंत्रालय कुछ बैंकों के साथ अगले 3 साल की योजनाओं पर बातचीत शुरू करने जा रहा है ताकि उन्हें लाभ में लाने और पूंजी आदि की जरूरतों की जानकारी मिल सके।
देश के दूसरे सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर के बैंक HDFC बैंक का शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में 18.2 प्रतिशत बढ़कर 3,990 करोड़ रुपए रहा।
आईएमएफ ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर में हाल के वर्षों में अच्छी वृद्धि हुई है। इससे सरकार द्वारा टैक्स का दायरा बढ़ाने के प्रयास की गुंजाइश बनी है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वर्ष 2017 के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को 0.4 प्रतिशत घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है।
देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक TCS का 2016-17 की चौथी तिमाही में शुद्ध लाभ 4.2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 6,608 करोड़ रुपए रहा।
विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, GST के क्रियान्वयन से भारतीय अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी और 2017-18 में देश की GDP ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी पर पहुंच जाएगी।
नवंबर में नोटबंदी की घोषणा के बाद से इस साल मार्च तक 64 लाख डिजिटल लेनदेन के जरिए 2,425 करोड़ रुपए का कारोबार किया गया।
म्यूचुअल फंड उद्योग के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां बीते वित्त वर्ष 2016-17 में 42 प्रतिशत की जोरदार बढ़ोतरी के साथ 17.5 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गईं।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा कि छह साल की निराशाजनक वृद्धि के बाद अब विश्व अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ रही है।
शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव के बीच म्यूचुअल फंड प्रबंधकों का शेयर बाजारों में निवेश 2016-17 में 27 प्रतिशत घटकर लगभग 51,000 करोड़ रुपए रह गया।
भारत की इंटरनेट इकोनॉमी का आकार वर्ष 2020 तक 250 अरब डॉलर होने की संभावना है, क्योंकि ऑनलाइन यूजर्स की संख्या और डाटा उपभोग में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है।
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