नोटबंदी और GST की वजह से उत्पन्न समस्याओं के चलते IMF ने अपनी विश्व आर्थिक रिपोर्ट में भारत की आर्थिक वृद्धि 2017 में 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि GDP ग्रोथ रेट में पहली तिमाही में आई गिरावट अस्थाई है और दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन सुधरेगा।
चालू वित्त वर्ष 2017-18 की अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि में उल्लेखनीय गिरावट के बाद फिच रेटिंग्स ने यह अनुमान घटाया है।
अगले 10 सालों में भारत की अर्थव्यवस्था 6 खरब डॉलर (करीब 393 खरब रुपए) होने की उम्मीद है, जो कि दुनिया की तीसरे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी।
चालू वित्त वर्ष के लिए एशियाई विकास बैंक (ADB) ने भारत की ग्रोथ रेट 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। पहले उसने यह आंकड़ा 7.4 फीसदी का दिया था।
विश्व बैंक के भारत प्रमुख जुनैद अहमद ने GST को संरचनात्मक बदलाव करार दिया। उन्होंने कहा कि इससे 8 प्रतिशत से अधिक की ग्रोथ रेट की संभावना मजबूत हुई है।
जापान की वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी नोमूरा ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की GDP ग्रोथ रेट 7.1 फीसदी रहने का अनुमान है।
विनिर्माण क्षेत्र में नये आर्डर मिलने, उत्पादन और रोजगार गतिविधियां बढ़ने से अगस्त में उछाल दर्ज किया गया। पीएमआई आंकड़ों में यह बात सामने आई है।
विश्वबैंक ने एक रिपोर्ट में यह कहा है कि नोटबंदी से भारत को राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसका कारण यह है कि इससे अधिक से अधिक लोग कर के दायरे में आएंगे।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चौथी तिमाही में GDP की ग्रोथ रेट में गिरावट के पीछे नोटबंदी का प्रभाव होने की बात को नकारते हुए कहा कि इसके कई अन्य कारण भी हैं।
विश्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। 2019-20 में इसके बढ़कर 7.7% हो जाने की संभावना है।
SBI रिसर्च की इकोरैप रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल की कम कीमतें और अन्य सकारात्मक वृहद बुनियाद से देश की वृद्धि दर बढ़ सकती है।
डॉयचे बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, मध्यम अवधि में भारत के ऋण-सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अनुपात में लगातार सुधार की उम्मीद है।
देश में 8 फीसदी सालाना ग्रोथ रेट के हिसाब से अर्थव्यवस्था का आकार 2030 तक तीन गुना से अधिक 7,250 अरब डॉलर या 469 लाख करोड़ रुपए हो जाने का अनुमान है।
विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, GST के क्रियान्वयन से भारतीय अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी और 2017-18 में देश की GDP ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी पर पहुंच जाएगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उम्मीद जताई कि GST एक जुलाई से लागू हो जाएगा। GST लागू होने से वस्तुएं और सेवाएं सस्ती होंगी तथा कर चोरी करना मुश्किल होगा।
जाने-माने अर्थशास्त्री मेघनाद देसाई ने कहा है कि उच्च राशि की मुद्रा को चलन से हटाने के फैसले का देश की इकॉनोमिक ग्रोथ पर प्रभाव कम ही रहा है।
रेटिंग एजेंसी Fitch कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 7.1% की दर से वृद्धि करेगी जबकि अगले दो वित्त वर्ष में यह बढ़कर 7.7% तक रहेगी।
8 नवंबर को जहां एक झटके में देश में चल रहे 86 प्रतिशत नोट को बंद कर दिया गया वहीं भारत की GDP ग्रोथ रेट पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ा है।
अरुण जेटली ने कहा कि भारत में तेज गति से वृद्धि करने की क्षमता है। गरीबी कम करने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
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