प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के सामने अब चुनौती वृद्धि दर को दहाई अंक तक पहुंचाने की है, जिसके लिए कई और महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। मोदी रविवार को यहां राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में नीति आयोग की संचालन परिषद की चौथी बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
भारत की आर्थिक वृद्धि दर जनवरी-मार्च की तिमाही में 7.7 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 6.1 प्रतिशत थी। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से साबित होता है कि भारत विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। आपको बता दें कि मार्च में समाप्त हुई तिमाही में चीन की ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी थी। वर्ष 2017-18 में आर्थिक वृद्धि दर धीमी पड़कर 6.7 प्रतिशत रही।
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने विभिन्न क्षेत्र की कंपनियों की बिक्री और आर्डरों में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिल रहा है जो इस बात का संकेत है कि अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधर रही है और निवेश रफ्तार पकड़ रहा है।
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एशियाई विकास बैंक (ADB) के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयूकी सवादा ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की 7% से अधिक अनुमानित आर्थिक वृद्धि दर आश्चर्यजनक रूप से काफी तेज है और अगर यह गति बनी रहती है तो अर्थव्यवस्था का आकार एक दशक के भीतर ही दोगुना हो जाएगा।
भारतीय अर्थव्यवस्था वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ रही है और चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि की दर 7.5 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान है। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता फर्म डॉयचे बैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही।
सरकारी थिंकटैंक नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.5% तक पहुंच सकती है। इसकी प्रमुख वजह निवेश चक्र में सुधार और उद्योगों की पूरी क्षमता का इस्तेमाल होना है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में चक्रीय सुधार दिखने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेश और उपभोग में सुधार से इस साल की पहली छमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की औसत वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2017-18 में मजबूत प्रदर्शन किया और चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि और तेज होने की उम्मीद है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) का अनुमान है कि 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहेगी, जो 2019 में बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो जाएगी। वहीं इन दो वर्षों के दौरान चीन की सकल घरेलू उत्पाद (GDP जीडीपी ) की वृद्धि दर क्रमश : 6.6 और 6.4 प्रतिशत रहेगी।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने वर्ष 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.6% रहने का अनुमान जताया है। वर्ष 2019 के लिए उसका आकलन 7.5% वृद्धि रहने का है। इसकी वजह जीएसटी और नोटबंदी से प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था में सुधार होना है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने सोमवार को संकेत दिया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिए नीतिगत ब्याज दर में कमी की गुंजाइश शायद कम ही हो क्योंकि वृद्धि दर बढ़ रही है और महंगाई भी बढ़ी है।
चिदंबरम ने एक बयान में कहा कि नई परियोजनाओं और नए निवेश में गिरावट आई है। असंगठित क्षेत्र नोटबंदी के दुष्प्रभावों से जूझ रहा है। रोजगार सृजन नाम मात्र का है, निर्यात कम हो रहा है और विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि नीचे आ गई है।
जापान की वित्तीय सेवा कंपनी नोमूरा ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि जनवरी-मार्च तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार आने की उम्मीद है और इसकी जीडीपी ग्रोथ 2018 में 7.5 प्रतिशत के आसपास रह सकती है।
भारत अपने लोगों के जीवनयापन का स्तर सुधार कर तथा निवेश को प्रोत्साहित कर अगले दो दशक तक आठ प्रतिशत की दर से वृद्धि कर सकता है। संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ आर्थिक अधिकारी ने यह बात कही।
जीएसटी और नोटबंदी जैसे कदमों से अर्थव्यवस्था को लगे झटके को देखते हुये चालू वित्त वर्ष के जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाने से इनकार करते हुये कहा कि अर्थव्यवस्था को इस स्थिति से पूरी तरह उबरने और उच्च वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिये दो साल के समय
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि 10 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करना चुनौतीपूर्ण है और यह इस पर निर्भर है कि दुनिया कैसे आगे बढ़ रही है।
मूडीज ने सोमवार को कहा कि GDP की वृद्धि दर 7.6% रहने की स्थिति में अगले एक से डेढ़ साल में कंपनियों का कर पूर्व लाभ 5 से 6 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घरेलू अर्थव्यवस्था की बुनियादी हालात मजबूत बताते हुए कहा कि आर्थिक वृद्धि की गति को तेज बनाए रखने के उपाय किए जा रहे हैं।
औद्योगिक मंडल फिक्की के अध्यक्ष पंकज पटेल ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि ये उद्योग जगत के अनुकूल नहीं हैं।
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