एक सरकारी हॉस्पिटल में लापरवाही का ऐसा मामला सामने आया है, जिससे मरीज की जान खतरे में आ गई। यहां मरीज के पेट में टॉवल छोड़कर टांके लगा दिए गए।
डॉ.सरीन ने कहा, ‘‘वे सिद्धांततः हमारी सभी मांगों पर सहमत हो गये। उन्होंने कहा कि जब शाम तक राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों पर कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई तो उन्होंने आंदोलन के अगले चरण पर आगे बढ़ने का निर्णय लिया।
बिहार के जहानाबाद में ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने महिला के पेट में कपड़ा छोड़ दिया। महिला के परिजनों ने बताया कि 25 जुलाई को सदर अस्पताल में ऑपरेशन से बच्चा जन्म लिया था। दो दिन बाद पत्नी को हमेशा पेट में दर्द होने लगा और उसका पेट फूल गया।
केरल के सरकारी अस्पताल में बच्ची की छठी उंगली को हटाने के लिए की उसकी जीभ की सर्जरी करने के मामले से हड़कंप मच गया। पीड़िता के परिवार ने कहा कि बच्ची को जीभ में कोई समस्या नहीं थी। अगर इस गलती की वजह से बच्ची पर अगर कोई दुष्प्रभाव पड़ता है तो अस्पताल के प्राधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
युवक ने कहा, सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने मेरी जिंदगी से खिलवाड़ किया है। अगर मैं समय पर अपनी रिपोर्ट अपने दोस्त को नहीं दिखाता तो सरकारी अस्पताल के डॉक्टर किडनी फेल होने का इलाज करने लगते और मेरी जान जा सकती थी।
जिलाधिकारी सावन कुमार की पत्नी गर्भवती थी तभी से वह सदर अस्पताल भभुआ में ही अपनी पत्नी की जांच करा रहे थे। जांच के दौरान ही डॉक्टरों ने ऑपरेशन के द्वारा बच्चे के होने की बात बताई थी।
अस्पताल का सर्जिकल वार्ड का अहाता झाड़ियों से भरा हुआ है और वार्ड के फर्श की टाइलें भी टूटी हुई हैं। माना जाता है कि इन टाइलों से ही सांप रेंगते हुए आ जाते हैं।
महिला सिक्योरिटी गार्ड ने पुलिस को बताया कि 31 मार्च को सुबह 6 बजे जब वह अस्पताल में ड्यूटी पर आई तो लोगों ने उसे बताया कि एक कुत्ता बच्चे को ले जा रहा है। कुत्ते को भी मेटरनिटी वार्ड से बाहर आते देखा गया।
अयोध्या के सरकारी अस्पताल परिसर में महीनों से इधर-उधर रह रहे एक लावारिस अधेड़ की गुरुवार रात मौत हो गई। रात भर उसके शव को कुत्ते नोचते रहे और सुबह तक उसकी दोनों आंखें तक गायब हो गईं।
बच्ची की हालत काफी नाजुक बताई जा रही है। शुक्रवार को पैदा हुई नन्ही सी जान को इलाज के लिए सोमवार को पीएमसीएच धनबाद रेफर किया गया है जहां उसका ट्रीटमेंट चल रहा है। सोमवार की सुबह जब परिजनों को इस मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने जमकर हंगामा किया।
बिहार के सरकारी अस्पताल की दयनीय स्थिति को लेकर छपी खबर पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिंदबरम द्वारा ट्विटर पर नाराजगी जताने के बाद रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रमुख सहयोगी माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर ही उनसे भिड़ गए।
यहां पिछले दिनों पीएम केयर्स फंड के तहत लगभग 138 वेंटिलेटर्स सरकारी अस्पताल में भेजे गए लेकिन इनमें से 50 से ज्यादा वेंटिलेटर्स अस्पताल के स्टोर रूम में बंद पड़े हैं और उन पर धूल जमा हो रही है।
उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में अब इलाज सुविधा पहले जैसे मिलेगी। सरकार ने लगे सभी प्रतिबंधों को हटा दिया है। कोरोना संक्रमण में लगातार आ रही कमी के कारण यह निर्णय लिया गया है।
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में जीत हासिल करने वाले केरल के एक दम्पति ने रविवार को सरकारी अस्पताल में मुहैया कराई गई चिकित्सा सुविधा की प्रशंसा की, जहां वे कोविड-19 के इलाज के लिए 21 दिन भर्ती रहे थे।
दिल्ली में चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिये करीब 15 सरकारी अस्पतालों के बुनियादी ढांचे का उन्नयन किया जाएगा और उनमें बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
आमतौर पर संपन्न वर्ग के लोग और राजनेता सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने से कतराते हैं, मगर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को अपनी उंगली का ऑपरेशन राजधानी के सरकारी हमीदिया अस्पताल में कराया, और ऑपरेशन सफल रहा।
किंग्सवे कैम्प के इस अस्पताल में संक्रमण से जुड़ी हर बीमारियों का इलाज होता है। यहां तक कि प्राइवेट अस्पतालों से भी इन्फेक्शन के मरीज यहां रेफर किए जाते हैं।
17 patients killed due to lack of oxygen supply at Govt Hospital in Indore | 2017-06-23 09:14:44
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