केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने 1,600 करोड़ रुपये की गोमती रिवरफ्रंट विकास परियोजना में कथित अनियमितताओं के संबंध में गाजियाबाद, लखनऊ और आगरा सहित उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में 40 स्थानों पर छापे मारे।
गोमती रिवर फ्रंट घोटाला मामले में सीबीआई ने यूपी, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में 40 ठिकानों पर छापेमारी की है
उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार के दौरान गोमती नदी पर रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट शुरू गिया गया था और आरोप है कि उस प्रोजेक्ट में घोटाला हुआ है। लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट के लिए अखिलेश सरकार ने 1513 करोड़ मंजूर किए थे
अखिलेश यादव का एक और ड्रीम प्रोजेक्ट सवालों के घेरे में है। लखनऊ में गोमती नदी कि किनारे बने रिवर फ्रंट के निर्माण में घोटाले से जुड़े लोगों के ठिकानों पर आज ईडी ने छापे मारे।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से कई बार सांसद रह चुके दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां गुरुवार को यहां पहुंचेगी। आज ही उनकी अस्थियां गोमती नदी में विसर्जित की जाएंगी।
लखनऊ में योगी आदित्यनाथ ने गोमती नदी के सफाई अभियान की शुरुआत की
लखनऊ में अखिलेश यादव ने स्थानीय लोगो के साथ खेला क्रिकेट
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार के दौरान गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण की कवायद शुरू की गई थी। इस पर पूर्ववर्ती सरकार की ओर से काफी पैसा भी खर्च किया गया था लेकिन सरकार बदलने के बाद रिवर फ्रंट जांच के घेरे में आ गया था...
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अखिलेश यादव सरकार के दौरान हुए गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में ईडी ने केस दर्ज कर लिया है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ये कार्रवाई की है. इसमें सिंचाई विभाग के 8 इंजीनियरों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद गोमती रिवर फ्रंट परियोजना का मौका मुआयना किया था। मौके पर ही परियोजना में धन का दुरुपयोग होने का उल्लेख करते हुए जांच कराने की घोषणा की थी।
गोमतीनगर के इंस्पेक्टर सुजीत दुबे ने कहा कि आरोपी अभियन्ताओं के खिलाफ सुबूत जुटाये जा रहे हैं। उन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। मालूम हो कि गोमती रिवरफ्रंट प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की स्वप्निल परियोजना थी।
Report on Gomti River Front project to be handed over to UP CM Yogi today | 2017-06-16 10:34:00
अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट की समीक्षा हुई और जांच रिपोर्ट सामने आई तो पता चला कि प्रोजेक्ट के नाम पर बड़े घपले किए गए। जिस प्रोजेक्ट को 656 करोड़ में पूरा होना था उसकी लागत को बढ़ाकर 1513 करोड़ कर दिया गया।
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