Gold Price Today on 5th November 2024 : मंगलवार सुबह सोना वायदा 78,284 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखाई दिया। वहीं, चांदी वायदा 94,144 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड करती दिखाई दी।
सोने के साथ-साथ चांदी की कीमत भी बिकवाली के दबाव में रही और ये 95,000 से नीचे आ गई। आज चांदी की कीमत 4600 रुपये की जोरदार गिरावट के साथ 94,900 रुपये प्रति किलो पर आ गई, जबकि पिछले कारोबारी सत्र में गुरुवार को एक किलो चांदी का भाव 99,500 रुपये पर बंद हुआ था।
एलकेपी सिक्योरिटीज में जिंस और मुद्रा शोध के उपाध्यक्ष जतिन त्रिवेदी ने बताया, संवत 2081 में सोने के लिए संभावनाएं सकारात्मक बनी हुई हैं। हमें उम्मीद है कि कम से कम 10 प्रतिशत की तेजी तो रहेगी और अगर आयात शुल्क में कटौती से खरीदारी में तेजी जारी रहती है तो सोना 15-18 प्रतिशत तक महंगा हो सकता है।
नए नियमों के तहत, अगर कोई व्यक्ति किसी भी नॉन-फाइनेंशियल ऐसेट को खरीदने के दो साल से ज्यादा समय बाद बेचता है तो उस पर इंडेक्सेशन के बिना 12.5 प्रतिशत की दर से कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना होता है।
पिछले कुछ वर्षों में भारत धीरे-धीरे अपने स्वर्ण भंडार को स्थानीय तिजोरियों में स्थानांतरित कर रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में इसने ब्रिटेन से 100 टन से अधिक सोना घरेलू स्थानों पर स्थानांतरित किया था। यह 1991 के बाद के सबसे बड़े स्वर्ण आवाजाही में से एक था।
आभूषण विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं की ओर से धनतेरस की भारी मांग और औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की ओर से बढ़ती मांग के चलते सोने और चांदी की कीमतों में मजबूती देखने को मिली।
आयात शुल्क में 15 प्रतिशत से 6 प्रतिशत की कटौती से त्योहारी सीजन में खरीदारी बढ़ी है, क्योंकि उपभोक्ता उच्च शुद्धता वाले सोने के उत्पादों को अधिक पसंद कर रहे हैं। एमएमटीसी-पीएएमपी के मुताबिक, मौसमी कारकों से परे, सोने की मांग साल भर चलने वाली सांस्कृतिक प्रथाओं से भी लाभान्वित होती है।
ग्राहक अपनी स्मार्ट गोल्ड यूनिट को कभी भी नकद या भौतिक सोने के लिए भुना सकते हैं। भौतिक सोने की डिलीवरी 0.5 ग्राम और उससे अधिक की होल्डिंग पर होगी।
डिजिटल गोल्ड को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से डिजिटली खरीदा जा सकता है। ये 24 कैरेट गोल्ड का एक इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म है, जो आपके डिजिटल गोल्ड वॉलेट में रहता है।
धनतेरस और दिवाली नया निवेश शुरू करने के लिए शुभ माना जाता है। अगर आप भी किसी एसेट क्लास में पैसा लगाना चाहते हैं तो अपने फाइनेंशियल गोल के अनुसार ही निवेश करें।
जब आप सोने की जूलरी खरीद रहे हों तो यह जरूर जान लें कि उस आभूषण के साथ मेकिंग चार्ज कितना लिया जा रहा है। मेकिंग चार्ज अनिवार्य रूप से जूलरी बनाने में लगने वाला श्रम शुल्क होता है।
Gold Price Today on 28th October 2024 : धनतेरस से पहले सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। सोमवार को सोने का हाजिर भाव 81,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रह गया।
गोल्ड ईटीएफ एक एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है जिसका उद्देश्य फिजिकल गोल्ड की कीमत को ट्रैक करना है। एक गोल्ड ईटीएफ इकाई 1 ग्राम सोने के बराबर होती है और प्योर गोल्ड द्वारा समर्थित होती है।
India gold reserve : भारत ने हाल ही में ब्रिटेन से अपना 100 टन सोना वापस मंगाया है और इतना ही और वापस आना है। आरबीआई अपने स्वर्ण भंडार का एक बड़ा हिस्सा विदेशों में रखता है।
99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 350 रुपये गिरकर 80,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जबकि पिछले बंद भाव 80,800 रुपये था। वहीं, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,150 रुपये गिरकर 80,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जबकि गुरुवार को यह 81,200 रुपये पर बंद हुआ था।
आभूषण विक्रेताओं की कमजोर मांग और औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की कमजोर उठान के चलते सोने और चांदी की कीमत में गिरावट आई।
जुलाई में, सरकार द्वारा सोने और अन्य धातुओं पर मूल सीमा शुल्क में कटौती के बाद स्थानीय बाजारों में सोने और चांदी की कीमतों में 7 प्रतिशत की तेज गिरावट आई। हालांकि, भारतीय उपभोक्ताओं की मांग बढ़ने से सर्राफा की कीमतों में तेजी जारी है।
दिल्ली का सराफा विवेक अपने कारोबारी अपने साथी के साथ देवरिया जा रहा था। रात 12 बजे मांट पुलिस टोल प्लाजा पर चेकिंग कर रही थी तभी नोएडा की तरफ से आ रही विवेक की कार को पुलिस ने रोक लिया। कार के अंदर मिठाई के डिब्बे थे जिन्हें खोलते ही पुलिस हक्की-बक्की रह गई।
पिछले तीन साल में देखें तो सोने की कीमत में करीब 32,850 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। इस तरह पिछले तीन साल में सोने ने लगभग 68.9% का रिटर्न दिया है। पांच साल में सोने ने 108.9% का बंपर रिटर्न दिया है।
क्रिसिल ने कहा कि रिपोर्ट किए गए लोन डिफॉल्ट में कुछ बढ़ोतरी देखी जा सकती है क्योंकि संस्थाएं अपने मौजूदा गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) मान्यता मानदंडों और/या मौजूदा ग्राहकों को ऋण वितरित करने की नीतियों और प्रक्रियाओं पर फिर से विचार कर रही हैं।
संपादक की पसंद