Gold Rate Today : सोने-चांदी की कीमतों में सोमवार सुबह तेजी देखने को मिली है। सोना वायदा 62,529 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखाई दिया। वहीं चांदी वायदा 72,692 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड करती दिखाई दी।
अगर आप सोना या चांदी खरीदने की तैयारी में हैं तो पहले रेट चेक लें। बहुत सारे ज्वैलर्स सही भाव नहीं बताते हैं। अगर आपको जानकारी नहीं होगी तो ज्यादा पैसा देना पड़ेगा।
Gold Silver Price Today: सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है, जिसके कारण एक बार फिर सोने का रेट 63,200 रुपये हो गया है।
Sone Chandi ka Bhav : बुधवार दोपहर एमसीएक्स पर सोने की कीमतों में बढ़त और चांदी में गिरावट देखने को मिली है। सोना 63,302 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता दिखाई दिया। वहीं, चांदी 73,905 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड करती दिखाई दी।
साल 2024 में भी सोने से अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद है। साल 2023 में सोने ने करीब 15 फीसदी का रिटर्न दिया है। 2024 में सोने की कीमत करीब ₹72,000 प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड उच्च स्तर तक पहुंच सकती हैं।
Gold Silver Price Today: सोने की कीमतों में आज तेजी देखने को मिली है। 24 कैरेट सोने का रेट 62,450 रुपये प्रति 10 ग्राम है।
सोने की कीमत में बीते कुछ दिनों से लगातार गिरावट का रुझान देखा गया है। जबकि कुछ दिनों पहले इसमें लगातार तेजी का रुख था। ऐसे में फेस्टिवल सीजन में खरीदारी का अच्छा मौका है।
अगर आपने 2019 की दिवाली के दौरान सोने में निवेश किया होता, तो इस दिवाली तक आपको 60 प्रतिशत का रिटर्न मिलता। पूरी दुनिया में सोने को सुरक्षित निवेश का बेहतरीन विकल्प माना जाता है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) के रेट को देखें तो मंगलवार को सोना 60,596 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ओपन हुआ और इंट्राडे में 60,513 रुपये के निचले लेवल पर पहुंच गया।
फेस्टिवल में सोने की बिक्री से कारोबारियों को काफी उम्मीद है। हाल के दिनों में सोने के भाव में लगातार तेजी का रुख देखा गया है। ग्लोबल मार्केट में लगातार कमजोरी के चलते सोना मौजूदा समय में काफी सुर्खियों में है।
भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के समय सोने को एक सुरक्षित एसेट माना जाता है। एमके वेल्थ मैनेजमेंट के मुताबिक, तत्काल अवधि में सोने में तेजी का रुख रहने की उम्मीद है।
त्योहारी सीजन शुरू होने के साथ सोने की कीमत में तेजी का दौर शुरू हो गया है। पिछले महीने 57 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक टूटने के बाद एक बार फिर सोने की कीमत 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई है। दिवाली तक और तेजी देखने को मिल सकती है।
त्योहारों में सोना खरीदने जा रहे हैं। क्या आपको पता है कि आप सोने की शुद्धता कैसे आप मोबाइल ऐप से जांच सकते हैं। अगर नहीं तो अब देर नहीं करें। हम आपको सोने की शुद्धता जांचने के तरीके बता रहे हैं।
वैश्विक बाजारों में सोना तेजी के साथ 1,952 डॉलर प्रति औंस हो गया। जबकि चांदी की कीमत गिरावट के साथ 22.94 डॉलर प्रति औंस रह गयी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा कि कीमती धातु में तेजी को पश्चिम एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव से बल मिला है।
अगर आप नवरात्रि में सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आप सस्ता Gold खरीद सकते हैं। ऐसा इसलिए कि सोने की कीमत अभी भी पिछले दो महीने के भाव से कम है। इसके अलावा ज्वैलर्स भी बिक्री बढ़ाने के लिए कई ऑफर्स लेकर आए हैं। उसका भी फायदा उठा सकते हैं।
सुरक्षित निवेश के लिए सोना सबसे पहली पसंद है। शायद आप सभी को याद होगा कि जब कोराना आया था तो शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आ गई थी। वहीं सोने में जबरदस्त तेजी थी। इसके चलते सोने का भाव 62 हजार के पार पहुंच गया था। हालांकि, उसके बाद सोने में गिरावट देखने को मिली थी।
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमत आज लुढ़ककर 7 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर दिसंबर 2023 के लिए सोने का वायदा अनुबंध 57,426 रुपये प्रति 10 ग्राम के निचले स्तर पर खुला और 56,565 रुपये के इंट्राडे निचले स्तर पर पहुंच गया।
सोने और चांदी की कीमत में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। दोनों कीमती धातु सात महीने के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। अगर आप सोने या चांदी खरीदना चाहते हैं तो क्या यह सही समय है या अभी और इंतजार करना सही होगा?
डॉलर के मजबूत होने के कारण सोने की कीमत में गिरावट है। आपको बता दें कि डॉलर इंडेक्स (DXY) 10 महीने के शिखर पर पहुंचा गया है। डॉलर की चाल एक प्रमुख कारक है जो सोने की कीमतों को प्रभावित करती है। चूंकि सोने की कीमत डॉलर में होती है, इसलिए इसकी ताकत पीली धातु के लिए नकारात्मक है। एक मजबूत डॉलर सोने की कीमतों पर नीचे
मजबूत अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़ों के कारण जिंस बाजार में सोने में गिरावट आई। बेहतर आंकड़ों से यह संभावना जताई जा रही है कि फेडरल रिजर्व नीतिगत दर मामले में लंबे समय के लिए आक्रामक रुख अपना सकता है।
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