दुनिया भर में अस्थिरता के दौरान सोना अब भी निवेशकों के लिए एक सुरक्षित निवेश विकल्प है। चाहे वह युद्ध या राजनीतिक संघर्ष के कारण हो, निवेशक अक्सर सोने की ओर आकर्षित होते हैं। ऐसा तब होता है जब वे अन्य निवेश के बारे में आश्वस्त नहीं होते हैं।
विदेशी बाजारों में कॉमेक्स सोना वायदा 19. 90 डॉलर प्रति औंस या 0. 76 प्रतिशत गिरकर 2,597 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, "राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बीच मंगलवार को सोने में गिरावट जारी रही।
अनुज गुप्ता के अनुसार, दिसंबर तक सोने के की कीमत में 3000 से 4000 रुपये प्रति 10 ग्राम की कमी आ सकती है। वहीं, चांदी की बात करें तो चांदी की कीमत में 5000 से 6000 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट देखने को मिल सकती है।
कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच वायदा कारोबार में सोमवार को सोने की कीमत 531 रुपये की गिरावट के साथ 76,741 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गयी।
आभूषण विक्रेताओं तथा खुदरा विक्रेताओं की ओर से धनतेरस की भारी मांग के बीच मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 300 रुपये बढ़कर 81,400 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जो अब तक का रिकॉर्ड उच्च स्तर है।
हाल के वर्षों में सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि के कारण इसमें निवेश करना एक आकर्षक विकल्प बना हुआ है। अगर आप भी धनतेरस और दिवाली पर सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं तो टैक्स के नियम जरूर जान लें।
पिछले तीन साल में देखें तो सोने की कीमत में करीब 32,850 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। इस तरह पिछले तीन साल में सोने ने लगभग 68.9% का रिटर्न दिया है। पांच साल में सोने ने 108.9% का बंपर रिटर्न दिया है।
ज्वैलर्स के अनुसार, ग्लोबल टेंशन की वजह से सोना और चांदी की कीमत में रिकॉर्ड तेजी आई है। इससे मांग पर असर देखने को मिल रहा है। आने वाले समय में हालात बेहतर होने पर सोने और चांदी की कीमत में गिरावट आने की पूरी संभावना है।
कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की सुस्त मांग के कारण सोने की कीमतों में गिरावट आई।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमत डॉलर में होती है, इसलिए अमेरिकी मुद्रा में उछाल से दूसरी मुद्राओं में बुलियन महंगा हो जाता है। पूरी दुनिया में निवेशकों का ध्यान अब 9 अक्टूबर को यूएस फेड की आखिरी मीटिंग के नतीजों पर है।
भारत में त्योहारों का सीजन आते ही सोने की डिमांड बढ़ जाती है। देश में सोना खरीदना निवेश का एक सुरक्षित तरीका भी माना जाता है।
सोने का भाव फेस्टिवल सीजन में तेज डिमांड के चलते बढ़त बनाए रख सकता है। इंटरनेशनल मार्केट में सोने की कीमत पर भू-राजनितिक तनाव का असर आने वाले समय में देखने को मिल सकता है।
सोमवार को सोना 78,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। हालांकि, स्थानीय बाजारों में मंगलवार को चांदी 92,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर अपरिवर्तित बनी रही।
एमसीएक्स पर सोने की कीमतें अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गई हैं, पहली बार ₹75,000 से ऊपर पहुंच गई हैं, अकेले सितंबर में 4.74% की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा, ‘मंगलवार को सोना नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, क्योंकि कई अमेरिकी फेडरल रिजर्व सदस्यों ने ब्याज दरों में और अधिक कटौती के लिए दरवाजा खुला रखा है।’
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) के वायदा कारोबार में अक्टूबर डिलिवरी वाले सोने के अनुबंध का भाव 184 रुपये या 0.25 प्रतिशत बढ़कर 74,224 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया।
दिसंबर डिलिवरी वाले चांदी अनुबंध की कीमत बुधवार को 116 रुपये या 0.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 89,024 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। पिछले सत्र में मंगलवार को चांदी 89,140 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
सोने की कीमत डॉलर में होती है, इसलिए अमेरिकी मुद्रा में कमजोरी इसे बाकी मुद्राओं में सस्ता बनाती है, जिससे इसकी मांग बढ़ जाती है।
व्यापारियों ने बताया कि घरेलू मांग में वृद्धि के कारण सोने की कीमतों में तेजी देखी गई। हालांकि, विदेशों में कमजोरी के रुख ने बढ़त को सीमित कर दिया। विदेशी बाजारों में कॉमेक्स सोना 2,532.10 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था।
घरेलू स्तर पर, व्यापारियों ने सोने की कीमतों में गिरावट का कारण विदेशों में कमजोर रुख के बीच स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की सुस्त मांग को बताया।
संपादक की पसंद