हाल के दिनों में सोने और चांदी की कीमत में लगातार नरमी का रुझान देखने को मिला है। फेस्टिवल और शादी-विवाह के सीजन में सोने-चांदी की डिमांड में तेजी आने का अनुमान है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर 5 दिसंबर के अनुबंध के लिए सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर सोना 0.10% की बढ़त के साथ 75,236 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था।
मंगलवार को राजधानी दिल्ली में सोने का भाव 400 रुपये की गिरावट के साथ 78,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जबकि सोमवार को सोने का भाव 78,700 रुपये प्रति 10 ग्राम के लाइफटाइम हाई पर बंद हुआ था।
हाल ही में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतों में अच्छी तेजी देखी गई है, जो मुख्य रूप से अमेरिकी फेड की दरों में कटौती और मध्य पूर्व में तनाव के बारे में आशावाद से प्रेरित है।
गुरुवार को सोना 400 रुपये की तेजी के साथ 78,250 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया था। जबकि इससे एक दिन पहले यानी बुधवार को सोने का भाव 900 रुपये की बड़ी बढ़त के साथ 77,850 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
बुधवार को सोने का भाव 900 रुपये की तेजी के साथ 77,850 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। मजबूत विदेशी रुख के बीच औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की मजबूत मांग के कारण चांदी भी 1,000 रुपये बढ़कर 94,000 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।
प्रणव मेर ने कहा, ‘‘कमजोर डॉलर, वैश्विक केंद्रीय बैंकों से और ज्यादा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, सुरक्षित निवेश की मांग और ईटीएफ फंड के फ्लो से कीमतों को समर्थन मिल रहा है।’’ कारोबारियों के अनुसार, आभूषण विक्रेताओं की लगातार खरीदारी और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूत रुख के कारण सोने की कीमतों में तेजी आई।
एमसीएक्स पर सोने की कीमतें अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गई हैं, पहली बार ₹75,000 से ऊपर पहुंच गई हैं, अकेले सितंबर में 4.74% की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है।
अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती जारी रहने की उम्मीद और पश्चिम एशिया में तनाव के कारण सोने की कीमतें ऊंची बनी हुई हैं। इस बात की उम्मीदें बढ़ गई हैं कि अमेरिकी फेड इस साल के आखिर तक दरों में 50-75 आधार अंकों की कटौती कर सकता है।
फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती और मध्य पूर्व में चल रहे तनाव का असर सोने के भाव पर देखा जा रहा है। हाजिर चांदी 0.1% गिरकर 31.07 डॉलर प्रति औंस पर आ गई, प्लैटिनम 0.8% गिरकर 967.50 डॉलर पर आ गया और पैलेडियम लगभग 1% गिरकर 1,057.38 डॉलर पर आ गया।
सोना-चांदी कारोबारियों को इस बात का भरोसा है कि अमेरिका में फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में भारी कटौती हो सकती है और इसके साथ ही ब्याज दरों में ढील का दौर शुरू हो सकता है।
इस सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है। डॉलर के नरम रुख के बीच भारत में सोने की कीमत में सोमवार को तेजी का रुझान दिखा।
सोने की कीमत डॉलर में होती है, इसलिए अमेरिकी मुद्रा में कमजोरी इसे बाकी मुद्राओं में सस्ता बनाती है, जिससे इसकी मांग बढ़ जाती है।
घरेलू बाजार में स्थानीय आभूषण विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं की मांग में तेजी को दिया। भू-राजनीतिक तनाव भी बढ़ रहे हैं और सुरक्षित निवेश को बढ़ावा दे रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चांदी भी मामूली गिरावट के साथ 29.93 डॉलर प्रति औंस पर रही।
बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी और डॉलर इंडेक्स में सुधार के कारण शुक्रवार को भी पीली धातु में गिरावट जारी रही। बाजार को अमेरिकी फेड द्वारा दरों में संभावित कटौती की उम्मीद है, इसलिए सोने को समर्थन मिलने की संभावना है।
बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा धातु पर आयात शुल्क में कटौती की घोषणा के बाद सोने की कीमतों में लगातार गिरावट दर्ज की गई। 23 जुलाई को यह पीली धातु 3,350 रुपये गिरकर 72,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई थी।
जानकार बताते हैं कि भू-राजनीतिक तनाव के कारण सोने की सुरक्षित आश्रय मांग में वृद्धि हुई। सोने की कीमतें अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद स्थिर से मजबूत हो रही हैं।
सोने में मंगलवार को तेजी आई क्योंकि सुरक्षित-संपत्तियों की मांग ने कीमती धातु की तेजी को समर्थन देना जारी रखा। सोने की कीमतों में तेजी की वजह खुदरा खरीदारों के साथ-साथ आभूषण विक्रेताओं की बढ़ती मांग भी रही।
सोने की कीमतों में तेजी का श्रेय स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की बढ़ी हुई मांग और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूती के रुख को दिया गया। जानकार ने कहा कि पश्चिम एशिया संकटों के बीच भू-राजनीतिक चिंताओं ने सोने की सुरक्षित-निवेश विकल्प के रूप में मांग को बढ़ावा दिया।
कमोडिटी बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले महीनों में सोने की कीमत में बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिलेगा। सोना एक रेंज बाउंड में ट्रेड करेगा।
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