नवंबर का महीना आयात-निर्यात के लिहाज से सरकार के लिए राहत और आफत दोनों लेकर आया है। पिछले महीने निर्यात में 24.43 फीसदी घटकर 20.01 अरब डॉलर रहा।
गोल्ड स्कीम को सफल बनाने के लिए सरकार को इसे सरल बनाना चाहिए। इसके अलावा सरकार गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में जमा कराए जाने वाले सोने का सोर्स ना पूछे।
सोने-चांदी की कीमतों में और कमी देखने को मिल सकती है। सोमवार को सरकार ने सोने के इंपोर्ट ड्यूटी टैरिफ को 10 डॉलर घटाकर 344 डॉलर प्रति 10 ग्राम कर दिया है।
देश में गोल्ड इंपोर्ट पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम लॉन्च किया है। लेकिन इस साल 1000 टन से ज्यादा गोल्ड इंपोर्ट होने का अनुमान है।
मोदी सरकार सोने के आयात को घटाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। इसी बीच अक्टूबर में सोने का आयात 59.5 फीसदी घटकर 1.7 अरब डॉलर रह गया है।
बुधवार को आरबीआई ने गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत सोना जमा करने पर पर ब्याज दरों को अधिसूचित कर दिया है। स्कीम के तहत 2.25 से 2.50 फीसदी ब्याज दिया जाएगा।
वाणिज्य मंत्रालय ने गोल्ड इंपोर्ट ड्यूटी को घटाकर 2 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन, वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा करना संभव नहीं है।
इंडिया गोल्ड पालिसी सेंटर गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के संबंध में सरकार को जमीनी हकीकत से रूबरू कराएगी। यह स्कीम दिवाली से पहली लॉन्च होगी।
धनतेरस और दिवाली से पहले गोल्ड की डिमांड कमजोर पड़ती नजर आ रही है। इसके कारण सितंबर महीने में गोल्ड का आयात 45.62 फीसदी घटकर 2.05 अरब डॉलर रह गया है।
भारत ने इस साल के पहले नौ महीनों में गोल्ड की खपत के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है। इस दौरान देश में गोल्ड की कुल खपत 642 टन रही।
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