अधिक कीमत तथा कुछ सरकारी कदमों से सोने की घरेलू मांग 2018 में 1.40 प्रतिशत गिरकर 760.40 टन पर आ गयी। हालांकि इस दौरान सोने की वैश्विक मांग में चार प्रतिशत की तेजी आयी।
भारत में ज्वैलरी के लिए सोने की मांग में 10 प्रतिशत और निवेश के लिए 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है
देश में उद्योग संगठन ASSOCHAM और वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की हाल में जारी हुई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है
वैश्विक स्वर्ण बाजार पर काम करने वाले एक निकाय के अनुसार चीन और भारत की अर्थव्यवस्थाओं के विस्तार के साथ सोने में अगले तीन दशक तक चमक तुलनात्मक रूप से बनी रहेगी। चीन के 2048 तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और भारत उससे ठीक पीछे रहने का अनुमान है।
भारत की अर्थव्यवस्था के सुनहरे भविष्य को लेकर दुनियाभर की एजेंसियां आश्वस्त नजर आ रही हैं। एक नई रिपोर्ट आई है जिसमें कहा गया है कि आर्थिक और राजनीतिक सुधारों के अनुमान के मुताबिक नतीजे आए तो 30 साल में देश की गरीबी लगभग खत्म हो जाएगी और देश में अमीर लोगों की संख्या में 10 गुना से ज्यादा बढ़ोतरी होगी
सोने की मांग 10 साल के निचले स्तर पर आ गई है, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 2018 की पहली तिमाही यानि जनवरी से मार्च के दौरान वैश्विक स्तर पर सोने की मांग घटकर सिर्फ 937.5 टन रह गई है जो 10 साल में पहली तिमाही में सबसे कम मांग है
वैवाहिक मांग को पूरा करने के लिए स्थानीय आभूषण निर्माताओं की ताजा लिवाली से सोने में दो दिन से जारी गिरावट आज थम गयी। दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने का भाव 120 रुपए बढ़कर 31,240 रुपये प्रति दस ग्राम हो गया।
WGC की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में GST लागू होने की वजह से सितंबर तिमाही के दौरान ज्वैलरी के लिए सोने की मांग में 25 फीसदी की भारी गिरावट देखने को मिली है।
गुरुवार को दिल्ली में सोने का बाव 190 रुपए घटकर 30360 रुपए प्रति 10 ग्राम पर दर्ज किया गया, बुधवार को भी भाव में 50 रुपए की गिरावट देखने को मिली थी
WGC की रिपोर्ट के मुताबिक जून तिमाही के दौरान देश में ज्वैलरी के लिए सोने की मांग 126.7 टन रही है जबकि पिछले साल इस दौरान 89.8 टन सोने की मांग दर्ज की गई थी
सोने के प्रति भारत की भूख कोई नई बात नहीं है। सवाल यह है कि भारत में आखिर यह सोना जाता कहां हैं? और सोने के आभूषण के सबसे ज्यादा कौन लोग खरीदार हैं?
मोदी सरकार के 3 साल पूरे हो गए है, लेकिन सोने में निगेटिव रिटर्न से इन्वेस्टर्स निराश हुए है। माना जा रहा है कि जुलाई तक सोने का भाव 1100 रुपए गिर सकता है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) का कहना है कि GST लागू होने के बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गोल्ड कंज्यूमर देश भारत में सोने की मांग पर निगेटिव असर होगा।
केंद्र के नोटबंदी के अभियान से देश में सोने की मांग काफी प्रभावित हुई है। दिसंबर और जनवरी में देश में सोने का आयात गिरा है। जनवरी में आयात 43% घटा है।
देश में फरवरी के दौरान Gold इंपोर्ट बढ़कर 50 टन पहुंच गया है जो कि पिछले साल के मुकाबले 82 फीसदी अधिक है। फरवरी 2016 में 27.4 टन सोना आयात हुआ था।
भारत में सोने की मांग साल 2017 में भी कमजोर रहेगी। 2016 में सोने की मांग घटकर पिछले कई सालों के निम्नतम स्तर पर आ गई है।
जीएफएसएस (GFMS) के अनुमान के मुताबिक 2016 में सोने की मांग 580 टन रही जो कि 2015 के मुकाबले 34 फीसदी कम है। 13 में पहली बार इतनी कम मांग निकली है।
दिसबंर के दौरान भारत में सोने का आयात 50 फीसदी तक घट सकता है। इंडस्ट्री के मुताबिक नोटबंदी के कारण सोने की रिटेल मांग में भारी कमी आई है।
भारत में 2016 में सोने की मांग गिरकर 750 से 800 टन रहने की उम्मीद है जबकि पिछले साल यह 860 टन थी। WGC के मुताबिक की कीमत बढ़ने से मांग घटी है।
भारत की सोने की मांग इस साल दूसरी तिमाही में 18 फीसदी घटकर 131 टन रही। डब्ल्यूजीसी ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है जौहरियों की हड़ताल के कारण मांग घटी है।
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