जब आप सोने की जूलरी खरीद रहे हों तो यह जरूर जान लें कि उस आभूषण के साथ मेकिंग चार्ज कितना लिया जा रहा है। मेकिंग चार्ज अनिवार्य रूप से जूलरी बनाने में लगने वाला श्रम शुल्क होता है।
हाल के वर्षों में सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि के कारण इसमें निवेश करना एक आकर्षक विकल्प बना हुआ है। अगर आप भी धनतेरस और दिवाली पर सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं तो टैक्स के नियम जरूर जान लें।
धनतेरस के पर्व पर लोग जमकर सोना चांदी खरीदते हैं। अगर आप भी इस बार धनतेरस पर सोने या फिर चांदी खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आज आपको एक शानदार तरीका बताने वाले हैं जिससे आप कभी भी खरीदे हुए सोने को बेच सकते हैं। आप इस बार धनतेरस पर आसानी से 100-50 रुपेय में भी सोने की खरीदारी कर सकते हैं।
सोना इस समय देश के अधिकांश हिस्सों में 60,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर मिल रहा है। ऐसी स्थिति में लोग बेहद जरूरी होने पर ही सोना खरीदना पसंद कर रहे हैं।
देश में बढ़ती महंगाई के बीच सोने की कीमत भी लगातार बढ़ती जा रही है। नए फाइनेंसियल ईयर की शुरुआत होने के साथ ही इस में निवेश करने वाले लोग सोना खरीदने के बारे में सोच रहे होंगे। अगर आप भी सोना खरीदने जा रहे हैं तो इन 7 बातों का रखें ध्यान, नहीं तो हो सकता है भारी नुकसान।
अगर आप डायमंड, रूबी या किसी और जेम स्टोन (कीमती पत्थर) वाले सोने के गहने खरीद रहे हैं, तो उनकी शुद्धता भी जरूर जांचे।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज में रिसर्च के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने इंडिया टीवी को बताया कि इस धनतेरस और दिवाली पर सोना खरीदने का सुनहरा मौका है।
भारतीय रिजर्व बैंक साल में कई बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करता है। इसमें सोने की कीमत अधिकांश समय बाजार कीमत से थोड़ी कम होती है।
Gold Buying:सोने में और गिरावट आ सकती है। घरेलू बाजार में सोना 48,000 रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच सकता है।
Gold Buying: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, पेपर फॉर्म में होता है। इसलिए इसके साथ फिजिकल गोल्ड की तरह कहां स्टोर किया जाए कहां नहीं, ऐसी कोई दिक्कत नहीं है।
इंडिया गोल्ड पॉलिसी सेंटर (आईजीपीसी) की सोना एवं स्वर्ण बाजार-2022 की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उच्च आय वर्ग के लोग डिजिटल या ‘पेपर फॉर्मेट’ (कागजी इस्तावेज के रूप) में सोना रखने में रुचि रखते हैं। प्रति व्यक्ति सोने की खपत अमीरों में सबसे अधिक है, लेकिन इसकी कुल मात्रा अभी भी मध्यम आय वर्ग के पास है।
भारत में अगले महीने अक्षय तृतीया का त्योहार आने और शादी का सीजन शुरू होने से पीली धातु की मांग बढ़ने से घरेलू सर्राफा बाजार गर्म रह सकता है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी ने कहा कि सरकार का उद्देश्य सोने के उद्योग को अधिक पारदर्शी बनाना है।
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