99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 350 रुपये गिरकर 80,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जबकि पिछले बंद भाव 80,800 रुपये था। वहीं, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 1,150 रुपये गिरकर 80,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जबकि गुरुवार को यह 81,200 रुपये पर बंद हुआ था।
आभूषण विक्रेताओं की कमजोर मांग और औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की कमजोर उठान के चलते सोने और चांदी की कीमत में गिरावट आई।
मंगलवार को राजधानी दिल्ली में सोने का भाव 400 रुपये की गिरावट के साथ 78,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जबकि सोमवार को सोने का भाव 78,700 रुपये प्रति 10 ग्राम के लाइफटाइम हाई पर बंद हुआ था।
फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती और मध्य पूर्व में चल रहे तनाव का असर सोने के भाव पर देखा जा रहा है। हाजिर चांदी 0.1% गिरकर 31.07 डॉलर प्रति औंस पर आ गई, प्लैटिनम 0.8% गिरकर 967.50 डॉलर पर आ गया और पैलेडियम लगभग 1% गिरकर 1,057.38 डॉलर पर आ गया।
सोने और चांदी की कीमत में बीते दिनों में स्थिरता का रुख है। कीमतें एक दायरे में टिकी हुई हैं। फेस्टिवल सीजन में सोने की डिमांड में तेजी आने से बाजार में रौनक लौटने की उम्मीद है।
कमजोर मांग के कारण सोना वायदा और चांदी वायदा कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। व्यापारी इस महीने होने वाली फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में कटौती के आकार का आकलन करने के लिए अमेरिकी आर्थिक तारीख के इंतजार में हैं।
चैनवाला ने कहा कि इसके अलावा मजबूत उपभोक्ता खर्च, मुद्रास्फीति में कमी और अमेरिका में बेहतर जीडीपी वृद्धि ने फेडरल रिजर्व द्वारा अधिक आक्रामक ढील की उम्मीदों को कम कर दिया है। एशियाई कारोबारी घंटों में, चांदी की कीमतें 0.52 प्रतिशत गिरकर 28.99 डॉलर प्रति औंस रह गईं।
अमेरिकी बेरोजगारी दावों और जीडीपी डेटा सहित प्रमुख अमेरिकी मैक्रो डेटा जारी होने से पहले व्यापारी सतर्क रहे। इस सप्ताह सोने की कीमतों में सुस्ती बनी हुई है, क्योंकि बाजार शुक्रवार को व्यक्तिगत उपभोग व्यय (पीसीई) डेटा का इंतजार कर रहा है।
आने वाले महीनों में भारत और चीन जैसे प्रमुख बाजारों में सोने की मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिससे कीमतों को और समर्थन मिलेगा। सोने की कीमत में तेजी रहने की संभावना है।
सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव कई तत्वों से प्रभावित होते हैं, जिनमें ज्वैलर्स की ओर से निकली मांग, केंद्रीय बैंकों द्वारा खरीदारी, डॉलर के भाव, मौजूदा ब्याज दरें और सोने के व्यापार के बारे में सरकारी नियम शामिल हैं।
सोमवार को जब बाजार खुलेगा तो सोने और चांदी की कीमत में तेजी देखने को मिल सकती है। त्योहारी सीजन शुरू होने के साथ ही मांग बढ़ेगी। इससे दोनों कीमती धातु के दाम बढ़ सकते हैं।
कमोडिटी एक्सपर्ट का कहना है कि सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव अधिक रहने की संभावना है। पीली धातु को ₹67,000 पर सपोर्ट और ₹69,800 के स्तर पर रेजिस्टेंस देखा जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार कॉमेक्स में हाजिर सोना 2,360 डॉलर प्रति औंस पर रहा, जो पिछले बंद भाव से 28 डॉलर मजबूत है। गांधी ने कहा कि अमेरिकी बांड प्रतिफल में गिरावट और मिश्रित अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़ों के कारण सोने की कीमतों में तेजी आई।
इस बीच, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) के वायदा कारोबार में सोना 171 रुपये की गिरावट के साथ 73,850 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया।
राष्ट्रीय राजधानी में चांदी की कीमतें 1,600 रुपये टूटकर 94,500 रुपये प्रति किलोग्राम रह गईं। पिछले सत्र में यह 96,100 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
आज सोने (Gold) की कीमत में गिरावट आई। विदेशी बाजारों में मजबूत रुख के अनुरूप सोने की कीमत 150 रुपये गिरकर 73,900 रुपये प्रति 10 ग्राम रही। पिछले सत्र में यह 74,050 रुपये पर बंद हुआ था।
दिल्ली में चांदी की कीमत 1,800 रुपये बढ़कर 88,700 रुपये प्रति किलोग्राम के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई। पिछले सत्र में यह 86,900 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
रूस, यूक्रेन, इजरायल, हमास के बीच युद्ध से वैश्विक जगत में अस्थिरता का माहौल है। इसलिए निवेशकों के बीच सोना एक सुरक्षित निवेश का ठिकाना बन गया है।
सोने और चांदी में तेजी की वजह दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों द्वारा जबरदस्त खरीदारी भी है। चीन के पीबीओसी (पब्लिक बैंक ऑफ चाइना) ने मार्च में लगातार 17वें महीने सोना खरीदा।
मध्य एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के चलते सोने की कीमत तेजी से बढ़ी है। यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती के संकेत से भी सोने की खरीददारी में वृद्धि हुई है। केंद्रीय बैंकों ने बड़ी मात्रा में सोना खरीदा है और इजराइल-हमास संघर्ष के कारण बढ़ते तनाव के बीच इसकी मांग बढ़ गई है।
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