नवरात्रि में महा अष्टमी तिथि का बड़ा महत्व है। इस दिन कुछ उपाय करने से आपको जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त हो सकती है, आज हम इन्हीं उपायों के बारे में आपको जानकारी देंगे।
नवरात्रि में माता दुर्गा की पूजा के साथ ही कुछ चीजों का दान भी आपको अवश्य करना चाहिए। दान करके आप माता के आशीर्वाद के साथ ही, कुंडली में मौजूद सभी ग्रहों को शांत कर सकते हैं।
नवरात्रि के दौरान लौंग के कुछ आसन उपाय करके आप जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। आज हम आपको इन्हीं उपायों के बारे में जानकारी देंगे।
माता दुर्गा ने एक बार अपनी शक्तियों का अहंकार कर रहे देवताओं को सबक सिखाने के लिए लीला रची थी। इस जुड़ी रोचक कहानी के बारे में जानें हमारे लेख में।
माता दुर्गा के हाथों में कई तरह के अस्त्र-शस्त्र और प्रतीक सजे हैं। आइए जानते हैं इनका अर्थ और महत्व क्या है।
नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा की पूजा में क्या चीजें अर्पित नहीं करनी चाहिए, आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
नवरात्रि के दौरान कुछ सपनों का दिखना बेहद शुभ माना जाता है। आज हम आपको इन्हीं सपनों के बारे में अपने इस लेख में जानकारी देंगे।
नवरात्रि शुरू होते ही माता वैष्णो के दरबार में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। नवरात्रि के नौ दिनों में लाखों की संख्या में भक्त माता के दरबार पहुंचते हैं।
साल 2024 में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से हो रही है। ऐसे में आइए जान लेते हैं, इस बार माता की सवारी क्या होगी और इसका क्या प्रभाव देखने को मिल सकता है।
Ashadh Gupt Navratri 2024: गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। जानें किस देवी की पूजा से आपको क्या फल प्राप्त होते हैं।
Shakambhari Jayanti 2023: हर साल पौष मास की पूर्णिमा पर शाकंभरी जयंती का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, देवी शाकंभरी आदिशक्ति दुर्गा के अवतारों में एक हैं। देवी दुर्गा के सभी अवतारों में से रक्तदंतिका, भीमा, भ्रामरी, शाकंभरी आदि प्रसिद्ध हैं।
नवरात्र के दिनों में दुर्गा मां के नौं अलग-अलग स्वरूपों की उपासना की जाती है। देवी के कुल 51 शक्तिपीठ मंदिर है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, मां सती के शरीर के अलग-अलग अंग जिन जगहों पर गिरे वहां एक शक्तिपीठ की स्थापना हुई।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, देवी ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव शंकर को अपने पति के रूप में पाने के लिए बेहद ही कठिन तपस्या की थी। अपने तप के दौरान उन्होंने केवल बेल पत्र का सेवन किया था। बाद में इसे भी खाना त्याग कर निर्जल और निराहार रहकर तप करती रहीं।
गुप्त नवरात्रि का आज पहला दिन है। इस पर्व में मां दुर्गा के 10 महाविद्याओं की साधना और उपासना की जाती है। जानिए त्योहार का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
दुर्गाष्टमी व्रत प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है | आज के दिन जो भी व्यक्ति मां दुर्गा की उपासना करता है, देवी मां की कृपा से उसकी सारी मनोकामनयें पूरी हो जाती है और जीवन में चल रही समस्याओं का समाधान होता है |
आज नवरात्र का चौथा दिन है, आज देवी दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्माण्डा की उपासना की जायेगी | कूष्मांडा, यानी कुम्हड़ा | कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानि कि- कद्दू, यानि कि- पेठा, जिसका हम घर में सब्जी के रूप में इस्तेमाल करते हैं | मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत ही प्रिय है, इसलिए मां दुर्गा का नाम कूष्मांडा पड़ा |
आज नवरात्र का आठवां दिन है। इसे महाअष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। आज दुर्गा जी की आठवीं शक्ति माता महागौरी की उपासना की जायेगी।
नवरात्र का पर्व उदया तिथि में मनाया जाता है, लिहाजा आज नवरात्र का सातवां दिन है। आज के दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप माँ कालरात्रि की पूजा की जायेगी।
आश्विन शुक्ल पक्ष की उदया तिथि षष्टी के दिन नवरात्र का छठा दिन है। इस दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी की उपासना की जाएगी।
शारदीय नवरात्र के पांचवे दिन देवी दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की उपासना की जाएगी। इनकी उपासना से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
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