इजरायल-हमास युद्ध के बीच दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के उद्घाटन सत्र में पीएम मोदी ने हिंसा और आतंकवाद के खिलाफ भारत के अटूट रुख को फिर दोहराया है। उन्होंने इजरायल पर हमास के आंतकी हमले की निंदा की। साथ ही गाजा में सामान्य नागरिकों की मौत पर भी दुख जाताया। उन्होंने आम नागरिकों की मौत की निंदा भी की।
अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन और रक्षा सचिव ऑस्टिन अपने भारतीय समकक्षों, विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ-साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। चर्चा में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने, वैश्विक चिंताओं को दूर करने और भारत-प्रशांत में सहयोग को बढ़ावा देने सहित कई मुद्दे होंगे।
अंतरराष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा अब दुनिया भर के देशों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। समुद्र के रास्ते अवैध हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी ने जोर पकड़ा है। ऐसे में समुद्री व्यवस्था का बेहतर रखरखाव और अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी हो गया है। इसके लिए दुनिया की उम्मीद भरी निगाहें भारत की ओर हैं।
यह सुस्ती ऐसे समय में आई है, जब दुनिया विनाशकारी कोविड-19 महामारी के प्रकोप से पूरी तरह उबर नहीं पाई है।
भारत में कई आतंकी हमलों और घटनाओं को अंजाम देने वाले कई आतंकी अज्ञात दुश्मनों द्वारा दुनिया के विभिन्न भागों में मारे गए। ज्यादातर घटनाओं में गैंगवार की बात सामने आई। हाल ही में खालिस्तानी आतंकी और भारत के दुश्मन हरदीप सिंह निज्जर और सुक्खा की कनाडा में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार कर हत्या कर दी।
कट्टर दुश्मन चीन पहली बार कनाडा से हुए विवाद में भारत के पक्ष में उतर आया है। चीन ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में जस्टिन ट्रुडो द्वारा लगाए गए भारत पर आरोपों को पश्चिमी गठबंधन का एजेंडा बताया है। इसे भारत का फायदा उठाने के लिए दबाव की रणनीति बताई है। साथ ही कनाडा के सिखों को मोदी विरोधी बताया।
विश्व के जितने भी राष्ट्राध्यक्ष हैं उनमें से 22 नेताओं पर एक सर्वे किया गया। इस सर्वे में अप्रूवल और डिसअप्रूवल रेटिंग को एकत्र किया गया। इस सर्वे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 76 फीसदी अप्रूवल रेटिंग मिली। इस लिस्ट में पीएम मोदी पहले स्थान पर हैं।
पत्रिका ‘एनर्जीस’ में प्रकाशित एक स्टडी में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन से उपजी परिस्थितियों के कारण आने वाले 100 सालों में 100 करोड़ लोगों की जान जा सकती है।
नासा के मुताबिक इस साल जुलाई महीने में साल 1880 के बाद सबसे ज्यादा गर्मी दर्ज की गई है। इसका मुख्य कारण कार्बन उत्सर्जन के कारण हो रहे जलवायु परिवर्तन को बताया गया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध, कोरोना महामारी, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हालात के अलावा दुनिया के अन्य देशों के बीच तनाव, ईरान-इराक तनाव, चीन-ताईवान तनाव व इजरायल-फिलीपींस तनाव, आर्मीनिया-अजरबैजान युद्ध इत्यादि के चलते वैश्विक खाद्य, ऊर्जा और उर्वरक आपूर्ति श्रृंखला टूट चुकी है। इससे दुनिया भर में बड़ा मानवीय संकट पैदा हो गया है
अंटार्कटिका की पिघलती बर्फ ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों के होश उड़ा दिए हैं। यह महाविनाश का संकेत तो नहीं। क्या आगामी समय में धरती और अधिक गर्म होने वाली है, क्या धरती फिर से आग का गोला बनेगी। लगातार तेजी से गर्म होता तापमान वैसे भी शुभ संकेत नहीं दे रहा।
भारत और अमेरिका जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए प्रतिबद्धता से आगे बढ़ रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन केरी इसके लिए 25 से 29 जुलाई तक नई दिल्ली और चेन्नई की यात्रा करेंगे। इस दौरान भारत में चलने वाली बसों को जीरो कार्बन उत्सर्जन करने पर फोकस होगा।
इंदौर में जी-20 देशों के फाइनल सम्मेलन की बुधवार को शुरुआत हो गई है। सभी देशों का फोकस इस दौरान वैश्विक श्रम, रोजगार और कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा पर है। मध्य प्रदेश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में भारत की अध्यक्षता में जी-20 सदस्यों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
ब्रिटेन, जापान की अंतरिक्ष एजेंसियों ने भी भारत को सफल लॉन्चिंग के लिए बधाई दी है। वहीं चीन से भी भारत के चंद्रयान 3 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग को लेकर टिप्पणी आई है।
मुंबई में अप्रैल-जून में कार्यालय स्थल को पट्टे पर लेने का सकल आंकड़ा सालाना आधार पर नौ प्रतिशत गिरकर 27.3 लाख वर्गफुट रह गया।
चीन हमेशा की तरह इस बार भी आतंकवादियों के साथ खड़ा रहा। संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत और अमेरिका जब मिलकर लश्कर-ए-तैय्यबा के आतंकवादी साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव लेकर आए तो चीन ने उसे वीटो पॉवर लगाकर रोक दिया। पाकिस्तानी आतंकी साजिद मीर मुंबई हमले का साजिशकर्ता था।
ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज के चलते धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। इससे ग्लेशियर पिघल रहे हैं। ग्लेशियरों के पिघलने का मतलब समुद्र में जल स्तर की वृद्धि होना है। यह सब मानवता के विनाश के कारक हैं।
दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्थाएं आर्थिक मंदी की चपेट में हैं। यूरोप में ब्रिटेन के बाद जर्मनी की अर्थव्यवस्था भी दरक रही है, अमेरिका के हालात भी अच्छे नहीं हैं। इसका असर भारत पर निर्यात के मोर्चे पर दिखाई दे रहा है।
जलवायु परिवर्तन के खतरों ने पूरी दुनिया को बर्बादी के मुहाने पर ला कर खड़ा कर दिया है। ऐसा शायद ही कोई देश हो जो ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का दंश न झेल रहा हो। इसके समधान के लिए ब्राजील में शिखर सम्मेलन का प्लान बन रहा है।
जापान के जी-7 शिखर सम्मेलन में बतौर जी-20 अध्यक्ष शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी दुनिया को वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए 10 सूत्री कार्ययोजना का अहम मंत्र दिया।
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