पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी बज रही है। ग्लोबल वार्मिंग को लेकर बड़ी बात सामने आई है। यूएन की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल वैश्विक गर्मी के रिकॉर्ड "टूट गए" थे, 2023 रिकॉर्ड पर सबसे गर्म दशक रहा।
जापान में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ग्लोबल साउथ के देशों की फिर जोरदार वकालत की है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ के देशों को भारत में यकीन है। क्योंकि भारत ही उनकी आवाज उठाता है। उनकी समस्याओं को दुनिया के सामने रखता है। विदेश मंत्री ने कहा कि चीन तो ग्लोबल साउथ की चिंताओं से कोई मतलब ही नहीं रखता।
तेजी से बदल रहे वैश्विक परिवेश में भारत और जापान ग्लोबल पार्टनर हैं। दोनों देशों में लोकतंत्र और पारदर्शी व डिजिटल लेनदेन की व्यवस्था दुनिया में वैश्वीकरण को आगे बढ़ा रहा है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी भारत और जापान के बीच अहम साझेदारी है। क्वाड के माध्यम से भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया अहम काम कर रहे हैं।
दुनिया में समय से पहले ही वसंत ऋतु का आगमन हो गया है। जलवायु परिवर्तन की वजह से मौसमी चेंजेस आ रहे हैं। वसंत ऋतु का ही प्रभाव है कि जापान से मैक्सिको तक फूल जल्दी खिल गए हैं। यूरोप में जो स्कीइंग करने वाले रिजॉर्ट हैं, वहां बर्फ गायब हो चुकी है।
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि जिस तरह से आर्कटिक का बर्फ पिघल रहा है उससे 48,500 साल पुराना वायरस जोंबी जो समुद्र की सतह में छिपा है, फिर से एक्टिव हो सकता है। जानिए पूरी डिटेल्स-
रिपोर्ट में आर्थिक वृद्धि के लिए एक नए दृष्टिकोण का आह्वान किया गया जो दीर्घकालिक स्थिरता और समानता, गति और गुणवत्ता की जांच के साथ दक्षता को संतुलित करे।
पीएम मोदी ने 'वाइब्रेंट गुजरात समिट' का शुभारंभ किया है। इस दौरान उन्होंने ग्लोबल लीडर्स का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस समिट के चीफ गेस्ट यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान हैं।
साल 2024 में लगातार तीसरे साल वैश्विक इकॉनमी धीमी रह सकती है। वर्ल्ड बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही है। इससे गरीब देशों के कर्ज के जाल में फंसने की आशंका है। चीनी अर्थव्यवस्था में गिरावट से भी ग्लोबल इकॉनमी पर काफी असर पड़ा है।
दावोस में 15-19 जनवरी तक होने वाली अपनी सालाना बैठक से पहले रिपोर्ट जारी करते हुए WEF ने कहा कि सही पॉलिसी फ्रेमवर्क से ग्रोथ और प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी। कंपनियों को नकदी की बचत होगी।
चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स में लिखे एक लेख में फुडन यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज के डायरेक्टर झांग जियाडोंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है।
लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमले से ग्लोबल सप्लाई चेन पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। शिपिंग कंपनियां डरी हुई हैं। अगर लंबा रूट लिया जाता है, तो समय और लागत दोनों ही काफी अधिक बढ़ जाएंगी। इससे महंगाई बढ़ने का खतरा है।
पूरी दुनिया पर एआइ का खुमार छाने लगा है। अमेरिका, ब्रिटेन, चीन जैसे देशों ने एआइ में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। लिहाजा भारत भी किसी देश से पीछे नहीं रहना चाहता। पीएम मोदी ने हाल ही में भारत को एआइ में विश्व में बड़ा मुकाम दिलाने का ऐलान किया है। यूएन भी मानता है कि इस दिशा में भारत ग्लोबल साउथ का लीडर हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देहरादून में आयोजित दो दिवसीय ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का उद्घाटन किया। सम्मेलन में उन्होंने उत्तराखंड में निवेश की महत्ता को रेखांकित किया।
संयुक्त अरब अमीरात में चल रहे जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में भारत के सहयोगी देशों वाले समूह बेसिक ने ग्लोबल स्टॉकटेक से विकसित देशों की विफलताओं का हिसाब मांग लिया है। इससे विकसित देशों में खलबली मच गई है।
संयुक्त राष्ट्र ने ग्लोबल साउथ की आवाज बनने और उसकी मजबूत पैरोकारी के लिए भारत की जमकर सराहना की है। भारत ने जी-20 की अध्यक्षता के दौरान ही ग्लोबल साउथ की आवाज उठाना शुरू कर दिया था। भारत को ग्लोबल साउथ का भरोसा जीतने और उसका लीडर बनने से चीन और पाक परेशान हो गए हैं।
फ्रांस ने चीन से अपने संबंधों को सुधारने की दिशा में पहल करनी शुरू कर दी है। फ्रांस की विदेश मंत्री कैथेरिन कोलोना ने चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग से बातचीत की है। फ्रांस ने वैश्विक समस्याओं और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर चीन को साथ आने का आह्वान किया है।
इजरायल-हमास युद्ध के बीच दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के उद्घाटन सत्र में पीएम मोदी ने हिंसा और आतंकवाद के खिलाफ भारत के अटूट रुख को फिर दोहराया है। उन्होंने इजरायल पर हमास के आंतकी हमले की निंदा की। साथ ही गाजा में सामान्य नागरिकों की मौत पर भी दुख जाताया। उन्होंने आम नागरिकों की मौत की निंदा भी की।
अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन और रक्षा सचिव ऑस्टिन अपने भारतीय समकक्षों, विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ-साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। चर्चा में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने, वैश्विक चिंताओं को दूर करने और भारत-प्रशांत में सहयोग को बढ़ावा देने सहित कई मुद्दे होंगे।
अंतरराष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा अब दुनिया भर के देशों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। समुद्र के रास्ते अवैध हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी ने जोर पकड़ा है। ऐसे में समुद्री व्यवस्था का बेहतर रखरखाव और अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी हो गया है। इसके लिए दुनिया की उम्मीद भरी निगाहें भारत की ओर हैं।
यह सुस्ती ऐसे समय में आई है, जब दुनिया विनाशकारी कोविड-19 महामारी के प्रकोप से पूरी तरह उबर नहीं पाई है।
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