जयपुर में हो रहे इस तीन दिवसीय समिट में 32 देश भाग लेंगे जिसमें 17 देश ‘पार्टनर कंट्री’ होंगे। इसमें भाग लेने वाले देश के प्रमुख उद्योगपतियों में कुमार मंगलम बिड़ला, अनिल अग्रवाल, गौतम अदाणी, आनंद महिंद्रा, संजीव पुरी, अजय एस. श्रीराम शामिल हैं।
दिसंबर का महीना शुरू हो गया लेकिन इस बार अबतक कड़ाके की ठंड नहीं पड़ रही है। अगर ध्यान दें तो इस बार वसंत भी रूठा-रूठा ही रहा। मौसम क्यों ऐसा बर्ताव कर रहा, विश्व मौसम विज्ञान ने दी है चेतावनी, जानें पूरी खबर-
ग्लोबल साउथ में भारत की लगातार बढ़ती सक्रियता से अमेरिका और चीन जैसे देशों को गहरी चिंता होने लगी है। अब भारत ग्लोबल साउथ की आवाज बन चुका है। इसके बाद वह इन देशों का "ऊर्जा" सप्लायर बनने की राह पर है।
अजरबैजान की राजधानी बाकू में विश्व मंच पर भारत ने जलवायु परिवर्तन के मामले में ग्लोबल साउथ के लिए निर्धारित किए गए केवल 300 अरब अमेरिकी डॉलर के जलवायु वित्त परिवर्तन को बहुत कम राशि बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया। दुनिया के अन्य देश भी भारत के समर्थन में आ गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका में ग्लोबल पीस अवार्ड यानि विश्व शांति पुरस्कार से नवाजा जाएगा। यह पुरस्कार उन्हें दुनिया में शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समुदायों में सामाजिक समरसता भरने के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के लिए दिया जाएगा।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी की तारीफ के बाद अब भारत को सुपरपॉवर लिस्ट में शामिल करने के लिए जबरदस्त पैरोकारी की है। उन्होंने दुनिया को ललकार भरे अंदाज में कहा-"भारत भी वैश्विक महाशक्तियों की सूची का हकदार है। "
पिछले महीने 31 अक्टूबर को रिलीज हुई सिवकार्थिकेयन और साई पल्लवी की 'अमरन' 100 करोड़ के क्लब में शामिल हो गई है। फिल्म ने 4 दिनों में वर्ल्डवाइड धमाकेदार कलेक्शन किया है। मेजर मुकुंद वरदराजन के जीवन पर बनी इस फिल्म ने दुनिया भर में पहले दिन 24.7 करोड़ का बिजनेस किया था।
वैश्विक संघर्ष को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने बेहद चिंताजनक बयान जारी किया है। यूएन ने कहा कि जंग से सतत विकास लक्ष्य हासिल करने में बाधा पैदा हो रही है। यह पूरे विश्व के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
ग्लोबल साउथ पर पीएम मोदी की कूटनीति से पूरी दुनिया हैरान रह गई है। नवंबर 2023 में भारत में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ को जी-20 शामिल कराकर चीन को बड़ा झटका दिया था। अब ग्लोबल साउथ सबसे ज्यादा भरोसा भारत पर कर रहा है।
अपनी सादगी, ईमानदारी और देश की तरक्की की सोच रखने वाले रतन टाटा के निधन से पूरे भारत में गहरा शोक व्याप्त हो गया है। 86 वर्षीय रतन टाटा के निधन से हर भारतीय सदमे में है। उन्होंने इस कंपनी को दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में विस्तार कर भारत को वैश्विक पहचान दिलाई।
भारत ने ग्लोबल साउथ की आवाज बनने के बाद अब उसके हितों की चिंता करनी भी शुरू कर दी है। भारत का लक्ष्य अब ग्लोबल साउथ के देशों को नए ऋण के जाल में फंसने से बचाना है।
बर्फीले रेगिस्तान कहे जाने वाले 'अंटार्कटिका' में हरित क्षेत्र बढ़ने से वैज्ञानिकों ने चिंता जताई है। एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 से 2021 के बीच अंटार्कटिका में बर्फ भी तेजी से पिघली है। इसके बाद से अंटार्कटिका में कई चिंताजनक निष्कर्ष सामने आए हैं।
चीनी सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों में कटौती की और बैंकिंग सिस्टम में 143 अरब डॉलर की पूंजी देने का ऐलान किया। सेंट्रल बैंक ने सूचीबद्ध फर्मों के लिए अपने शेयर वापस खरीदना भी आसान बना दिया।
भारत ने जी-20 में अफ्रीकी संघ को शामिल कराकर खुद को ग्लोबल साउथ के बड़े पैरोकार के रूप में पेश करने का जो प्रयास किया था, अब उस पर संयुक्त राष्ट्र की भी मुहर लग गई है। यूएन ने कहा कि आज ग्लोबल साउथ को केवल भारत के दृष्टिकोण पर भरोसा है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने विकासोन्मुखी दृष्टिकोण से जी20 को आगे बढ़ाया है। ‘‘ग्लोबल साउथ की ताकत उसकी एकता में है। इसी एकता के बल पर हम नयी दिशा की ओर बढ़ेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ सम्मेलन एक ऐसा मंच है, जहां हम उन लोगों की जरूरतों, आकांक्षाओं को आवाज देते हैं, जिन्हें अभी तक अनसुना किया गया है।
पीएम मोदी ने पूरे देश को एक बार फिर गर्व का मौका दिया है। प्रधानमंत्री ने भारत को ग्लोबल साउथ की आवाज बनाकर पूरी दुनिया को बड़ा संदेश दिया है। यही वजह है कि अब ग्लोबल साउथ के देश भारत की तारीफ करते नहीं थक रहे।
1987 से 2021 तक मुंबई में समुद्र के स्तर में अधिकतम वृद्धि देखी गई जो 4.440 सेमी है। इसके बाद हल्दिया में 2.726 सेमी, विशाखापत्तनम में 2.381 सेमी, कोच्चि में 2.213 सेमी, पारादीप में 0.717 सेमी और चेन्नई में 0.679 सेमी की वृद्धि समुद्र के जल स्तर में हुई।
संयुक्त राष्ट्र में नीति आयोग ने वैश्विक समस्याओं के समाधान में भारत को कुंजी की तरह काम करने वाला देश बताया है। क्योंकि भारत विभिन्न क्षेत्रों में समस्याओं के समाधान में अहम रोल निभा रहा है। नीति आयोग ने पीएम मोदी के दृष्टिकोण वाले नये भारत को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया है।
हमारी धरती अपनी चाल बदल रही है। इस वजह से अब दिन लंबे होंगे और रातें छोटी हो जाएंगी। पोलर रीजन में बर्फ पिघलने की रफ्तार तेज होने से पृथ्वी की गति पर पड़ रहा है। जानिए और क्या-क्या बदलेगा?
हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में वायु प्रदूषण से भारत में 21 लाख लोगों की मौत हो गई। 2021 में होने वाली मौत के मामलों की संख्या किसी भी पिछले साल के अनुमान से ज़्यादा रही थी।
संपादक की पसंद