कंपनी ने कहा है कि दवा ने डायग्नोस्टिक परीक्षणों में रोगियों के बीच हृदय और गुर्दे की सुरक्षा परिणामों पर पॉजिटिव असर डाला है, जिससे यह टाइप 2 मधुमेह मेलिटस वाले रोगियों के लिए इलाज का एक प्रभावी ऑप्शन बन गया है।
भारत के दवा नियामक ने ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स के उस दावे के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है, जिसमें उसने कथित रूप से 'मित्या दावा' किया था कि कोविड-19के ऐसे मरीजों के इलाज में फैबीफ्लू का इस्तेमाल किया जा रहा है जिन्हें दूसरी बीमारियां भी हैं।
फेबीफ्लू को पिछले महीने बाजार में उतारा गया था। तब एक गोली की कीमत 103 रुपए रखी गई थी।
कंपनी ने अपने एक बयान में कहा कि फैबीफ्लू कोविड-19 के उपचार के लिए ओरल फैवीपिराविर-अप्रूव्ड दवा है।
मरीज पर परीक्षण की अवधि 14 दिन से ज्यादा नहीं हो सकती है। वहीं इसके पूरे अध्ययन की अवधि 28 दिन से ज्यादा नहीं हो सकती है।
बंबई उच्च न्यायालय ने एक दवा कंपनी को ट्रेडमार्क उल्लंघन के मामले में केरल में बाढ़ राहत के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में 1.50 करोड़ रुपए जमा करने का आदेश दिया है।
ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने कहा कि उसने कर्ज भुगतान के लिए डॉलर मूल्य वाले गैर-परिवर्तनीय बांड जारी करे 20 करोड़ डॉलर जुटाने की योजना बनाई है।
ग्लेनमार्क फार्मा ने कैंसर के रोगियों के लिए किस्तों में भुगतान की योजना शुरू की है, ताकि वे दवाओं की भारी-भरकम लागत से उबरा जा सके।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़